खसरे पर WHO की रिपोर्ट | 20 Aug 2019
चर्चा में क्यों?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार विश्व में खसरे का प्रकोप तेज़ी से बढ़ रहा है।
वर्तमान परिदृश्य:
- वर्ष 2006 के बाद वर्ष 2019 की पहली छमाही में खसरे के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किये गए हैं। वर्ष 2016 के बाद से ही खसरे के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मेडागास्कर और यूक्रेन में इस वर्ष खसरे के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किये गए हैं। हालांँकि मेडागास्कर के स्वास्थ्य मंत्रालय के बेहतर और प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम से वहाँ खसरे के मामले पिछले वर्षों की तुलना में कम दर्ज किये गए हैं।
- अंगोला, कैमरून, चाड, कज़ाकिस्तान, नाइजीरिया, फिलीपींस, दक्षिण सूडान, सूडान और थाईलैंड में भी खसरे का प्रकोप देखा जा रहा है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले 25 वर्षों की तुलना में सबसे अधिक खसरे के मामले दर्ज किये गए हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में इस वर्ष के पहले छह महीनों में खसरे के 90,000 मामले दर्ज किये गए जो वर्ष 2018 के पूरे वर्ष के 84,462 दर्ज मामलों से ज़्यादा हैं।
खसरा (Measles)
- श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस (Morbillivirus) के जीन्स पैरामिक्सोवायरस (Paramicovirus) के संक्रमण से होता है।
- इसके लक्षणों में बुखार, खाँसी, नाक का बहना, लाल आँखें और सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकते शामिल हैं।
- शुरुआती दौर में मस्तिष्क की कोशिकाओं (Brain Cell) में सूजन आ जाती है और कुछ समय बाद (विशेष रूप से समस्या के गंभीर होने पर) व्यक्ति का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है।
- विश्व भर में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के बावजूद भी लोग खसरे के कारण गंभीर बीमारी और विकलांगता से ग्रसित हैं।
खसरे के प्रसार का कारण:
- सामान्यतः यह कम खसरा टीकाकरण कवरेज वाले देशों में ही फैलता है लेकिन वर्तमान परिदृश्य में यह उच्च राष्ट्रीय टीकाकरण दर वाले देशों में भी फैल रहा है।
- खसरा समुदायों, भौगोलिक क्षेत्रों और आयु-समूहों के बीच टीका कवरेज की असमानताओं के परिणामस्वरूप फैलता है।
- लोग पर्याप्त प्रतिरक्षा के बगैर खसरे के संपर्क में आते हैं, तो उनमें भी खसरा बहुत तेज़ी से फैल जाता है।
- गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा या टीकाकरण सेवाओं तक पहुंँच, संघर्ष और विस्थापन, टीकों के बारे में गलत जानकारी या टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में कम जागरूकता, इत्यादि कारकों से भी खसरा का प्रसार बढ़ रहा है।
- WHO और यूनिसेफ के आँकड़ों के अनुसार, जुलाई 2019 में 86% बच्चों को खसरे के टीके की पहली खुराक और केवल 69% बच्चों को ही दूसरी खुराक मिल पाई। इस प्रकार की लापरवाहियों की वजह से भी खसरे का अधिक प्रसार हो रहा है। WHO के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि खसरे के जड़ से उन्मूलन हेतु दोनों ही टीके आवश्यक हैं।
- WHO के दिशा-निर्देशों के बाद भी अभी तक 23 देशों ने खसरे के टीके की दूसरी खुराक हेतु कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं शुरू किया हैं।
खसरे के प्रसार को रोकने के प्रयास:
वैश्विक स्तर पर
- WHO और यूनिसेफ, रेडक्रास सोसायटी के साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चला रहे हैं।
- गावी एलायंस (Global Alliance for Vaccines and Immunisation- GAVI Alliance) के सहयोग से भी टीकाकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गावी एलायंस (Global Alliance for Vaccines and Immunisation- GAVI Alliance)
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य सरकारी और निजी संस्थाओं को एक साथ लाकर टीकाकरण के प्रसार को बढ़ाना है।
- इसका मुख्य उद्देश्य रोगों से प्रभावित गरीब उन देशों की सहायता करना है जहाँ वित्त की कमी की वजह से टीकाकरण की गतिविधियाँ संपन्न नहीं हो पा रही हैं।
- इसके सचिवालय जिनेवा और वाशिंगटन में स्थित हैं।
- WHO देशों में खसरे के प्रसार को रोकने हेतु स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने और आवश्यक टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने में सहयोग कर रहा है।
- WHO ने यात्रियों को यात्रा से कम-से-कम 15 दिन पहले खसरे का टीका लगाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
भारत के स्तर पर:
- भारत में सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (Universal Immunisation Programme -UIP) के तहत खसरे का टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- भारत में मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से भी खसरा उन्मूलन के प्रयास किये जा रहे हैं।
सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम
(Universal Immunisation Programme -UIP):
- भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम विश्व के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। यह विश्व में सबसे अधिक लागत प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है।
- इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1985 में की गई थी।
- इस कार्यक्रम के तहत गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन का उपयोग करना, अधिक-से-अधिक लाभार्थियों की पहुँच सुनिश्चित करना, टीकाकरण स्तरों का आयोजन करना और भौगोलिक प्रसार एवं क्षेत्रीय विविधता को कवर करने जैसे पक्षों को शामिल किया गया है।
मिशन इंद्रधनुष:
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिसंबर, 2014 में मिशन इन्द्रधनुष की शुरुआत की गई थी।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2017 में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में तेज़ी लाने और निम्न टीकाकरण कवरेज वाले शहरी क्षेत्रों एवं अन्य इलाकों पर अपेक्षाकृत ज़्यादा ध्यान देने हेतु ‘तीव्र मिशन इंद्रधनुष’ लॉन्च किया था।
- तीव्र मिशन इंद्रधनुष के तहत उन शहरी क्षेत्रों पर अपेक्षाकृत ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जिन पर मिशन इंद्रधनुष के तहत ध्यान केंद्रित नहीं किया जा सका था।