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सामाजिक न्याय

WHO द्वारा गर्भपात संबंधित देखभाल पर नए दिशा-निर्देश

  • 14 Mar 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

गर्भपात, विश्व स्वास्थ्य संगठन, टेलीमेडिसिन।

मेन्स के लिये:

महिलाओं से संबंधित मुद्दे, स्वास्थ्य, मानव संसाधन, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, गर्भपात पर डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देश, भारत में गर्भपात संबंधी नीतियांँ।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization- WHO) द्वारा गर्भपात से संबंधित देखभाल पर नए दिशा-निर्देश प्रस्तुत किये गए हैं। WHO द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है  कि इन नियमों से सालाना 25 मिलियन से अधिक असुरक्षित गर्भपात को रोका जा सकेगा।

  • नए दिशा-निर्देशों में प्राथमिक देखभाल स्तर पर कई सिफारिशें शामिल हैं जो महिलाओं और लड़कियों को प्रदान की जाने वाली गर्भपात देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करती हैं।
  • नए दिशा-निर्देश इच्छुक देशों को गर्भनिरोधक, परिवार नियोजन और गर्भपात सेवाओं से संबंधित राष्ट्रीय नीतियों व कार्यक्रमों को लागू करने तथा मज़बूत करने में मदद करेंगे, जिससे उन्हें महिलाओं व लड़कियों की देखभाल के उच्चतम मानक प्रदान करने में मदद मिलेगी।

गर्भपात की वैश्विक स्थिति:

  • विश्व स्तर पर सुरक्षित गर्भपात प्रदान करने में विफलता के कारण वार्षिक रूप से 13,865 से 38,940 महिलाओं की जान जाती है।
    • विकासशील देश 97 प्रतिशत असुरक्षित गर्भपात का भार वहन करते हैं।
  • असुरक्षित गर्भपात का अनुपात भी कम प्रतिबंधात्मक कानूनों वाले देशों की तुलना में अत्यधिक प्रतिबंधात्मक गर्भपात कानूनों वाले देशों में काफी अधिक है।
  • आधे से अधिक (53.8%) असुरक्षित गर्भपात एशिया में होते हैं, जिनमें से अधिकांश दक्षिण और मध्य एशिया में होते हैं। अफ्रीका में एक-चौथाई (24.8%) मुख्य रूप से पूर्वी व पश्चिमी अफ्रीका में तथा पाँचवांँ हिस्सा (19.5%) लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन में होता है।
  • गर्भपात देखभाल के लिये सबसे अधिक कानूनी प्रतिबंधों वाले निम्न-आय वाले देशों में गर्भपात की दर सबसे अधिक थी।
  • प्रक्रिया पर कानूनी प्रतिबंध वाले देशों में गर्भपात की संख्या में 12% की वृद्धि हुई, जबकि उन देशों में गर्भपात की संख्या में थोड़ी गिरावट आई जहाँ गर्भपात व्यापक रूप से कानूनी है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा नए दिशा-निर्देश:

  • टास्क शेयरिंग:
    • इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं की एक विस्तृत शृंखला द्वारा कार्य साझा करना शामिल है; चिकित्सा गर्भपात गोलियों तक पहुँच सुनिश्चित करना, जिसका अर्थ है कि अधिक महिलाएँ सुरक्षित गर्भपात सेवाएँ प्राप्त कर सकती हैं और यह सुनिश्चित करना कि देखभाल के बारे में सटीक जानकारी उन सभी को उपलब्ध है जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

टेली मेडिसिन:

  • इसमें टेली मेडिसिन के उपयोग की सिफारिशें भी शामिल हैं, जिसने कोविड-19 महामारी के दौरान गर्भपात और परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुँच में मदद की।
  • राजनीतिक बाधाओं को दूर करना:
    • यह सुरक्षित गर्भपात के लिये चिकित्सकीय रूप से अनावश्यक राजनीतिक बाधाओं को दूर करने की भी सिफारिश करता है, जैसे कि अपराधीकरण, अनुरोधित गर्भपात करने से पहले अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि, गर्भपात के लिये तृतीय-पक्ष प्राधिकरण, प्रतिबंध जिस पर स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता गर्भपात सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं।
    • इस तरह की बाधाएँ उपचार तक पहुँचने में गंभीर देरी का कारण बन सकती हैं और महिलाओं एवं लड़कियों को असुरक्षित गर्भपात, कलंक व स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम में डाल सकती हैं, जबकि शिक्षा तथा उनकी काम करने की क्षमता में भी बाधाएँ बढ़ रही हैं।
      • गर्भपात तक पहुँच को प्रतिबंधित करने से गर्भपात की संख्या कम नहीं होती है। वास्तव में प्रतिबंध महिलाओं और लड़कियों को असुरक्षित प्रथाओं में धकेलने की अधिक संभावना रखते हैं।
  •  सक्षम वातावरण प्रदान करना:
    • देखभाल तक उनकी पहुँच को आकार देने और उनके स्वास्थ्य परिणामों को प्रभावित करने में एक व्यक्ति का परिवेश महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • एक सक्षम वातावरण गुणवत्तापूर्ण व्यापक गर्भपात देखभाल का आधार है।
    • गर्भपात देखभाल के लिये एक सक्षम वातावरण के तीन आधार हैं:
      • कानून और नीति के सहायक ढाँचे सहित मानवाधिकारों का सम्मान।
      • सूचना की उपलब्धता और पहुँच।
      • सहायक, सार्वभौमिक रूप से सुलभ, सस्ती और अच्छी तरह से काम करने वाली स्वास्थ्य प्रणाली।

Enabling-Environment

सुरक्षित गर्भपात हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम:

  • सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के RMNCH+A (प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य) कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं में महिलाओं को सुरक्षित व व्यापक गर्भपात देखभाल सेवाएँ प्रदान करती है।
  • सुरक्षित गर्भपात तकनीकों में गर्भपात के बाद देखभाल को बढ़ावा देने के लिये चिकित्सा अधिकारियों और सहायक नर्स मिडवाइफ कार्यकर्त्ताओं, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (आशा) तथा अन्य पदाधिकारियों की क्षमता निर्माण, सुरक्षित गर्भपात के लिये गोपनीय परामर्श प्रदान करना।
  • गुणवत्तापूर्ण व्यापक गर्भपात देखभाल सेवाएँ प्रदान करने के लिये निजी और गैर-सरकारी संगठन (NGOs) क्षेत्र की सुविधाओं का प्रमाणन।
  • गर्भावस्था का शीघ्र पता लगाने के लिये उप-केंद्रों को गर्भावस्था जाँच किट की आपूर्ति।
  • मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) संशोधन अधिनियम, 2021 व्यापक देखभाल हेतु सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये चिकित्सीय, मानवीय और सामाजिक आधार पर सुरक्षित एवं कानूनी गर्भपात सेवाओं तक पहुँच का विस्तार करता है।

आगे की राह

  • कानूनी और सुरक्षित गर्भपात तक पहुँच यौन व प्रजनन समानता का एक अभिन्न आयाम है, यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है, इसे लोकतंत्र पर समकालीन बहस में एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व के रूप में देखा जाना चाहिये, जो सभी प्रकार के भेदभाव से घृणा करने वाला न्यायपूर्ण समाज प्रदान करना चाहता है।
  • सुरक्षित गर्भपात का अधिकार महिलाओं के शारीरिक अखंडता, जीवन के अधिकार और समानता के अधिकार का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है, इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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