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वायु प्रदूषण से निपटने के लिये नीति आयोग की 15 – सूत्रीय कार्य-योजना

  • 12 Jul 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

भारत के बड़े शहरों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनज़र नीति आयोग ने दिल्ली, वाराणसी, कानपुर सहित दस सबसे अधिक वायु प्रदूषण वाले शहरों के लिये एक 15- सूत्रीय कार्य-योजना प्रस्तावित की है।

प्रमुख बिंदु:

  • तैयार मसौदे को ब्रीद इंडिया (Breathe india) शीर्षक दिया गया है, जिसमें बिजली चालित वाहनों को प्रोत्साहित करना, चरणबद्ध रूप से निजी डीज़ल वाहनों का निष्कासन और फसल अवशेष उपयोग नीति का विकास शामिल है।
  • WHO के हाल के डेटाबेस (2018) के मुताबिक, कानपुर, फरीदाबाद, गया, वाराणसी, आगरा, गुडगाँव, मुज़फ्फरपुर, लखनऊ और पटना भारत के शीर्ष दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आँकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने पश्चिमी भारत में ज़मीनी स्तर के धूल तूफान (dust storm) की वज़ह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर स्तर से भी खराब हो गई थी।
  • प्रत्येक वर्ष सर्दियों के मौसम में दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर बहुत नीचे गिर जाता है।
  • कार्य-योजना में पुराने और अक्षम बिजली संयंत्रों के सामरिक विघटन को तेज़ करना और 2020 से बड़े पैमाने पर वाहनों पर शुल्क आरोपित करने का कार्यक्रम भी कार्यान्वयन शामिल है।
  • बिजली और हाइब्रिड वाहनों के वितरण को बढ़ावा देना: इसे आवश्यक वित्तीय उपायों और आधारभूत सहायता के माध्यम से किया जाना चाहिये। केंद्र सरकार के उपयोग और कुछ अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिये विद्युत वाहनों की खरीद को  अनिवार्य अनिवार्य किया जाना चाहिये।
  • सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों को अगले 3 वर्षों में यानी अप्रैल,  2021 तक मौजूदा 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को बिजली चालित वाहनों से प्रतिस्थापित कर देना चाहिये। 
  • इसमें बिजली चालित दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों को प्रोत्साहन देना भी शामिल है। इसमें मौजूदा आंतरिक दहन इंजन को विद्युत वाहन में बदलने के लिये एक योजना के बारे में बात की गई है।
  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर और 3 व्हीलर्स के लिये मुफ्त पंजीकरण और परमिट प्राप्त करने में आसानी जैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन को तुरंत अधिसूचित किया जाना चाहिये।
  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वाहन उत्सर्जन को रोकने के लिये मज़बूत उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
  • आयोग द्वारा इन शहरों में 2022 तक यातायात संक्रमण को रोकने और चरणबद्ध रूप से निजी डीज़ल वाहनों के निष्कासन का सुझाव दिया गया है।
  • अक्षम या अधिक प्रदूषणकारी वाहनों पर 2020 से अधिभार लगाने की नीति का समर्थन किया गया है। विश्व के कई देशों जैसे- सिंगापुर, ऑस्ट्रिया, कनाडा, नीदरलैंड और नार्वे आदि में वाहनों पर कई तरह के अधिभार आरोपित किये जाते हैं।
  • प्रपत्र में बिजली संयंत्रों को उच्च श्रेणी के कम प्रदूषण वाले  कोयले के उपयोग को सुनिश्चित करने,  एक राष्ट्रीय उत्सर्जन ट्रेडिंग सिस्टम को लागू करने, स्वच्छ निर्माण को अपनाने तथा फसल अवशेष और एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन नीति का उपयोग करने के लिये एक व्यापार मॉडल को कार्यान्वित करने का सुझाव दिया गया है।
  • इसने प्रशासन के सभी स्तरों पर जैसे- मंत्रालयों और विभागों से कटौती करने के लिये समेकित कार्रवाई की भी मांग की है।
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