लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भारतीय अर्थव्यवस्था

सेस और लेवी

  • 05 Oct 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत का नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG), संचित निधि, उपकर, अधिभार 

मेन्स के लिये:

सहकारी संघवाद से संबंधित मुद्दे, कैग की भूमिका 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने संसद को बताया कि केंद्र ने राजकोषीय वर्ष 2018-19 में सेस/लेवी (Cesses & Levies) से अर्जित 60% आय को संबंधित रिज़र्व फंड में स्थानांतरित कर दिया है और भारत की संचित निधि (CFI) में शेष राशि को बचाए रखा है।

प्रमुख बिंदु

गैर-उपयोगी निधि:

केंद्र ने  वित्त वर्ष 2019 में 35 सेस/लेवी (Cesses & Levies) से 2.75 लाख करोड़ रुपए प्राप्त किये थे। हालाँकि इसने केवल 1.64 लाख करोड़ रुपए स्थानांतरित किये हैं और 1.1 लाख करोड़ रुपए को संचित निधि में जमा किया है।

  • जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर (Cess) के 40,000 करोड़ रुपए संबंधित रिज़र्व फंड में जमा नहीं किये गए।
  • सड़क और अवसंरचना उपकर के 10,157 करोड़ रुपए न तो संबंधित रिज़र्व फंड को हस्तांतरित किये गए और न ही उस प्रयोजन के लिये उपयोग किये गए, जिसके लिये उपकर एकत्र किया गया था।
  • यूनिवर्सल सर्विस लेवी का 2,123 करोड़ रुपए तथा नेशनल मिनरल ट्रस्ट लेवी ( National Mineral Trust levy) के रूप में एकत्र किये गए 79 करोड़ रुपए को संबंधित रिज़र्व फंड में हस्तांतरित नहीं किया गया।
  • सीमा शुल्क पर समाज कल्याण अधिभार आरोपित कर 8,871 करोड़ रुपए एकत्रित किये गए लेकिन इसके लिये कोई समर्पित फंड की परिकल्पना नहीं की गई थी।
  • रिज़र्व फ़ंड के गैर-निर्माण/गैर-संचालन से यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाता है कि संसद द्वारा निर्धारित विशिष्ट उद्देश्यों के लिये सेस और लेवी का उपयोग किया गया है।
  • इसके अलावा वर्ष 2010-20 के बीच एकत्रित कच्चे तेल पर उपकर का प्रतिनिधित्व करते हुए 1,24,399 करोड़ रुपए, तेल उद्योग विकास बोर्ड (नामित रिज़र्व फंड) को हस्तांतरित नहीं किये गए थे और इसे संचित निधि में रखा गया था।

उपयोग की क्रियाविधि:

  • संगृहीत किये गए उपकर और लेवी को पहले नामित आरक्षित निधि में स्थानांतरित किया     जाता है और संसद द्वारा इच्छित विशिष्ट उद्देश्यों के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
  • सेस और अन्य लेवी के साथ केंद्रीय करों के माध्यम से एकत्रित फंड संचित निधि में जमा किये जाते हैं।
  • संचित निधि में कर और अधिभार एक विभाज्य पूल में जमा किये जाते हैं और इसमें से कुल  संग्रहण का 42% राज्यों को दिया जाता है।

भारत की संचित निधि 

इसका प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266 (1) के तहत किया गया है।

इसमें सम्मिलित हैं:

  • कर के माध्यम से केंद्र को प्राप्त सभी कर राजस्व (आयकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और अन्य रसीदें) और सभी गैर-कर राजस्व।
  • सार्वजनिक अधिसूचना, ट्रेज़री बिल (आंतरिक ऋण) और विदेशी सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों (बाहरी ऋण) से केंद्र द्वारा प्राप्त किये गए सभी ऋण।
  • इस निधि से सभी सरकारी व्यय होते हैं (असाधारण मदों को छोड़कर, जो आकस्मिकता निधि या सार्वजनिक खाते से मिलते हैं) और संसद से प्राधिकरण के बिना निधि से कोई राशि नहीं निकाली जा सकती।

उपकर

(Cess)

  • सेस एक करदाता के कर दायित्त्व के ऊपर लगाए गए कर का एक रूप है।
  • उपकर का उपयोग केवल तभी किया जाता है जब लोक कल्याण के लिये विशेष व्यय को पूरा करने की आवश्यकता होती है।
  • सेस सरकार के लिये राजस्व का एक स्थायी स्रोत नहीं है और इसके लिये निर्धारित  उद्देश्य के पूरा होने पर इसे बंद कर दिया जाता है।
  • इसे अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष दोनों करों पर लगाया जा सकता है।

स्वच्छ भारत उपकर: इसे वर्ष 2015 में पेश किया गया, भारत की सड़कों, गलियों और बुनियादी ढांचे की स्वच्छता हेतु एक राष्ट्रीय अभियान के लिये 0.5% का स्वच्छ भारत उपकर लगाया गया।

इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस: केंद्रीय बजट 2016 में घोषित, इस उपकर को वाहनों के उत्पादन पर लगाया गया था।

अधिभार

  • यह किसी मौजूदा कर में जोड़ा जाता है और वस्तु या सेवा के घोषित मूल्य में शामिल नहीं होता है।
  • यह अतिरिक्त सेवाओं या कमोडिटी मूल्य वृद्धि की लागत को कम करने के लिये लगाया जाता है

स्रोत- द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2