कृषि
गैर-यूरिया उर्वरक सब्सिडी
- 23 Apr 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:पोषक तत्त्वों पर आधारित सब्सिडी (NBS) योजना, खाद्य, उर्वरक और ईंधन सब्सिडी मेन्स के लिये:उर्वरक सब्सिडी का विवेकीकरण |
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति’ (Cabinet Committee on Economic Affairs- CCEA) ने वर्ष 2020-21 के लिये गैर-यूरिया उर्वरकों के लिये ‘पोषक तत्त्वों पर आधारित सब्सिडी’ (Nutrient Based Subsidy- NBS) दरों का निर्धारण किया है।
मुख्य बिंदु:
- केंद्र सरकार ने वर्ष 2020- 21 के लिये गैर-यूरिया उर्वरक सब्सिडी में 3% की कटौती करके 22,186 करोड़ रुपये व्यय का लक्ष्य रखा है।
- वर्ष 2019-20 में गैर-यूरिया उर्वरक सब्सिडी की अनुमानित लागत 22,875 करोड़ रुपए थी।
- CCEA ने NBS योजना के तहत अमोनियम फॉस्फेट नामक मिश्रित उर्वरक को भी शामिल करने की मंज़ूरी दी।
पोषक तत्त्वों पर आधारित सब्सिडी (NBS) योजना:
पृष्ठभूमि:
- यह योजना ‘उर्वरक और रसायन मंत्रालय’ (Ministry of Fertilizers and Chemicals) के उर्वरक विभाग द्वारा वर्ष 2010 से लागू की जा रही है।
- NBS नीति के तहत सरकार फॉस्फेट और पोटाश (P & K) उर्वरकों के प्रत्येक पोषक तत्त्व जैसे- नाइट्रोज़न (N), फॉस्फेट (P), पोटाश (K) और सल्फर (S) पर, सब्सिडी की एक निश्चित दर की घोषणा करती है।
वर्ष 2020-21 के लिये प्रति किग्रा. सब्सिडी (रुपए में):
N (नाइट्रोजन) |
P (फॉस्फोरस) |
K (पोटाश) |
S (सल्फर) |
18.789 |
14.888 |
10.116 |
2.374 |
उद्देश्य:
- पर्याप्त मात्रा में P & K उपलब्धता।
- कृषि में उर्वरकों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित करना।
- स्वदेशी उर्वरक उद्योग के विकास को बढ़ावा देना।
- सब्सिडी के बोझ को कम करना।
गैर-यूरिया उर्वरक सब्सिडी का निर्धारण:
- वार्षिक आधार पर सब्सिडी निर्धारित करते समय अंतर्राष्ट्रीय मूल्य, विनिमय दर, अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में गैस की कीमत सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखा जाता है।
- इस योजना के तहत किसानों को सस्ती कीमत पर फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये की गई थी।
- उर्वरक कंपनियों को उपर्युक्त दरों के अनुसार सब्सिडी जारी की जाएगी, ताकि वे किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करा सके।
- NBS नीति के तहत कंपनियों को उर्वरकों की ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ (Maximum Retail Price- MRP) तय करने की अनुमति है।
यूरिया के संबंध में सरकार की नीति:
- यूरिया के संबंध में किसानों को वैधानिक रूप से अधिसूचित ‘अधिकतम खुदरा मूल्य’ (Maximum Retail Price- MRP) पर यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है।
- सरकार द्वारा यूरिया निर्माता/आयातक को; यूरिया इकाइयों द्वारा किसानों या फार्म गेट तक उर्वरक उपलब्ध कराने की लागत तथा MRP के बीच के मूल्य अंतर सब्सिडी के रूप में दी जाती है।
लाभ:
- यह उर्वरक निर्माताओं तथा आयातकों को आपूर्ति संबंधी अनुबंधों को पूरा करने में मदद करेगा तथा इससे वर्ष 2020-21 के लिये उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
निष्कर्ष:
- NBS को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य उर्वरक कंपनियों के बीच उचित मूल्य पर बाज़ार में विविध उत्पादों की उपलब्धता के लिये प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाना था। हालांकि P & K उर्वरकों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है।
खाद्य, उर्वरक और ईंधन सब्सिडी बिल (करोड़ रुपए में):
खाद्य |
उर्वरक |
ईंधन |
कुल |
1,15,569.68 |
71,309 |
40,915.21 |
2,27,793.89 |