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शासन व्यवस्था

सतत् विकास लक्ष्यों की स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा

  • 14 Jul 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सतत् विकास लक्ष्य, संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच

मेन्स के लिये:

सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भारत की भूमिका, SDGs का महत्त्व और संबंधित चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नीति आयोग ने सतत् विकास, 2020 को लेकर डिजिटल माध्यम से आयोजित संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (United Nations High-level Political Forum-HLPF) पर दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (Voluntary National Review-VNR) जारी की है।

प्रमुख बिंदु:

  • गौरतलब है कि भारत के अलावा बांग्लादेश, जॉर्जिया, केन्या, मोरक्को, नेपाल, नाइज़र, नाइजीरिया और युगांडा जैसे अन्य देश ने भी अपनी-अपनी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) प्रस्तुत की।

भारत की दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR):

  • इस प्रस्तुति में एक लघु फिल्म भी शामिल थी जिसमें दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) को तैयार करने के प्रक्रियात्मक पहलुओं को समझाया गया था और सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के कुछ क्षेत्रों में भारत की प्रमुख प्रगति के बारे में भी बताया गया था।
  • इस अवसर पर नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि ‘आयोग दीर्घकालिक बदलाव लाने और SDG लक्ष्यों पर प्रगति में तेज़ी लाने के लिये मौजूदा प्रयासों को दुरुस्त करने और एक नई पहल शुरू करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
  • नीति आयोग द्वारा प्रस्तुत की गई दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) के अनुसार, भारत में विश्व आबादी का छठवाँ हिस्सा निवास करता है, जिसके कारण भारत वर्ष 2030 एजेंडा की सफलता के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है।
  • नीति आयोग की इस समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहता है तो उसे अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अतिरिक्त 6.2 प्रतिशत खर्च करने की आवश्यकता है, साथ ही भारत को अपनी सांख्यिकीय प्रणाली के उन्नयन, निगरानी तंत्र में सुधार और सभी हितधारकों को और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में भी कार्य करना होगा।
  • इसके अतिरिक्त यह सुनिश्चित करना भी काफी महत्त्वपूर्ण है कि बजट आवंटन SDG प्राथमिकताओं के साथ संरेखित हो।

स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) का महत्त्व:

  • यह समीक्षा स्वैच्छिक और सदस्य देशों द्वारा स्वयं की जाती है। इसका उद्देश्य एजेंडा को लागू करने में मिली सफलताओं और चुनौतियों समेत इस संबंध में प्राप्त सभी अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करना है।
  • किसी देश द्वारा VNR तैयार करने की प्रक्रिया उससे संबंधित विभिन्न साझीदारों के लिये एक मंच प्रदान करती है, जिसमें विभिन्न हितधारकों की भागीदारी शामिल होती है।
  • गौरतलब है कि नीति आयोग ने वर्ष 2017 में भारत का पहला स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) तैयार किया और उसे इसी मंच पर प्रस्तुत किया गया था।

उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF):

  • उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) 17 सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) में प्रगति की निरंतरता और समीक्षा के लिये सबसे महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच है।
  • संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (United Nations Economic and Social Council) के तत्वाधान में संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) की जुलाई माह में आठ दिनों के लिये वार्षिक बैठक होती है।
  • यह मंच सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु यह आवश्यक मार्गदर्शन और सिफारिशें प्रदान करता है।

सतत् विकास का अर्थ?

  • सतत् विकास का अभिप्राय आने वाली पीढ़ी की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता से समझौता किये बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने से होता है।

सतत् विकास लक्ष्य?

  • वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक के दौरान आगामी 15 वर्षों के लिये अर्थात् वर्ष 2030 तक के लिये सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals-SDG) निर्धारित किये गए थे।
  • इससे पूर्व वर्ष 2000 से वर्ष 2015 तक की अवधि के लिये सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों (Millennium Development Goals-MDG) की प्राप्ति की योजना बनाई गई थी जिनकी समयावधि वर्ष 2015 में पूरी हो चुकी थी।
  • सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) का उद्देश्य सबके लिये समान, न्यायसंगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध और रहने योग्य विश्व का निर्माण करना और विकास के तीनों पहलुओं, अर्थात सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से समाविष्ट करना है।

स्रोत: पी.आई.बी

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