नीति आयोग द्वारा मध्यस्थता संबंधी कार्यशाला | 11 Oct 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग और आईसीसी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में प्रशिक्षण एवं मंथन (ब्रेनस्टॉर्मिंग) कार्यशाला का आयोजन किया।
प्रमुख बिंदु
- 2022 में एक नए भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए कानूनी सुधार सुनिश्चित करना देश की एक प्रमुख और महत्त्वपूर्ण प्राथमिकता है।
- ‘रिजोल्व इन इंडिया’ के साथ ‘मेक-इन इंडिया’ विजन को कार्यान्वयित करते हुए देश में व्यापार कार्य को आसान बनाने तथा यहाँ रहने की स्थिति को सरल बनाने के कार्य को प्रोत्साहित करने के लिये मज़बूत वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र महत्त्वपूर्ण उपाय है।
- यह कार्यशाला भारत को एक वाणिज्यिक केंद्र बनाने हेतु विवाद समाधान को संस्थागत और व्यवस्थित बनाने के लिये चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।
- यह कार्यशाला समस्त वाणिज्यिक अनुबंधों के प्रकाश में मध्यस्थता को समझने और लागू करने की जरूरतों का उल्लेख करती है और उसे प्रोत्साहित करती है।
- इस कार्यशाला में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के 200 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। 'मेक इन इंडिया' पर सरकार द्वारा ज़ोर दिये जाने के कारण घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार के निवेशकों के लिये भारत के विवाद समाधान तंत्र में विश्वास व्यक्त करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
- इस संबंध में एक अच्छी तरह से तैयार विवाद समाधान तंत्र और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं की व्यापक समझ से इस पहल को संपूर्णता प्राप्त होगी तथा इससे अनुबंधों को प्रभावी और समय पर लागू करने हेतु अति आवश्यक प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
- इस कार्यशाला में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की बुनियादी अवधारणा और मध्यस्थता अनुबंधों को तैयार करते समय सीट, स्थल और संस्थान तथा नियंत्रित करने वाले कानून के तथ्यों पर विचार करना शामिल है।
- इसमें मध्यस्थों के चयन से संबंधित विषयों, मध्यस्थता पुरस्कारों तथा मध्यस्थता के दौरान और बाद में न्यायालयों की भूमिका से संबंधित विषय शामिल हैं।
- जानकारी साझा करने वाले सत्र के विषय इंग्लैंड, सिंगापुर, पेरिस तथा भारत के विश्व स्तरीय संकाय और प्रैक्टिशनरों द्वारा वितरित किये गए थे। प्रशिक्षण एवं मंथन कार्यशाला नीति आयोग के द्वारा किये जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।
नीति आयोग द्वारा किये गए मध्यस्थता संबंधी अन्य प्रयास
- नीति आयोग ने 2016 में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करके मध्यस्थता के महत्त्व पर प्रकाश डाला था।
- इस सम्मलेन में लगभग 1400 प्रतिभागियों ने भाग लिया था जिसकी अध्यक्षता भारत के राष्ट्रपति ने की थी और इसमें भारत के प्रधानमंत्री एवं शार्क देशों के मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हुए थे।
- इस सम्मेलन में पार्टियों के बीच विवादों को हल करने की पसंदीदा विधि के रूप में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों वाणिज्यिक मध्यस्थता की प्रासंगिकता की जाँच की गई।
- नीति आयोग ने 2017 में भारतीय विधि आयोग के साथ दो दिवसीय राष्ट्रीय कानून दिवस सम्मेलन का भी आयोजन किया, जिसने विवाद समाधान सहित कई कानूनी पहलुओं पर बहस के साथ नए आधारों पर चर्चा की।
- इस सम्मेलन में कार्यक्रम के प्रत्येक दिन 1400 से अधिक प्रतिभागियों और भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की भागीदारी भी देखी गई।