सामाजिक न्याय
निर्भया फंड की असफलता
- 01 Jul 2019
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चर्चा में क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किये गए आँकड़ों के अनुसार, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने निर्भया फंड के तहत आवंटित कुल बजट के 20 प्रतिशत से भी कम हिस्से का उपयोग किया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 से 2018 के बीच केंद्र सरकार द्वारा निर्भया फंड के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिये कुल 854.66 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी।
- आँकड़ों के अनुसार, निर्भया फंड के लिये जारी की गई कुल राशि (854.66 करोड़ रुपए) में से मात्र 165.48 करोड़ रुपए ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा खर्च किये गए हैं।
- केंद्र तथा राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत यह गई राशि खर्च की है।
- कुछ प्रमुख योजनाएँ, जिनके तहत राज्यों को यह राशि आवंटित की गई थी निम्नलिखित हैं-
- इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System)
- केंद्रीय पीड़ित मुआवजा निधि (Central Victim Compensation Fund)
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (Cyber Crime Prevention against Women and Children)
- वन स्टॉप स्कीम (One Stop Scheme)
- महिला पुलिस वालंटियर (Mahila Police Volunteer)
- विभिन्न योजनाओं के तहत निर्भया फंड की आवंटित राशि को खर्च करने के मामले में चंडीगढ़ (59.83%) शीर्ष स्थान पर है।
- इसके बाद अन्य राज्यों जैसे- मिज़ोरम (56.32%), उत्तराखंड (51.68%), आंध्र प्रदेश (43.23%) और नगालैंड (38.17%) का स्थान आता है।
- तीन ऐसे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश (मणिपुर, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप) भी हैं जिन्होंने इस राशि के एक भी पैसे का प्रयोग इन योजनाओं के लिये नहीं किया है।
- वहीं दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने इस राशि का सिर्फ 0.84% और 0.76% हिस्सा ही प्रयोग किया है।
- उल्लेखनीय है कि दिल्ली वर्ष 2012 सामूहिक बलात्कार के बाद देशव्यापी आंदोलन का मुख्य केंद्र था और दिल्ली में ही निर्भया फंड की नींव रखी गई थी। इसके बावजूद दिल्ली का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा है।
- प्रत्येक योजना पर खर्च की गई राशि के विश्लेषण से यह पता चलता है कि किसी भी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (Cyber Crime Prevention against Women and Children) के लिये आवंटित राशि का एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। आँकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस योजना के लिये वर्ष 2017 में कुल 93.12 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी।
‘निर्भया फंड’
- मानवता को शर्मसार कर देने वाली वर्ष 2012 की गैंग बलात्कार घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई थी।
- इस फंड का मुख्य उद्देश्य बलात्कार पीड़ितों की सहायता करना और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करना था।
- इसके अतिरिक्त इस फंड से कई योजनाओं के क्रियान्वयन की भी योजना थी।
- निर्भया फंड महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित योजनाओं को सहायता प्रदान करता है।
- शुरुआत में इसके तहत तत्कालीन वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने 1000 करोड़ की राशि आवंटित की थी।
- पिछले छह वर्षों में वित्त बजट में आवंटन के माध्यम से यह फंड 3,600 करोड़ रुपए तक पहुँच चुका है।