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भारतीय अर्थव्यवस्था

गैर-कृषि जिंस गोदाम

  • 20 Aug 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

WDRA और SEBI गैर-कृषि जिंस गोदामों के विनियमन हेतु मानक स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • गोदाम विकास और विनियामक प्राधिकरण (Warehousing Development and Regulatory Authority- WDRA) कृषि वस्तुओं के भंडारण हेतु गोदामों का नियमन करता है।

गोदाम विकास और विनियामक प्राधिकरण

(Warehousing Development and Regulatory Authority- WDRA):

  • WDRA का गठन 26 अक्तूबर, 2010 को गोदाम ( विकास और विनियामक) अधिनियम 2007, के तहत किया गया था।
  • WDRA को गोदामों के विकास और विनियमन के लिये नियम बनाने संबंधी कार्य सौंप् गया है।
  • इस प्राधिकरण में एक अध्यक्ष और दो सदस्य होते हैं जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • WDRA भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है।
  • इस प्राधिकरण का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • कृषि और गैर-कृषि जिंसों के गोदामों के मानदंडों की आवश्यकताएँ अलग-अलग होती हैं। इसलिये अब गैर-कृषि गोदामों हेतु अलग मानक बनाए जा रहे हैं।
  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (The Securities and Exchange Board of India- SEBI) नेपोर्टफोलियो निवेशकों को म्यूचुअल फंड और हेज फंड के अतिरिक्त वस्तुओं में भी निवेश करने की अनुमति दी है।
  • इसके साथ ही SEBI ने डेरिवेटिव (Derivatives) एक्सचेंजों को कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के अतिरिक्त अन्य सभी वस्तुओं के डेरिवेटिव (Derivatives) का निपटान करना अनिवार्य कर दिया है।
  • कृषि गोदामों को विनियमित किये जाने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक रसीदें भी दी जाती हैं, साथ ही डेरिवेटिव एक्सचेंजों ने व्यापारियों के लिये ऐसी रसीदें देना अनिवार्य कर दिया है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड

(Securities and Exchange Board of India-SEBI)

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • इसके मुख्य कार्य हैं -
    • प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
    • प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और इससे संबंधित या इसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

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