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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन

  • 10 Oct 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बाल्टिक सागर और उसके आसपास के देश, रूस-यूक्रेन संकट।

मेन्स के लिये:

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में डेनमार्क और स्वीडन के पास स्थित नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन्स (नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2) में रिसाव हुआ है।

  • यह रिसाव नॉर्वे से पोलैंड तक गैस ले जाने वाले बाल्टिक पाइप के औपचारिक लॉन्च से ठीक पहले हुआ, जो पोलैंड द्वारा ऊर्जा के लिये रूस पर अपनी निर्भरता को कम करने का एक प्रयास है।

नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन:

  • नॉर्ड स्ट्रीम में दो पाइपलाइन हैं, जिनमें से प्रत्येक में दो लाइन्स हैं।
    • नॉर्ड स्ट्रीम-1 का कार्य वर्ष 2011 में पूरा हुआ था जो लेनिनग्राद (रूस) में वायबोर्ग से जर्मनी के ग्रिफ़्सवाल्ड के पास लुबमिन तक पहुँचती है।
    • नॉर्ड स्ट्रीम-2 जो लेनिनग्राद में उस्त-लुगा से होकर लुबमिन तक पहुँचती है, यह सितंबर 2021 में पूरी हुई और इसके चालू होने के बाद इसमें प्रतिवर्ष 55 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस को ले जाने की क्षमता है।
  • जुड़वाँ पाइपलाइन एक साथ कम-से-कम 50 वर्षों के लिये कुल 110 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) गैस को यूरोप तक पहुँचा सकती हैं।
  • नॉर्ड स्ट्रीम रूस, फिनलैंड, स्वीडन, डेनमार्क और जर्मनी सहित कई देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Exclusive Economic Zones-EEZs) एवं रूस, डेनमार्क तथा जर्मनी के जलीय क्षेत्र को पार करती है।
  • जर्मनी में पाइपलाइन बाल्टिक सागर पाइपलाइन (OPAL) और उत्तरी यूरोपीय पाइपलाइन (North European Pipeline- NEL) से जुड़ती है, जो आगे यूरोपीय ग्रिड से जुड़ती है।

Bornholm

नॉर्ड स्ट्रीम से होने वाली आपूर्ति पर युद्ध के प्रभाव:

  • यूक्रेन पर आक्रमण करने के कारण यूरोपीय संघ द्वारा मास्को पर प्रतिबंध लगाने के बाद रूस ने पहले ही यूरोप को गैस की आपूर्ति कम कर दी थी।
  • नॉर्ड स्ट्रीम-1 के माध्यम से होने वाली गैस की आपूर्ति को जुलाई 2022 में इसकी क्षमता के 20% तक कम कर दिया गया था।
  • अगस्त 2022 में रूस ने आपूर्ति को बंद कर दिया और रख-रखाव का हवाला देते हुए नॉर्ड स्ट्रीम-1 को पूरी तरह से बंद कर दिया। गज़प्रोम (Gazprom) कंपनी ने तर्क दिया कि नॉर्ड स्ट्रीम-1 पाइपलाइन पर एक टरबाइन में तेल रिसाव की वजह से इसे बंद कर दिया गया था।
  • इसके पूरा होने के बावजूद रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के कारण जर्मनी द्वारा परियोजना से हटने के बाद नॉर्ड स्ट्रीम-2 चालू नहीं हुई।
  • इस स्ट्रीम को यूरोप में रूस के ऊर्जा निर्यात को दोगुना करके 110 बिलियन क्यूबिक मीटर करना था।
  • गैस पाइपलाइन से गैस की कम आपूर्ति के परिणामस्वरूप यूरोप में ऊर्जा की कीमतों में अचानक वृद्धि हो गई। नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के बंद होने के साथ ही सर्दियों के आगमन से यूरोप को एक कठिन दौर का सामना करना पड़ सकता है।

यूरोप और रूस के लिये इसका महत्त्व:

  • यूरोप:
    • यूरोप को प्रतिवर्ष 100 बिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक प्राकृतिक गैस की आवश्यकता होती है जिसके लगभग 40% आपूर्ति का स्रोत रूस है।
    • पिछले कुछ वर्षों में यूरोप घरेलू गैस उत्पदन में कमी के कारण गैस आयात पर काफी निर्भर हो गया है। उसके लिये इस निर्भरता को कम करना मुश्किल है क्योंकि फिलहाल अन्य कोई बेहतर विकल्प नहीं है।
    • कई यूरोपीय व्यवसायों ने नॉर्ड स्ट्रीम-2 में बड़ा निवेश किया है और सरकारों पर इनका दबाव भी है। आखिरकार रूस द्वारा गैस आपूर्ति में कमी किये जाने के कारण पहले से ही गैस की ऊँची कीमतों में और वृद्धि होगी तथा यह घरेलू स्तर पर अधिक लाभकारी नहीं होगा।
  • रूस:
    • रूस, जिसके पास दुनिया में सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार मौजूद है, के कुल बजट का लगभग 40% हिस्सा गैस एवं तेल की बिक्री से प्राप्त होता है।
    • इस लिहाज़ से ‘नॉर्ड स्ट्रीम-2’ काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह पारगमन देशों के माध्यम से गैस भेजने से संबंधित जोखिमों को समाप्त करता है, पारगमन शुल्क को हटाकर परिचालन लागत में कटौती करता है और अपने सबसे महत्त्वपूर्ण यूरोपीय ग्राहक, जर्मनी तक सीधी पहुँच प्रदान करता है।
    • यह विश्वसनीयता का निर्माण करके रूस पर यूरोप की निर्भरता को और अधिक बढ़ाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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