अंतर्राष्ट्रीय संबंध
गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी अंशदान के तहत नोटिस
- 11 Jul 2017
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संदर्भ
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लगभग 6,000 गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को वार्षिक रिटर्न दाखिल न करने के कारण नोटिस ज़ारी किये हैं, जिससे वे अपने एफसीआरए लाइसेंस खो सकते हैं।
प्रमुख बिंदु
- विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम लाइसेंस गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी दान प्राप्त करने में सक्षम बनाता है ।
- गृह मंत्रालय के अनुसार 8 जुलाई को केंद्र ने 5,922 गैर-सरकारी संगठनों को उनके वार्षिक आय और व्यय के लेखा-जोखों को लगातार पाँच साल तक दर्ज़ करने में विफल रहने के कारण कारण बताओ नोटिस जारी कर दिये हैं।
- इस साल मई में 18,523 गैर-सरकारी संगठनों को 14 जून तक अपनी आय और खर्च का ब्योरा देने का एकमुश्त मौका दिया गया था।
- गृह मंत्रालय के एक परिपत्र के मुताबिक एफसीआरए कानून के तहत पंजीकृत इन गैर-सरकारी संगठनों को वर्ष 2010-11 से 2014-15 के लिये सालाना रिटर्न देने के लिये कहा गया था।
- हालाँकि पर्याप्त सूचना के बावजूद यह पाया गया है कि 5922 संगठनों ने नोटिस में दिये गए निर्धारित समय के भीतर तीन या तीन से अधिक वर्षों के लिये अपना वार्षिक रिटर्न अपलोड नहीं किया है।
- इन सभी गैर-सरकारी संगठनों को 8 जुलाई को कारण बताओ नोटिस दिये गए थे।
विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए)
- विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) एक ऐसा कानून है, जो भारत में एनजीओ और अन्य लोगों के लिये कुछ व्यक्तियों या संगठनों द्वारा प्रदान किये गए विदेशी योगदान (विशेष रूप से मौद्रिक दान) को विनियमित करने के लिये संसद द्वारा अधिनियमित है।
- यह अधिनियम मूल रूप से 1976 में पारित किया गया था और इसे 2010 में बड़े पैमाने पर संशोधित किया गया था।
- सरकार ने कुछ गैर-सरकारी संगठनों के बैंक खातों को फ्रीज़ करने के लिये वर्षों से इस अधिनियम का इस्तेमाल किया है, जो इसे गलत प्रयोजनों के लिये भारत के राष्ट्रीय हित को प्रभावित कर रहे थे।
- गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने कई अमेरिका के कुछ गैर-सरकारी संगठनों, ग्रीनपीस इंडिया, नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता तिस्ता सीतलवाड़ के दो गैर-सरकारी संगठनों तथा इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नायक द्वारा संचालित एक संगठन का पंजीकरण रद्द कर दिया है।
- 2016 में 20,000 गैर-सरकारी संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस को उनके कार्य की समीक्षा करने के बाद रद्द कर दिया गया था।