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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जल्द ही 31 नई भूकंप वेधशालाएँ निर्मित की जाएंगी

  • 17 Apr 2017
  • 3 min read

संदर्भ
इस वर्ष के अंत तक 31 नई भूकंप वेधशालाएँ बनकर तैयार होने की संभावना हैं| यदि ऐसा हो जाता है तो भारत भूकंप जैसी भयानक आपदा के विषय में पहले से ही जानकारी एकत्रित करने में काफी हद तक सक्षम हो जाएगा|

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • गौरतलब है कि केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान की एक शाखा एनसीएस (National centre of Seismology – NCS) के द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में पाँच भूकंप वेधशालाएँ, बिहार एवं हरियाणा राज्य में क्रमश: चार - चार, हिमाचल प्रदेश एवं दिल्ली में क्रमश: तीन – तीन, जम्मू - कश्मीर, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में क्रमश: दो-दो तथा उत्तराखंड, झारखण्ड, पंजाब, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल तथा लक्षद्वीप राज्य में क्रमशः एक – एक भूकंप वेधशालाएँ स्थापित की जाएंगी|
  • ध्यातव्य है कि एनसीएस के द्वारा एक राष्ट्रीय भूकंप नेटवर्क (National Seismological Network – NSW) का प्रबंधन किया जाता है| इस नेटवर्क के अंतर्गत देश भर की तकरीबन 84 भूकंप वेधशालाओं को शामिल किया गया है|
  • इन वेधशालाओं के द्वारा भूकंप आने के बाद की भूकंपीय गतिविधियों को रिकॉर्ड करके कंट्रोल रूम तक भेजा जाता है| जहाँ भूकंप के संबंध में आवश्यक सूचनाओं एवं आँकड़ों को संग्रहित किया जाता है|
  • इसके पश्चात् भूकंप से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियों यथा; भूकंप के समय,  परिमाण (magnitude) तथा स्थान आदि को प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सचिवालय, सभी मंत्रालयों, राज्य सरकारों एवं ज़िला कलेक्टरों को भेजा जाता है|
  • इतने बड़े भौगोलिक परिदृश्य वाले देश को इससे भी अधिक भूकंप वेधशालाओं की आवश्यकता को मद्देनज़र रखते हुए भारत सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाने का निश्चय किया है| ताकि किसी भी आपदा के समय आपदा से संबद्ध सूचना को कम से कम समय में प्रसारित किया जा सकें|
  • आगामी वर्ष तक भूकंपीय वेधशालाओं की इस संख्या को बढ़ाकर 150 करने की योजना है|
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