मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-संचारी रोग | 27 Jan 2020
प्रीलिम्स के लिये:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, गैर-संचारी रोग
मेन्स के लिये:
भारत में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे, सरकार द्वारा स्वास्थ्य की दिशा में उठाए गए कदम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission- NHM) के अंतर्गत की गई एक जाँच में यह बात सामने आई है कि मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-संचारी रोगों में वृद्धि हुई है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार, मध्य प्रदेश के ग्रामीण गैर-आदिवासी क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों में वृद्धि हुई है जिसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की कमी है।
- दिसंबर 2019 में राज्य में 30 वर्ष से अधिक आयु के 30 लाख लोगों की स्क्रीनिंग (Screening) की गई थी जिससे पता चलता है कि रायसेन, होशंगाबाद और सिवनी ज़िलों पर बीमारियों का सबसे अधिक बोझ है।
- प्रदेश में की गई 89 आदिवासी क्षेत्रों की स्क्रीनिंग से स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में इन बीमारियों का कम प्रभाव है, यह आँकड़ा आश्चर्यचकित कर देने वाला है। ध्यातव्य है कि इन 89 जनजातीय क्षेत्रों में कम स्वास्थ्य जागरूकता के बावजूद देश की सबसे बड़ी जनजातीय जनसंख्या निवास करती है।
मध्य प्रदेश में गैर-संचारी रोगों से संबंधित तथ्य
- मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग 20% हिस्सा उच्च रक्तचाप से पीड़ित है।
- वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-2014 के अनुसार, भारत के लगभग 100 ज़िलों में उच्च रक्तचाप के अत्यधिक मामले पाए गए हैं जिनमें से 15 ज़िले मध्य प्रदेश के हैं।
- इंदौर में स्कूलों के लगभग 6.8% लड़के एवं 7% लड़कियाँ उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं जो कि राज्य में सर्वाधिक आँकड़ा है।
- राज्य के लगभग 22% नागरिकों का रक्तदाब (Blood Pressure) औसत से अधिक है।
- राज्य के पश्चिमी निमाड़ क्षेत्र में उच्च रक्तचाप के सर्वाधिक 29% मामले पाए गए हैं।
उच्च रक्तचाप का कारण
- उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण ट्रांस फैटी एसिड (Trans Fatty Acid) के हाइड्रोजनीकृत (Hydrogenated Forms) रूप का अत्यधिक सेवन करना है।
- ध्यातव्य है कि ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी खाना पकाने वाले तेल का पुनः उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है जो कि उच्च रक्तचाप का महत्त्वपूर्ण कारण है।
NHM द्वारा संचालित कार्यक्रम से संबंधित बातें
- इस कार्यक्रम के तहत जाँच के लिये चयनित लोगों में से 86% लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Center- PHC) स्तर पर गैर-संचारी रोगों की पहचान पर ध्यान केंद्रित करने और ज़िला स्तर पर उपचार सुनिश्चित करने और अनुवर्ती उपचार के लिये रखा गया था।
- इस कार्यक्रम के पहले चरण में लगभग 1200 PHC स्थापित किये गए थे। ध्यातव्य है कि स्वास्थ्य केंद्र पर जाने वाले रोगियों के विपरीत, अब आशा कार्यकर्त्रियाँ पारिवारिक प्रोफाइल का मसौदा तैयार करने और गैर-संचारी रोग संबंधी जाँच करने के लिये घर-घर जाती हैं।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 2,55,420 लोगों की उच्च रक्तचाप की जाँच की गई है तथा आशा कार्यकर्त्रियों द्वारा SMS सेवा के माध्यम से लगातार रोगी से संपर्क भी स्थापित किया गया।
आगे की राह
- ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर खान-पान एवं बेहतर स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी को प्रसारित करना चाहिये जिससे शहरी क्षेत्रों की भाँति ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोगों को कम किया जा सके। ध्यातव्य है कि शहरी क्षेत्रों में गैर-संचारी रोगों में कमी का मुख्य कारण स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता है।
- सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य एवं भोजन सुविधाओं को लक्षित किया जाना चाहिये साथ ही पहले से चल रही सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन की आवश्यकता है।