महानदी के बाढ़कृत मैदान का संरक्षण | 21 Dec 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने महानदी के बाढ़कृत मैदान के क्षेत्रों (Floodplain Zones) की पहचान के लिये एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
- ध्यातव्य है कि महानदी ओडिशा की सबसे लंबी नदी है।
प्रमुख बिंदु:
पृष्ठभूमि:
- जनवरी 2020 में ओडिशा के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि महानदी से प्राप्त 424 एकड़ पुनर्निर्मित (Reclaimed) भूमि का उपयोग कटक के लोगों के जीवन में पारिस्थितिक, मनोरंजन, खेल, सांस्कृतिक और तकनीकी मूल्यवर्द्धन के लिये किया जाएगा।
- एक स्थानीय नागरिक ने राज्य सरकार की योजना के विरूद्ध NGT में अपील की और आरोप लगाया कि अवैध निर्माण गतिविधियाँ नदी पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगी तथा महानदी के प्रवाह को भी प्रभावित करेंगी।
NGT का आदेश:
- NGT ने केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी तथा राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों के एक पैनल का गठन किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नदी के बाढ़कृत क्षेत्र को नुकसान पहुँचाए बगैर रिवरफ्रंट का विकास किया जा सके।
बाढ़कृत मैदानों के विनियमन हेतु प्रावधान:
- जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 ‘पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986’ के तहत गंगा नदी के संबंध में जारी अधिसूचना के अलावा देश में बाढ़कृत मैदान के क्षेत्रों के विनियमन हेतु कोई केंद्रीय कानून नहीं है।
- वर्ष 2016 में जारी इस अधिसूचना के तहत गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों के सक्रिय बाढ़कृत मैदान में किसी भी प्रकार के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया था ।
- हालाँकि कुछ राज्यों में बाढ़कृत मैदानों को विनियमित करने के लिये कानून हैं:
- मणिपुर फ्लड ज़ोनिंग एक्ट, 1978
- उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012
बाढ़कृत क्षेत्र:
- बाढ़कृत मैदान नदी से सटा एक समतल निचला क्षेत्र होता है, जिसका निर्माण मुख्य रूप से नदियों में बाढ़ के दौरान रेत और अन्य पदार्थों के जमाव के कारण होता है।
- ये रेतीले बाढ़कृत मैदान असाधारण जलभृत (Aquifers) होते हैं।
- कुछ बाढ़कृत मैदानों (जैसे हिमालयी नदियों के बाढ़कृत मैदान) में नदियों के वर्ष भर के प्राकृतिक प्रवाह से 20 गुना तक अधिक जल होता है।
महानदी:
- महानदी प्रणाली ओडिशा राज्य की सबसे बड़ी नदी और प्रायद्वीपीय भारत की तीसरी सबसे बड़ी (गोदावरी और कृष्णा नदी के बाद) नदी है।
- उद्गम: यह नदी अमरकंटक के दक्षिण में छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर की पहाड़ियों में सिहावा के पास से निकलती है।
- महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ:
- शिवनाथ नदी
- हसदेव नदी
- मांड नदी
- ईब नदी
- जोंक नदी
- तेल नदी
महानदी का प्रवाह मार्ग:
- महानदी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र राज्यों से होकर बहती है।
- इसका बेसिन उत्तर में मध्य भारत की पहाड़ियों, दक्षिण और पूर्व में पूर्वी घाटों तथा पश्चिम में मैकाल पर्वतमाला से घिरा है।