विश्व इतिहास
‘बेंट’ पिरामिड
- 22 Jul 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में मिस्र के पुरातन मंत्रालय (Egyptian Ministry of Antiquities) ने पहली बार ‘बेंट’ पिरामिड (Bent Pyramid) को दर्शकों/पर्यटकों के लिये खोले जाने की अनुमति दी है।
प्रमुख बिंदु
- अब पर्यटक 79 मीटर लंबाई वाली एक संकीर्ण सुरंग के माध्यम से पिरामिड में प्रवेश कर सकेंगे।
- यह पिरामिड मेम्फिस पिरामिड फील्ड्स (Memphis Pyramid Fields) का हिस्सा है।
- ‘मेम्फिस पिरामिड फील्ड्स’ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है जो दाहशूर शाही नेक्रोपोलिस/कब्रिस्तान (Dahshur Royal Necropolis) में काहिरा के दक्षिण में 40 किमी. की दूरी पर स्थित है।
- लगभग 100 मीटर लंबा बेंट पिरामिड 4600 साल पहले प्राचीन मिस्र में चौथे राजवंश के संस्थापक फैरो स्नेहफ्रू (Sneferu) के लिये बनाया गया था।
- इस संरचना को पिरामिड निर्माण में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है।
- यह 18 मीटर ऊँचा पिरामिड है जिसकी खुदाई वर्ष 1956 में की गई थी। इस पिरामिड को विकास एवं नवीकरण कार्यों के पूरा होने के बाद पर्यटकों के लिये खोला गया है।
मेम्फिस
Memphis
- यह नील नदी के पश्चिमी हिस्से के बाढ़ क्षेत्र में स्थित है। प्राचीन मिस्र की प्रथम राजधानी होने के कारण यह प्रसिद्ध है।
- इसकी भौगोलिक अवस्थिति इसे सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण बनाती है क्योंकि यहीं पर महत्त्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग स्थित हैं।
- ऊपरी और निचले मिस्र के क्षेत्रों पर शासन करने तथा बेहतर नियंत्रण के लिये यह जगह बहुत उपयुक्त थी, इसका कोई अन्य विकल्प नहीं था।
बेंट पिरामिड
- यह पिरामिड 25 वीं शताब्दी ईसा पूर्व मिस्र में चौथे राजवंश के संस्थापक फैरो स्नेहफ्रू (Pharaoh Sneferu) के लिये बनाए गए तीन पिरामिडों में से एक है।
- इस पिरामिड के निर्माण में कुछ खामियाँ होने तथा उनमें सुधार के कारण इसे 'बेंट' आकार दिया गया।
- इसका आकार कोणीय है जो मेम्फिस नेक्रोपोलिस में इसे अन्य पिरामिडों से अलग बनाता है।
अन्य खोजें
- पुरातत्त्वविदों ने दाहशूर पिरामिडों के पास खुदाई करते समय मध्य साम्राज्य की 60 मीटर ऊँची प्राचीन दीवार के अवशेष प्राप्त हुए थे।
- ममीज़, मास्क, उपकरण एवं प्राचीन काल (664–332 BCE) के ताबूत भी उत्खनन के दौरान प्राप्त हुए हैं।
मिस्र में पर्यटन विरासत
- विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (World Travel & Tourism Council- WTTC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान मिस्र की GDP में पर्यटन क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 12% थी।
- प्राचीन पिरामिड स्थल गीज़ा (Giza) और सककारा (Saqqara) विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं।
- हालाँकि वर्ष 2011 के दौरान होने वाले राजनीतिक कारणों से मिस्र में पर्यटन क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था। दाहशूर जैसे नए पुरातात्विक स्थलों के प्रचार से मिस्र में पर्यटन क्षेत्र आधारित बाज़ारों के फिर से बहाल होने की संभावना है।
मिस्र के पिरामिड
- भारत की तरह मिस्र की सभ्यता भी अत्यंत प्राचीन एवं समृद्ध है जिसकी गौरव गाथा वहाँ प्राप्त अवशेषों से ज़ाहिर होती है।
- मिस्र के पिरामिड वहाँ के तत्कालीन सम्राट (फैरो) गणों के लिये बनाए गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफना कर सुरक्षित रखा गया है। इन शवों को ‘ममी’ (Mummy) कहा जाता है।
- उनके शवों के साथ खाद्य अन्न, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक-सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।
- मिस्र में लगभग 138 पिरामिड हैं, लेकिन काहिरा के उपनगर गीज़ा में स्थित ‘ग्रेट पिरामिड’ विश्व के सात आश्चर्यों की सूची में शामिल है।
- दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में से यही एकमात्र ऐसा स्मारक है जिसका समय के साथ क्षय नहीं हो सका है। इसकी संरचना अत्यंत जटिल है।
यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) दुनिया भर में उन सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासतों की पहचान एवं संरक्षण को प्रोत्साहित करता है जो मानवता के लिये उत्कृष्ट मूल्य के रूप में माने जाते हैं।
- ‘विश्व के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर सम्मेलन’ जो कि एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, इसे वर्ष 1972 में यूनेस्को की सामान्य सभा में स्वीकृति दी गई।
- विश्व विरासत कोष अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता वाले स्मारकों को संरक्षित करने से संबंधित गतिविधियों हेतु सालाना 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि उपलब्ध कराता है।
- विश्व विरासत समिति अनुरोधों तथा ज़रुरत के अनुसार धन आवंटित करती है, सबसे अधिक प्राथमिकता संकटग्रस्त स्थलों को दी जाती है।