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शिक्षा में प्रणालीगत बदलाव लाने के लिये आशय पत्र पर हस्‍ताक्षर

  • 13 Feb 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नीति आयोग और माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन (Michael & Susan Dell Foundation-MSDF) ने एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये।

उद्देश्य

  • नीति आयोग और माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन द्वारा इस आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राज्य सरकारों के सामूहिक अनुभव के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में प्रणालीगत बदलाव लाना है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस नवीनतम भागीदारी के तहत नीति आयोग और सुसान डेल फाउंडेशन विभिन्‍न राज्‍य सरकारों द्वारा किये गए उन सुधारों का प्रलेखन (documentation) करेंगे, जिनसे शिक्षा में प्रणालीगत सुधारों की शुरूआत हुई है और पिछले वर्षों के दौरान इन सुधारों से शिक्षा परिणामों में सुधार आना शुरू हुआ है।
  • समझौते के तहत राज्‍य के नेताओं, सलाहकारों, अनुसंधान एजेंसियों और शिक्षकों का एक संयुक्‍त दल राज्‍यों से शिक्षा पर आधारित परिवर्तन के सिद्धांत को विकसित करने में मिलकर कार्य करेगा और शिक्षा में प्रणालीगत सुधार के प्रभाव के मूल्‍यांकन का अध्‍ययन तीसरे पक्ष द्वारा कराया जाएगा।

नीति आयोग के अन्य प्रयास

  • नी‍ति आयोग को साक्ष्‍य आधारित नीति सुधार और ज्ञान निवेश के माध्‍यम से सहयो‍गी और प्रतिस्पर्द्धी संघवाद को बढ़ावा देने के मुख्य अधिकार के साथ स्‍थापित किया गया था। अपनी स्‍थापना से ही नीति आयोग ने सतत् शिक्षा प्रणाली को स्‍थापित करने के लिये शिक्षा परिणामों को एक प्रमुख केंद्रित क्षेत्र के रूप में महत्त्व दिया है।
  • इसके परिणामस्‍वरूप शैक्षिक परिणामों और शिक्षा प्रमाणकों को अधिक महत्त्व देते हुए राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उचित स्‍थान देने के लिये स्‍कूली शिक्षा गुणवत्‍ता सूचकांक (School Education Quality Index-SEQI) विकसित किया गया है।
  • नीति आयोग मध्‍य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में प्रणालीगत बदलाव लाने के लिये शिक्षा में मानव पूंजी परिवर्तन के लिये सतत् कार्य पहल (Sustainable Action for Transforming Human Capital in Education : SATH-E) को भी लागू कर रहा है। शिक्षा, आकांक्षी ज़िला कार्यक्रमों का भी एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जिसमें भारत के सबसे अधिक वंचित ज़िलों में शिक्षा की स्थिति में सुधार करना शामिल है।

निष्कर्ष

  • विभिन्‍न राज्‍यों में शिक्षा में हुए प्रणालीगत सुधारों के माध्‍यम से पूरे देश के लगभग 30 मिलियन बच्‍चों पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है। एक स्‍तर पर शिक्षा परिणामों में सुधार लाने के लिये समन्वित और सतत् प्रयासों के साथ-साथ शैक्षिक तथा प्रशासन दोनों सुधारों की ज़रूरत है।

नीति आयोग

  • 1 जनवरी, 2015 को थिंक टैंक के रूप में अस्तित्व में आए नीति आयोग (National Institution for Transforming India-NITI) का मुख्य कार्य न्यू इंडिया के निर्माण का विज़न एवं इसके लिये रणनीतिक मसौदा बनाना तथा कार्ययोजनाएँ तैयार करना है।
  • केंद्र सरकार की नीति निर्धारण संस्था के रूप में नीति आयोग देशभर से सुझाव आमंत्रित करके जन-भागीदारी एवं राज्य सरकारों की भागीदारी से नीतियाँ बनाने का काम करता है।
  • 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री ने योजना आयोग को भंग करने की घोषणा की थी और उसके बाद योजना आयोग के भंग होने के साथ ही पंचवर्षीय योजना का युग भी समाप्त हो गया।
  • नीति आयोग की स्थापना के बाद योजना के अंतर्गत व्यय और गैर-योजनांतर्गत व्यय का अंतर समाप्त हो चुका है। अब केंद्र सरकार से राज्य सरकारों को धनराशि का हस्तांतरण केवल केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर होता है।

स्रोत : पी.आई.बी

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