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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इसरो और नासा का नया संयुक्त उपक्रम- निसार (NISAR)

  • 23 Aug 2017
  • 5 min read

चर्चा में क्यों ? 

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) मिलकर अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिये उन्नत सेंसर के विकास पर काम कर रहे हैं। दोनों एजेंसियों के बीच हस्ताक्षरित ‘निसार’ (NISAR) परियोजना का उद्देश्य 2021 तक पृथ्वी की निगरानी उपग्रह को प्रक्षेपित करना है।

प्रमुख तथ्य 

  • सैटेलाइट एप्लीकेशन सेंटर (एसएएसी) सी-बैंड रडार इमेजिंग के विकास के साथ-साथ माइक्रोवेव और ऑप्टिकल सेंसर के विकास में अगुवाई करेगा। सैटेलाइट एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद में स्थित है। 
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन विभिन्न उपयोग में आने वाले अवलोकन अध्ययन की बढ़ती मांग को पूरा करने की तैयारी कर रहा है।
  • अंतरिक्ष आधारित निरीक्षण के लाभ को आम आदमी के फायदे से जोड़ने के लिये एसएएसी ने ऑप्टिकल और माइक्रोवेव पेलोड के एक स्पेक्ट्रम का शुभारंभ किया है।
  • पिछले दो दशकों में ऑप्टिकल अवलोकन क्षमता 35 मीटर से 60 से.मी. तक बढ़ गई है और सेंसर प्रौद्योगिकी विद्युत ट्रांसड्यूसर से माइक्रोवेव तक दिखने वाले एकीकृत चिप्स में बदल गई है। 
  • अंतरिक्ष से धरती का अवलोकन करने के लिये फिलहाल 13 उपग्रह परिचालन में हैं। 
  • एसएएसी ने एक हवाई प्लेटफार्म से उच्च रिजोल्यूशन वाले और हाइपर-स्पेक्ट्रल इमेजिंग की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये विशिष्ट एयर-बोर्न इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर का निर्माण किया है। 

सेंसर प्रौद्योगिकी का महत्त्व 

  • वर्तमान में सेंसर प्रौद्योगिकी को लेकर काफी उत्सुकता है।  
  • दुनिया पहनने योग्य और लघुकृत वायरलेस सेंसर की ओर बढ़ रही है।
  • भारत में भी एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में अनुप्रयोगों में आने वाले उन्नत सेंसर के डिज़ाइन और विकास पर केंद्रित कार्य करने की आवश्यकता है।
  • भविष्य में रक्षा और एयरोस्पेस प्रणालियों और उप-प्रणालियों को आधुनिकतम सेंसर प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होगी। 
  • भारत को अपनी बड़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये आधुनिकतम सेंसर प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है और उसका निर्यात करने के लिये बड़ी संख्या में उत्पादन भी कर सकता है।
  • सेंसर प्रौद्योगिकी एम्बेडेड मॉनिटरिंग, नैनो सेंसर, अंतर्निहित खुफिया और आईओटी कनेक्टिविटी के उद्दभव के साथ तेज़ी से बदल रही है। 
  • यह प्रौद्योगिकी चिकित्सा क्षेत्र, अंतरिक्ष, रक्षा और पर्यावरण प्रबंधन में क्रांति ला सकती है।

‘निसार’(NISAR) : एक नज़र 

  • हाल  ही में भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इसी कारण अमेरिका भारत के साथ इस क्षेत्र में मिल कर कार्य करना चाहता है।
  • दोनों देश मिलकर अब एक नया उपग्रह बनाएंगे जिसका नाम होगा ‘निसार’।
  • ‘निसार’ का पूरा अर्थ ‘नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह’ (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar satellite) है। 
  • यह इसरो और नासा का एक संयुक्त उपक्रम है। 2021 तक इसके बन जाने की उम्मीद है। 
  • इसकी उन्नत प्रणाली पृथ्वी की साफ तस्वीरें प्रदान करेगी।
  • इससे पृथ्वी पर होने वाली प्राकृतिक घटनाओं की बेहतर जानकारी जुटाइ जा सकेगी।
  • इस उपक्रम का फोकस एल. एंड एस. (L&S band) बैंड में सेंसर बनाना है। 
  • ये सेंसर्स भू-सतह की विकृतियों के अवलोकन में तथा आपदा के दौरान कार्रवाई के लिये समुद्र के किनारों और उसकी गहराई के विवरण को प्राप्त करने में सहायता कर सकते हैं।
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