HIV के नए उप-प्रकार की खोज | 09 Nov 2019
प्रीलिम्स के लिये:
ह्यूमन इम्यूनोडिफ़िशिएंसी वायरस,एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने ह्यूमन इम्यूनोडिफ़िशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus- HIV) का एक नया उप-प्रकार खोजा है जिसे HIV-1 ग्रुप M, उप-प्रकार L कहा गया है। यह पहली बार है जब लगभग दो दशकों में HIV के एक उप-प्रकार की खोज की गई है।
- HIV दो प्रकार के होते हैं:
- HIV-1
- HIV-2
- HIV-1 को विश्व भर में अधिकांश संक्रमणों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख प्रकार माना जाता है, जबकि HIV-2 कम क्षेत्रों में पाया जाता है और यह मुख्यतः पश्चिम एवं मध्य अफ्रीकी क्षेत्रों में ही केंद्रित है।
प्रमुख बिंदु
- शोधकर्त्ताओं ने इस नए उप-प्रकार की पहचान करने के लिये अगली पीढ़ी की जीनोम अनुक्रमण तकनीक की टेलर्ड विधि का प्रयोग किया।
- जीनोम अनुक्रमण के तहत डीएनए अणु के भीतर न्यूक्लियोटाइड के सटीक क्रम का पता लगाया जाता है। इसके अंतर्गत डीएनए में मौज़ूद चारों तत्त्वों- एडानीन (A), गुआनीन (G), साइटोसीन (C) और थायामीन (T) के क्रम का पता लगाया जाता है।
- यह तकनीक उत्परिवर्तित होने वाले विषाणुओं से एक कदम आगे की सुरक्षा प्रदान करती है तथा महामारियों से लड़ने में मदद करती है।
- ग्रुप एम वायरस वैश्विक महामारी के लिये ज़िम्मेदार हैं। यह उप-सहारा अफ्रीका के कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में खोजा गया है।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस- एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम
- HIV एक प्रकार का रेट्रोवायरस है। इसके इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाओं के संयोजन को एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (Antiretroviral Therapy- ART) कहा जाता है।
- HIV शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सीडी 4 नामक श्वेत रक्त कोशिका (टी-सेल्स) पर हमला करता है।
- यह रोग रक्त, वीर्य, योनि स्राव, गुदा तरल पदार्थ और माँ के दूध सहित शारीरिक तरल पदार्थ के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
- भारत में HIV संक्रमित व्यक्तियों की संख्या: विश्व में HIV ग्रस्त लोगों की कुल संख्या 2017 में 21.40 लाख थी। भारत में 2017 में 87,000 से अधिक नए मामले देखे गए तथा 1995 की तुलना में HIV के मामलों में 85% की गिरावट भी देखी गई है ।
- विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है।