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जैव विविधता और पर्यावरण

PET बोतलों में कोई हानिकारक रसायन नहीं

  • 16 Aug 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में सी.एस.आई.आर.-केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्‍थान (CSIR-Central Food Technological Research Institute-CFTRI), मैसूर द्वारा किये गए व्यापक मूल्यांकन में PET से निर्मित बोतलों व कंटेनर के उपयोग को खाद्य व पेय पदार्थों के भंडारण के लिये सुरक्षित पाया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • CFTRI के विश्लेषण में एंटीमनी (Antimony), आर्सेनिक, बेरियम, कैडमियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, लेड, मर्करी, सेलेनियम और जिंक आदि की मात्रा इनकी पहचान की सीमा से नीचे (Below Detection Limits-BDL) यानि .001 मिलीग्राम/किग्रा. पाई गई है।
  • बिस्फेनॉल-ए (Bisphenol-A) की BDL 0.02 मिलीग्राम/किग्रा. पाई गई। इसके साथ ही धातु और फ्थालेट्स (Phthalates) का भी BDL कम पाया गया।

पहचान की सीमा से नीचे

(Below Detection Limits-BDL)

  • BDL से तात्पर्य किसी रसायन की उस न्यूनतम मात्रा से है जिससे कम होने पर शोधकर्त्ताओं द्वारा नियोजित उपकरणों और प्रयोग की गई विधियों के प्रयोग से भी उस रसायन का पता नहीं लगाया जा सकता है।
  • PET (Polyethylene Terephthalate) का प्रयोग प्लास्टिक की बोतलों और डिस्पोजल योग्य खाद्य पैकेट बनाने में होता है जो उच्च तापमान के संपर्क में आने पर हानिकारक रसायनों का रिसाव करता है।

PET क्या है? 

  • PET (Polyethylene Terephthalate) पॉलिएस्टर का एक प्रकार है। 
  • इसका प्रयोग खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों आदि की पैकेजिंग के लिये प्लास्टिक की बोतलों और कंटेनर आदि बनाने में होता है। 
  • इसे खाद्य पैकेजिंग सामग्री के लिये उपयुक्त माना जाता है क्योंकि यह हल्का, गैर-प्रतिक्रियाशील, किफायती है।
  • इस परीक्षण में धातुओं के साथ ही टेरेफ्थेलिक एसिड (Terephthalic Acid), आइसोफैथेलिक एसिड (Isophthalic Acid), एथिलीन ग्लाइकॉल (Ethylene Glycol), BPA (बिस-फिनोल ए) और फ्थालेट्स (Phthalates) को भी मापा गया।
  • BPA (बिस-फिनोल ए) एक सिंथेटिक ऑर्गेनिक कंपाउंड (Synthetic Organic Compound) है जिसको कैंसर व हार्मोन अंसतुलन हेतु उत्तरदायी पाए जाने पर PET के निर्माण में प्रयोग से बाहर कर दिया गया।
  • PET में एंटीमनी की कम मात्रा से यह निष्कर्ष निकलता है कि इन बोतलों का प्रयोग अंत:स्रावी व्यवधान (Endocrine Disruption) के लिये उतरदायी नहीं होता है।
  • इन पदार्थों की मात्रा ‘विशेष स्थानांतरण सीमा’ (Specific Migration Limit) [यूरोपीय संघ के विनियमन मानदंडों] से भी कम है। ‘स्थानांतरण सीमा’ किसी पदार्थ की वह अधिकतम मात्रा होती है जो खाद्य पैकेजिंग सामग्री या खाद्य कंटेनर से भोजन में स्थानांतरित हो सकती है। 

सी.एस.आई.आर.-केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्‍थान

(CSIR-Central Food Research Institute)

  • वर्ष 1950 में स्थापित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्‍थान (CFRI), CSIR की एक घटक प्रयोगशाला है। 
  • यह संस्थान इंजीनियरिंग विज्ञान ,प्रौद्योगिकी विकास, अनुवादन संबंधी शोध ,खाद्य संरक्षण और सुरक्षा आदि क्षेत्रों में अनुसंधान करता है। 
  • खाद्य प्रौद्योगिकी में अनेक विषयों (Inter-Disciplinary) का अध्ययन शामिल होने के कारण इस संस्थान की परिकल्पना को विभिन्न R&D विभागों और हैदराबाद, लखनऊ और मुंबई में अपने संसाधन केंद्रों (Resource centers) के माध्यम से फलीभूत किया जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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