स्वास्थ्य, शिक्षा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिये नीति आयोग | 25 Aug 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने ओडिशा विकास सम्मेलन-2018 को संबोधित करते हुए बताया कि आयोग ने तीन प्रमुख प्राथमिक क्षेत्रों-स्वास्थ्य, शिक्षा और बच्चों के स्वास्थ्य की पहचान की है।
ओडिशा से संबंधित प्रमुख तथ्य
- उन्होंने यह भी कहा कि "बच्चों को कुपोषित रहते हुए जनसांख्यिकीय लाभांश के बारे में हम कैसे बात कर सकते हैं।"
- उल्लेखनीय है कि देश में लगभग 38% बच्चे कुपोषित हैं जबकि 50% माताएँ एनीमिक हैं।
- ओडिशा राज्य में एसटी और ईसाई आबादी की महिलाओं और बच्चों के बीच एनीमिया सबसे ज्यादा है।
- मुस्लिमों को छोड़कर सभी जाति और सामाजिक समूहों में 50% से अधिक महिलाएँ ओडिशा में एनीमिया से पीड़ित हैं।
- इसके अलावा ओडिशा की कुल आबादी के लगभग एक-तिहाई लोग रोज़गार के लिये अन्य राज्यों में प्रवास को मज़बूर हैं और लगभग 40% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग विकास के दायरे से बाहर हैं।
- राज्य ने ‘शिक्षा के सार्वभौमीकरण' का लक्ष्य तो हासिल कर लिया है, किंतु अभी गुणवत्ता पैरामीटर पर राज्यों का आकलन करना बाकी है।
- इसी संदर्भ में नीति आयोग शिक्षा की गुणवत्ता के आधार पर राज्यों को रैंकिंग हेतु एक तंत्र तैयार कर रहा है।
- इसी प्रकार, केंद्र सरकार भी देश भर में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है क्योंकि मौजूदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठीक से काम नहीं कर रहे थे।
- उल्लेखनीय है कि कि नए स्वास्थ्य केंद्रों में अन्य आधुनिक उपकरणों के अलावा टेली-मेडिसिन की सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी।
ओडिशा विकास सम्मेलन-2018
- ओडिशा विकास सम्मेलन का दूसरा संस्करण 24-26 अगस्त, 2018 को भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है
- इससे पूर्व पहला संस्करण वर्ष 2016 में संपन्न हुआ था।
- यह सम्मेलन सरकार, नागरिक समाज, कॉर्पोरेट घरानों, पंचायती राज संस्थानों, अकादमिक संस्थानों और सामुदाय-आधारित संगठनों को राज्य की प्रमुख चुनौतियों से निपटने हेतु सहयोग और सहभागिता द्वारा रणनीतिक रूप से एक आम एजेंडे के साथ आगे आने का अवसर प्रदान करेगा।
- यह सम्मेलन व्यापक विकास दृष्टिकोण पेश करेगा जो नीति निर्माताओं और प्रशासकों को प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर राज्य को आगे बढ़ाने के लिये मार्गदर्शन करेगा।