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आंतरिक सुरक्षा

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक पर नीति आयोग का प्रश्नचिह्न

  • 29 Apr 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक

मेन्स के लिये

आतंकवाद का वैश्विक पर्यटन पर प्रभाव

चर्चा में क्यों?

नीति आयोग (Niti Aayog) ने अपनी एक रिपोर्ट में ऑस्ट्रेलिया के ‘इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक एंड पीस’ (Institute for Economics and Peace-IEP) द्वारा जारी ‘वैश्विक आतंकवाद सूचकांक’ (Global Terrorism Index-GTI) 2019 की कार्यप्रणाली (Methodology) पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है कि वैश्विक आतंकवाद सूचकांक, 2019 में भारत को 7वाँ स्थान मिला है, अर्थात् इस सूचकांक के अनुसार, भारत विश्व में आतंकवाद से प्रभावित देशों में 7वें स्थान पर है।
  • इस सूचकांक में भारत को विश्व के संघर्षग्रस्त देशों जैसे- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, दक्षिण सूडान, सूडान, बुर्किना फासो, फिलिस्तीन और लेबनान आदि से भी ऊपर रखा गया है।
  • नीति आयोग की रिपोर्ट में IEP की अपारदर्शी फंडिंग पर भी प्रश्न उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के चैरिटीज़ एंड नॉट-फॉर-प्रॉफिट कमीशन (Charities and Not-for-profits Commission) ने IEP के फंडिंग स्रोतों के बारे में भी कोई डेटा उपलब्ध नहीं किया है।
  • नीति आयोग के अनुसार, IEP द्वारा इस सूचकांक को तैयार करने हेतु आतंकवाद से संबंधित जिस डेटाबेस का प्रयोग किया जाता है वह पूर्ण रूप से अवर्गीकृत मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार होता है।
  • आयोग के मुताबिक, IEP द्वारा जारी वर्ष 2019 का सूचकांक बताता है कि संगठन में 24 कर्मचारी और 6 वॉलंटियर है, जिसके कारण यह काफी महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि किस प्रकार संगठन 163 देशों से आँकड़े एकत्रित करता है और फिर उनका विश्लेषण करता है।

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक, 2019 

  • वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2019 के अनुसार, वर्ष 2014 के बाद से अब तक आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों की संख्या में 52 प्रतिशत की कमी आई है, जो कि 33,555 से घटकर 15,952 हो गई हैं।
  • GTI के अनुसार, आतंकवाद से होने वाली मौतों में गिरावट के कारण आतंकवाद के वैश्विक आर्थिक प्रभाव में भी कमी आई है, जो कि वर्ष 2018 में 38 प्रतिशत घटकर 33 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुँच गया है।
  • इस सूचकांक में पहला स्थान अफगानिस्तान को मिला है, जिसका अर्थ है कि अफगानिस्तान विश्व में आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित देश है। वहीं इस सूचकांक में अंतिम स्थान बेलारूस (Belarus) को मिला है, इस प्रकार बेलारूस आतंकवाद की दृष्टि से काफी सुरक्षित देश है।
  • भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान को 5वाँ, चीन को 42वाँ, बांग्लादेश को 31वाँ, नेपाल को 34वाँ, श्रीलंका को 55वाँ, भूटान को 137वाँ और म्याँमार को 26वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक

  • वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) ऑस्ट्रेलिया स्थित ‘इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक एंड पीस’ (Institute for Economics and Peace-IEP) द्वारा प्रत्येक वर्ष जारी किया जाता है, जिसमें वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से संबंधित आँकड़ों के साथ-साथ विभिन्न देशों को आतंकवाद की स्थिति के आधार पर रैंकिंग भी दी जाती है।
  • IEP द्वारा जारी किये जाने वाले सूचकांक में प्रमुख रूप से मैरीलैंड विश्वविद्यालय (University of Maryland) के ग्लोबल टेररिज़्म डेटाबेस (GTD) का प्रयोग किया जाता है।

सूचकांक का महत्त्व

  • यह सूचकांक किसी एक देश में आतंकवाद की स्थिति को दर्शाता है, जो कि देश के अन्य विभिन्न क्षेत्रों को भी प्रभावित करता है, इसलिये इस सूचकांक का महत्त्व काफी बढ़ जाता है।
  • वैश्विक आतंकवाद सूचकांक के स्कोर को प्रत्यक्ष रूप से ‘ग्लोबल पीस इंडेक्स’ (Global Peace Index) और वैश्विक दासता रिपोर्ट (Global Slavery Report) में प्रयोग किया जाता है। 
  • वहीं यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धी सूचकांक (travel and tourism competitiveness index), वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक (Global Competitiveness Index) और सेफ सिटीज़ इंडेक्स (Safe Cities Index) में GTI का स्कोर अप्रत्यक्ष रूप से प्रयोग किया जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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