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भारतीय अर्थव्यवस्था

अनिवासी सामान्य खाता

  • 26 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

अनिवासी सामान्य खाता

मेन्स के लिये:

बांग्लादेश, पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिये अनिवासी सामान्य खाता की सुविधा

चर्चा में क्यों ?

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) द्वारा नवंबर 2018 में बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को अनिवासी सामान्य खाता (Non-Resident Ordinary Rupee Account- NRO) खोलने की अनुमति दी गई थी, जो कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (Citizenship Amendment Act) के पारित होने के बाद एक प्रासंगिक विषय बन गया है।

मुख्य बिंदु:

  • RBI ने इससे संबंधित अधिसूचना 9 नवंबर, 2018 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमा) संशोधन विनियम, 2018 [Foreign Exchange Management (Deposit) Amendment Regulations, 2018] के तहत जारी की थी।
  • उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुस्लिमों को अल्पसंख्यक न मानने का प्रावधान करता है।

क्या थी RBI की अधिसूचना?

  • RBI द्वारा वर्ष 2018 में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, भारत में रह रहा ऐसा व्यक्ति जो बांग्लादेश या पाकिस्तान का नागरिक है तथा उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों अर्थात् हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म से संबंधित है एवं जिसे केंद्र सरकार द्वारा दीर्घकालिक वीज़ा (Long Term Visa) प्रदान किया गया है। इन देशों के ऐसे अल्पसंख्यकों को भारत में अर्जित आय का प्रबंधन करने के लिये NRO खाता खोलने की अनुमति दी गई थी।
  • जब ये अल्पसंख्यक व्यक्ति नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत भारत के नागरिक बन जाएंगे तो उक्त NRO खातों को निवासी खातों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
  • इस अधिसूचना में उन अल्पसंख्यक व्यक्तियों को भी अर्द्धवार्षिक समीक्षा के आधार पर NRO खाता खोलने की अनुमति दी गई थी, जिन्होंने दीर्घकालिक वीज़ा के लिये आवेदन किया है तथा जिनके पास संबंधित विदेशी पंजीकरण कार्यालय (Foreigner Registration Office-FRO)/ विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (Foreigner Regional Registration Office-FRRO) द्वारा जारी वैध वीज़ा और आवासीय परमिट है।
  • ऐसे NRO खाता खोलने वाले बैंकों को त्रैमासिक आधार पर गृह मंत्रालय को इन खातों के संबंध में जानकारी देनी होगी।

क्या है विवाद?

  • कुछ बैंकरों के अनुसार, RBI द्वारा उठाया गया यह कदम सिर्फ नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 को लेकर ही सवाल खड़े नहीं करता बल्कि इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है कि एक संघीय संस्था, जो कि पूरी तरह से स्वायत्त है तथा किसी पूर्वाग्रह एवं धार्मिक व्यवस्था से प्रभावित नहीं है, वह नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 पारित होने के लगभग एक वर्ष पहले ऐसी अधिसूचना जारी करती है जिसमें बांग्लादेश या पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को उसी प्रकार परिभाषित किया गया है, जिस प्रकार के प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 में किये गए हैं।

क्या होता है अनिवासी सामान्य खाता

(Non-Resident Ordinary Rupee Account):

  • यह किसी अनिवासी भारतीय द्वारा भारत में अर्जित आय का प्रबंधन करने के लिये खोला जाने वाला एक बचत या चालू खाता है।
  • इस खाते में भारतीय मुद्रा के साथ-साथ विदेशी मुद्रा के रूप में भी धन जमा कर सकते हैं तथा भारतीय मुद्रा में आहरण कर सकते है।
  • इस खाते को अनिवासी भारतीय द्वारा एक भारतीय नागरिक या किसी अनिवासी भारतीय के साथ भी खोला जा सकता है।
  • इस खाते में अर्जित ब्याज़ कर-योग्य होता है।
  • इस खाते के माध्यम से ब्याज राशि तथा मूलधन की एक निर्धारित सीमा को भी अपने देश वापस भेजा जा सकता है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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