अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत – रूस संबंधों का एक नया दौर
- 02 Jun 2017
- 2 min read
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई से 3 जून तक यूरोपीय देशों (जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्राँस) की यात्रा पर हैं। इसी क्रम में वे एक जून को रूस पहुँचे और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों देशों ने आपसी महत्त्व के विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर करते हुये एक सयुंक्त वक्तव्य ‘21वीं सदी का एक दृष्टिपत्र’ नाम से जारी किया। भारत और रूस ने अपने द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगाँठ मनाते हुए कहा कि दोनों देशों के मध्य अटूट संबंधों का आधार एक-दुसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और दृढ़ विश्वास रहा है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- दोनों देशों ने तमिलनाडु में 1000 मेगावाट क्षमता की परमाणु ऊर्जा संयंत्र की दो इकाइयों की स्थापना के संबंध में बहुप्रतीक्षित समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- ध्यातव्य है कि ये रिएक्टर भारत के परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) और रूस के एटमस्टॉय एक्सपोर्ट कंपनी द्वारा बनाए जाएंगे|
- इसके अलावा, दोनों ने आपसी रक्षा सहयोग को नई दिशा देने का फैसला किया है।
- उल्लेखनीय है कि दोनों देशों ने पहली बार तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) का युद्धाभ्यास 'इंद्र - 2017' आयोजित करने पर सहमति जताई है।
- साथ ही, दोनों देश, ‘कैमोव -226’ सैन्य हेलीकाप्टरों का संयुक्त रूप से निर्माण शुरू करेंगे।
- दोनों देशों ने आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही को रोकने के मुद्दे पर भी बात की।
भारत तथा रूस के मध्य आपसी सहयोग के छ: महत्त्वपूर्ण क्षेत्र-
1. राजनीतिक क्षेत्र
2. रक्षा क्षेत्र
3. परमाणु ऊर्जा क्षेत्र
4. अंतरिक्ष क्षेत्र
5. आतंकवाद
6. आर्थिक क्षेत्र