भारतीय अर्थव्यवस्था
GST संबंधी नया नियम
- 29 Dec 2020
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने ऐसे व्यवसाय जिनका मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपए से अधिक है, के लिये कुल वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax- GST) देयता के कम-से-कम 1% का भुगतान नकद में करना अनिवार्य बना दिया है।
- यह 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होगा।
प्रमुख बिंदु:
- यह नया नियम 99% तक जीएसटी देयता के निर्वहन के लिये इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit- ITC) के प्रयोग को प्रतिबंधित करता है।
- CBIC ने ITC से संबंधित धोखाधड़ी के लगभग 12,000 मामले दर्ज किये हैं और अब तक ऐसे मामलों में 365 लोगों को गिरफ्तार किया है।
- इस कदम से नकली बिल के माध्यम से कर चोरी पर अंकुश लगेगा।
- ITC को कच्चे माल, उपभोक्ता सामग्रियों, वस्तुओं या सेवाओं की खरीद पर चुकाए गए कर को स्पष्ट करने के लिये प्रदान किया जाता है। यह दोहरे कराधान और करों के व्यापक प्रभाव से बचने में मदद करता है।
- यह प्रतिबंध इन मामलों में लागू नहीं होगा-
- जहाँ प्रबंध निदेशक या उसके किसी सहयोगी ने आयकर के रूप में 1 लाख रुपए या उससे ज़्यादा कर अदा किया है।
- पंजीकृत व्यक्ति को अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपए से अधिक की वापसी राशि प्राप्त हुई हो।
- इस तरह नए नियमों के तहत GST प्रणाली में पंजीकृत कुल व्यवसायों में से केवल 0.37 प्रतिशत ही शामिल हैं।
- आँकड़ों की मानें तो GST प्रणाली के तहत पंजीकृत कुल 1.2 करोड़ व्यवसायों में से मात्र 4 लाख व्यवसाय ऐसे हैं, जिनका मासिक टर्नओवर 50 लाख रुपए से अधिक है।
- वर्तमान में इनमें से केवल 1.5 लाख व्यवसाय ही अपनी GST देयता के 1% से कम का नकद में भुगतान करते हैं और नए नियमों के तहत छूट प्राप्त करने के बाद लगभग लगभग 1.05 लाख अतिरिक्त करदाता इस नियम के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
- इस तरह नए नियम केवल 40,000 से 45,000 करदाताओं पर ही लागू होंगे।
- आलोचना
- यह आशंका है कि नकद भुगतान को अनिवार्य बनाने से छोटे व्यवसायों पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इससे उनकी कार्यशील पूंजी संबंधी आवश्यकता में बढ़ोतरी होगी और उनके लिये GST एक और अधिक जटिल अप्रत्यक्ष प्रणाली बन जाएगी।
- सरकार का पक्ष
- राजस्व विभाग का मानना है कि नए नियमों से संबंधित सभी आशंकाएँ पूर्णतः निराधार हैं, और इसके कारण केवल संदेहजनक डीलर और अनुत्तरदायी ऑपरेटर ही प्रभावित होंगे।
- सरकार के अनुसार, ये नए नियम नकली चालान और इनपुट टैक्स क्रेडिट में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिये GST परिषद की कानून समिति में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद बनाए गए हैं।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC)
- यह वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक हिस्सा है।
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद वर्ष 2018 में CBIC के रूप में नामित किया गया था।
- यह मुख्य तौर पर सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय माल एवं सेवा कर तथा एकीकृत माल एवं सेवाकर के करारोपण एवं संग्रहण से संबंधित कार्य करता है।