इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


जैव विविधता और पर्यावरण

दो नई लाल समुद्री शैवाल प्रजातियों की खोज

  • 31 Mar 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के समुद्र तटीय क्षेत्रों में दो नई लाल समुद्री शैवाल प्रजातियों की खोज की गई है।

  • भारत का तटीय क्षेत्र 7,500 किमी. से अधिक है।

Red-Algal-Seaweed

प्रमुख बिंदु :

परिचय :

  • वे तट के अंतर्विभाजक क्षेत्रों में विकसित होते हैं, अर्थात् उच्च ज्वार के जलमग्न क्षेत्रों और निम्न ज्वार के उथले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
  • हाइपिना प्रजाति के कैल्केरियस, इरेक्ट, ब्रांकेड लाल समुद्री शैवाल होते हैं।
    • शैवाल की 61 प्रजातियाँ में से 10 प्रजातियाँ भारत में पाई जाती हैं। इन दो नई प्रजातियों के साथ अब प्रजातियों की कुल संख्या 63 हो गई है।

अवस्थिति:

  • हाइपिना इंडिका की खोज कन्याकुमारी (तमिलनाडु), सोमनाथ पठान और शिवराजपुर (गुजरात ) में  की गई।
  • हाइपिना बुलाटा की खोज कन्याकुमारी और दमन और दीव द्वीप में  की गई थी।

महत्त्व:

  • यदि हाइपिना प्रजाति के समुद्री शैवाल की खेती वाणिज्यिक उद्देश्य के लिये की जाए तो उच्च मौद्रिक मूल्य प्राप्त किया जा सकता है। हाइपिना में कैरेगिनन (Carrageenan) होता है, जो आमतौर पर खाद्य उद्योग में उपयोग किया जाने वाला एक बायो मॉलिक्यूल है।

समुद्री शैवाल:

समुद्री शैवाल के विषय में: 

  • ये  समुद्री शैवाल जड़, तना और पत्तियों रहित बिना फूल वाले होते हैं, जो समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
  • समुद्री शैवाल पानी के नीचे जंगलों का निर्माण करते हैं, जिन्हें केल्प फारेस्ट (Kelp Forest) कहा जाता है। ये जंगल मछली, घोंघे आदि के लिये नर्सरी का कार्य करते हैं।
  • समुद्री शैवाल की अनेक प्रजातियाँ हैं जैसे-गेलिडिएला एकेरोसा,ग्रेसिलिरिया एडुलिस, ग्रेसिलिरिया क्रैसा, ग्रेसिलिरिया वेरुकोसा, सरगस्सुम एसपीपी और टर्बिनारिया एसपीपी आदि।

अवस्थिति: 

  • समुद्री शैवाल ज़्यादातर अंतर-ज्वारीय क्षेत्र (Intertidal Zone) और उथले तथा गहरे समुद्री पानी में पाए जाते हैं, इसके अलावा ये ज्वारनदमुख (Estuary) एवं पश्चजल (Backwater) में भी पाए जाते हैं।
  • दक्षिण मन्नार की खाड़ी (Gulf of Mannar) में चट्टानी अंतर-ज्वारीय क्षेत्र और निचले अंतर-ज्वारीय क्षेत्रों में कई समुद्री प्रजातियों की समृद्ध आबादी है।

पारिस्थितिक महत्त्व:

  • जैव संकेतक:
    •  जब कृषि, जलीय कृषि (Aquaculture), उद्योगों और घरों से निकलने वाला कचरा समुद्र में प्रवेश करता है, तो यह पोषक तत्वों के असंतुलन का कारण बनता है, जिससे शैवाल प्रस्फुटन (Algal Bloom) होता है। समुद्री शैवाल अतिरिक्त पोषक तत्त्वों को अवशोषित करते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करते हैं।
  • आयरन सीक्वेस्टर: 
    • समुद्री शैवाल प्रकाश संश्लेषण के लिये लौह खनिज पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं। जब इस खनिज की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ जाती है तो समुद्री शैवाल इसका अवशोषण करके समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान से बचा लेते हैं। समुद्री शैवालों द्वारा समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले अधिकांश भारी धातुओं को अवशोषित कर लिया जाता है।
  • ऑक्सीजन और पोषक तत्त्वों का पूर्तिकर्त्ता: 
    • समुद्री शैवाल प्रकाश संश्लेषण और समुद्री जल में मौजूद पोषक तत्त्वों के माध्यम से भोजन प्राप्त करते हैं। ये अपने शरीर के हर हिस्से से ऑक्सीजन छोड़ते हैं। ये अन्य समुद्री जीवों को भी जैविक पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करते हैं।

जलवायु परिवर्तन के शमन में भूमिका:

  • समुद्री शैवालों की  भूमिका जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्त्वपूर्ण होती है। कुल समुद्र के सिर्फ 9% हिस्से में मौजूद शैवाल से प्रतिवर्ष लगभग 53 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण किया जा सकता है। इसलिये समुद्री शैवाल की खेती कार्बन के अवशोषण के लिये 'समुद्री वनीकरण' के रूप में की जा सकती है।

अन्य उपयोगिताएँ:

  • इनका उपयोग उर्वरकों के रूप में और जलीय कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये किया जा सकता है।
  • समुद्री शैवाल को मवेशियों को खिलाकर इनसे होने वाले मीथेन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
  • इन्हें तटबंधों के रूप में समुद्र तट के कटाव को रोकने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इनका उपयोग टूथपेस्ट, सौंदर्य प्रसाधन, पेंट आदि तैयार करने में एक घटक के रूप में किया जाता है।

संबंधित पहलें:

  • हाल ही में प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) ने दो नई प्रौद्योगिकी पहलों- सक्षम (Saksham) नाम से एक जॉब पोर्टल तथा समुद्री शैवाल की व्यावसायिक खेती एवं इसके प्रसंस्करण के लिये समुद्री शैवाल मिशन (Seaweed Mission) का शुभारंभ किया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2