प्रवासी भारतीय सम्मान - 2017 | 11 Jan 2017

सन्दर्भ 

9 जनवरी, 2017 को प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा ‘प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार’ प्रदान किये गए|

पृष्ठभूमि 

  • प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है। 
  • ध्यातव्य है कि सन 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन को एक नई दिशा देकर हमेशा के लिये भारतीयों का जीवन बदल दिया था|
  • दरअसल, भारत सरकार द्वारा इस दिवस को मनाने की शुरुआत सन 2003 में, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल के दौरान हुई।
  • इस अवसर पर प्रायः तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दौरान किसी देश में अपने कार्यक्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले भारतवंशियों का सम्मान किया जाता है तथा उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया जाता है।
  • प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्देश्य है- प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों का उत्सव मनाना और उनकी सफलताओं पर गर्व करना।
  • यह आयोजन विदेशों में रह रहे भारतीयों को दुनिया के विभिन्न भागों में रह रहे भारतीय समुदाय से मिलने-जुलने और संपर्क बनाने का मौका देता है, साथ ही, यह भारतवंशियों से संबंधित विषयों और उनकी समस्याओं पर चर्चा का मंच भी है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस वर्ष 14वाँ प्रवासी भारतीय दिवस बंगलुरु में आयोजित किया गया।
  • पिछले वर्ष के अंत में यह निर्णय किया गया था कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्‍मेलन का आयोजन हर दो वर्ष के अंतराल पर किया जाएगा। इसलिये, प्रवासी भारतीय दिवस 2017 में प्रदान किये जाने वाले पुरस्कारों की संख्या पहले से दोगुनी होकर 30 हो गई है। 
  • इसके अलावा,  निर्णायक-सह-पुरस्कार समिति दिये जाने वाले क्षेत्रों में व्यक्तियों के लिए अपने विवेकानुसार छह और  नामांकन कर सकती हैं। 
  • इस वर्ष निर्णायक समिति ने भारत के विकास की दिशा में योगदान, भारत में धर्मार्थ कार्य और जनहितैषी निवेश पर उपलब्धियों के लिये प्रवासी भारतीयों के योगदान पर भी विचार किया है।
  • सभी पात्र श्रेणियों के प्रवासी भारतीयों/संगठनों से निर्धारित प्रारूप में नामांकन आमंत्रित किये गए थे। निर्णायक समिति के सदस्यों ने सभी पात्र नामांकनों पर विचार किया और प्रासंगिक जानकारी को समिति के समक्ष रखा। 
  • विस्तृत विचार-विमर्श के बाद,  20 दिसम्बर , 2016 को समिति द्वारा प्रवासी भारतीय सम्‍मान पुरस्‍कार, 2017 के लिये निर्णायक-सह-पुरस्कार समिति ने सर्वसम्मति से 30 प्रत्याशियों की पुरस्‍कार के लिये सिफारिश की|
  • यह सम्मान प्राप्त करने वाले 30 व्यक्तियों में से जीनत मुस्सर्रत ज़ाफरी (सऊदी अरब) को शिक्षा के लिये, आरिफ उल इस्लाम (लीबिया) को सामुदायिक सेवा के लिये सम्मानित किया गया| 
  • इसके अतिरिक्त, एंटोनियो लुईस संतोस डी कोस्ता (पुर्तगाल), नीना गिल (यू.के.), प्रीती पटेल (यू.के.), निशा देसाई ( यूनाइटेड स्टेट्स), तथा मॉरीशस के वित्त मंत्री परविंद कुमार प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं| 
  • सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री (भारतीय मूल के) एंतोनियो कोस्ता शामिल हुए|
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विदेश मंत्रालय विदेशों में रह रहे भारतीयों तक पहुँच बनाने के लिये डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल कर रहा है। प्रवासी भारतीय दिवस को सफल बनाने में डिजिटल इंडिया अभियान भी अहम भूमिका निभा रहा है|

निष्कर्ष

भारत सरकार का उद्देश्य है कि प्रवासी प्रशिक्षित, सुरक्षित और विश्वास के साथ प्रवास करें| देश से बाहर भारतीयों को बेहतर मौके दिलाने के उद्देश्य से भारत सरकार एक कौशल विकास कार्यक्रम (Skill development programme) ‘प्रवासी कौशल विकास योजना’ लॉन्च करने वाली है| भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीय भी हमारे साथ हैं| विदेशों में भारतीयों को केवल संख्या की वजह से नहीं जाना जाता है बल्कि उनके योगदान के लिये उन्हें सम्मानित किया जाता है| प्रवासी भारतीय जहाँ भी रहते हैं, वे उसे ही अपनी कर्मभूमि मानते हैं और वहाँ विकास कार्य में योगदान देते हैं| भारतीय ‘ब्रेन-ड्रेन’ को ‘ब्रेन-गेन’ में बदलना संभव हैं| इसके लिये भारत सरकार विदेश में बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में जाने वाले कामगारों के लिये 'अधिकतम सुविधा और ‘ न्यूनतम असुविधा ‘ सुनिश्चित करना चाहती है|