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पीएम-केयर्स फंड और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष

  • 19 Aug 2020
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये

पीएम-केयर्स फंड, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, RTI अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण

मेन्स के लिये

पीएम-केयर्स फंड से संबंधित बिंदु और इससे संबंधित चिंताएँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहते हुए पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) की राशि को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) में हस्तांतरित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया कि ‘ये दोनों फंड उद्देश्य तथा अन्य सभी मामलों में एक-दूसरे से पूर्णतः अलग हैं।

प्रमुख बिंदु

  • सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) का ऑडिट कराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है।
  • जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम.आर. शाह की खंडपीठ ने सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) नाम के NGO द्वारा इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया।
  • खंडपीठ ने कहा कि ‘पीएम-केयर्स फंड में देश के सभी व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किये गए कुल योगदान को ट्रस्ट के उद्देश्य को पूरा करने हेतु सार्वजनिक प्रयोजन के लिये जारी किया जाना है और इस ट्रस्ट को कोई भी बजटीय सहायता या कोई सरकारी धन प्राप्त नहीं होता है, इसलिये याचिकाकर्त्ताओं द्वारा ट्रस्ट के निर्माण के उद्देश्य पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता है।
  • विवाद

    • सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि न्यायालय सरकार को कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से निपटने के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत एक नई राष्ट्रीय योजना बनाने का दिशा-निर्देश दे।
    • साथ ही याचिकाकर्त्ता ने मांग की थी कि पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) के तहत एकत्र की गई संपूर्ण राशि को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत हस्तांतरित कर दिया जाए।
  • सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश

    • खंडपीठ ने कहा कि वर्ष 2019 की राष्ट्रीय योजना में महामारी (Epidemic) के सभी पहलुओं, जिसमें महामारी से निपटने संबंधी सभी उपाय और प्रतिक्रिया आदि, को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है।
      • ध्यातव्य है कि यह राष्ट्रीय योजना वर्ष 2016 में बनाई गई थी और नवंबर 2019 में इसे संशोधित तथा अनुमोदित किया गया था।
    • इस लिहाज़ से याचिकाकर्त्ता का तर्क सही नहीं है कि देश में महामारी से निपटने के लिये कोई विस्तृत योजना मौजूद नहीं है।
    • खंडपीठ ने कहा कि COVID-19 एक जैविक और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी महामारी है और राष्ट्रीय योजना 2019 में इसे विशेष रूप से कवर किया गया है, संबंधित राष्ट्रीय योजना में इस तहत की महामारी से निपटने के लिये विभिन्न प्रकार की
    • योजनाएँ, दिशा-निर्देश और उपाय सुझाए गए हैं, इस प्रकार देश में COVID-19 से निपटने के लिये योजनाओं और प्रक्रियाओं की कोई कमी नहीं है।
  • याचिकाकर्त्ता का तर्क

    • याचिकाकर्त्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि सरकार द्वारा पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) बनाए जाने से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।
    • याचिकाकर्त्ता ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) का ऑडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा किया जाता है, जबकि पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) का ऑडिट CAG द्वारा नहीं बल्कि किसी निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) द्वारा किया जाता है, जो कि इस फंड की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund)

  • इसी वर्ष मार्च माह में केंद्र सरकार ने COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने हेतु ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (Prime Minister’s Citizen
  • Assistance and Relief in Emergency Situations Fund)’ अर्थात् पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) की स्थापना की है।
  • पीएम-केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट (Public Charitable Trust) है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। अन्य सदस्यों के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।
  • कोष में राशि की सीमा निर्धारित नही की गई है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग योगदान करने में सक्षम होंगे।
  • यह कोष, आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मज़बूत एवं नागरिकों की सुरक्षा हेतु अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।
  • पीएम-केयर्स फंड और सूचना का अधिकार

    • हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यकाल (PMO) ने पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) के संबंध में RTI अधिनियम के तहत दायर आवेदन में मांगी गई सूचना को अधिनियम की ही धारा 7(9) के तहत देने से इनकार कर दिया है।
      • सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 7(9) के अनुसार, ‘किसी भी सूचना को साधारणतया उसी प्रारूप में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें उसे मांगा गया है, जब तक कि वह लोक प्राधिकारी के स्रोतों को अनानुपति
    • (Disproportionately) रूप से विचलित न करता हो या प्रश्नगत अभिलेख की सुरक्षा या संरक्षण के प्रतिकूल न हो।
    • कई विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के इस कदम को RTI अधिनियम की धारा 7(9) के अनुचित उपयोग के रूप में परिभाषित किया है।
    • ध्यातव्य है कि 2010 में केरल उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, धारा 7 (9) किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण को सूचना का खुलासा करने से छूट नहीं देती है, बल्कि यह किसी अन्य प्रारूप में सूचना प्रदान करने को अनिवार्य करता है।
    • इससे पूर्व भी प्रधानमंत्री कार्यकाल (PMO) ने पीएम-केयर्स फंड को लेकर दायर किये गए तमाम आवेदनों में भी इसके संबंध में सूचना देने से इनकार कर दिया था, इससे पूर्व PMO ने एक आवेदन के जवाब में कहा था कि पीएम-केयर्स फंड सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' (Public Authority) नहीं है।
  • पीएम-केयर्स फंड संबंधी चिंताएँ

    • यह भी एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि यदि देश में पहले से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (Prime Minister’s National Relief Fund) मौजूद है तो फिर एक अन्य फंड का गठन क्यों किया गया है?
    • पीएम-केयर्स फंड के खर्च की सार्वजनिक जाँच को लेकर मौजूद अस्पष्टता के संबंध में कई विशेषज्ञों ने चिंता ज़ाहिर की है।
    • ऐसे विभिन्न तथ्य हैं जो इसे एक ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’ बनाते हैं, उदाहरण के लिये पीएम-केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट (Public Charitable Trust) है और प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष हैं। साथ ही रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसमें पदेन ट्रस्टीयों के रूप में शामिल हैं, जो कि स्पष्ट तौर पर इसके सार्वजनिक प्राधिकरण होने का संकेत देता है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF)

  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 के तहत किया गया है।
  • इसे किसी भी आपदा की स्थिति या आपदा के कारण आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास के खर्चों को पूरा करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
  • यह गंभीर प्राकृतिक आपदा के मामले में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) की सहायता करता है, बशर्ते SDRF में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो।
  • ध्यातव्य है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) NDRF के खातों को ऑडिट करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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