अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत और बांग्लादेश के बीच निवेश समझौता
- 13 Jul 2017
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संदर्भ
मंत्रिमंडल ने भारत और बांग्लादेश के बीच से द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने वाले समझौते पर संयुक्त व्याख्यात्मक नोट्स (Joint Interpretative Notes )के लिये मंजूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लिये मंत्रिमंडल ने बुधवार को निवेश के संवर्द्धन एवं संरक्षण के लिये दोनों देशों के बीच समझौते पर संयुक्त व्याख्यात्मक नोट्स के लिये मंजूरी दे दी है।
क्या है संयुक्त व्याख्यात्मक नोट्स ( जेआईएन ) ?
- यह भारत और बांग्लादेश के बीच निवेश के संवर्द्धन और संरक्षण के लिये मौजूदा समझौते की व्याख्या को स्पष्टता प्रदान करेगा।
- जेआईएन में कई उपनियमों के लिये संयुक्त रूप से अपनाये जाने हेतु व्याख्यात्मक नोट्स शामिल होते हैं, जिनमें निवेशक और निवेश की परिभाषा, कराधान उपायों का अपवाद, उचित और न्यायसंगत व्यवहार, राष्ट्रीय व्यवहार और सबसे पसंदीदा राष्ट्र के साथ व्यवहार, अप्रत्याशितता, आवश्यक सुरक्षा हितों तथा निवेशक और पार्टी जिसके साथ करार हो, के बीच विवाद निपटान शामिल हैं।
- निवेश संधि व्यवस्था को मज़बूत करने में संयुक्त व्याख्यात्मक वक्तव्य एक महत्त्वपूर्ण अनुपूरक भूमिका निभाते हैं।
द्विपक्षीय निवेश संधि क्या है ?
- यह दो देशों के बीच निजी निवेश की सुरक्षा के लिये नियमों और शर्तों को स्थापित करने का समझौता होता है।
- इसका उद्देश्य निवेशकों को निष्पक्ष और न्यायसंगत उपचार, जब्ती से संरक्षण, साधनों का मुफ्त हस्तांतरण और पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना है।
- ये वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र की अनुमति देते हैं। इसमें दोनों पक्ष अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता का सहारा ले सकते हैं।
- यह निवेशक के अधिकारों और सरकारी दायित्वों के बीच संतुलन बनाए रखता है।
- एक मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि की मूलभूत विशेषताओं में - निवेश आधारित उद्यम, उचित प्रक्रिया के माध्यम से गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार का समाधान, ज़ब्ती के खिलाफ सुरक्षा, अंतराष्ट्रीय मध्यस्थता शुरू होने से पहले स्थानीय स्तर पर विवाद समाधान के लिये एक निवेशक-राज्य विवाद निपटान प्रावधान तथा मौद्रिक मुआवज़ा देने के लिये न्यायाधिकरण की शक्ति को सीमित करना आदि शामिल होता है।