कैंसर के इलाज के लिये नया सेंसर | 28 Aug 2017
चर्चा में क्यों ?
वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि जो ट्यूमर कैंसर इम्यूनोथेरेपी द्वारा तन जाते हैं वे अपने डीएनए को पास की प्रतिरक्षा कोशिकाओं में छोड़ देते हैं, जिससे एक अलर्ट तंत्र विकसित हो जाता है| वही रासायनिक अलर्ट तंत्र सीजीएएस (cGAS) अणु के माध्यम से डीएनए के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रतिरक्षा-तंत्र संवेदक है।
महत्त्व
- अध्ययन से पता चलता है कि सीजीएएस शरीर की दो प्रतिरक्षा प्रणालियों को जोड़ने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है|
- वे प्रतिरक्षा प्रणाली हैं- जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली, जो प्रारंभिक खतरों को महसूस करती है, और अनुकूलित प्रतिरक्षा प्रणाली, जो सहज प्रतिरक्षा प्रणाली से चेतावनी मिलने के बाद ट्यूमर के विरुद्ध प्रतिक्रिया को बढ़ाती है।
- इन निष्कर्षों में एंटी-कैंसर के इलाज के लिये अधिक प्रभावी रणनीति बनाई जा सकती है, जिसे प्रतिरक्षा चेकपॉइंट नाकाबंदी थेरेपी कहा जाता है।
- ये चेकपॉइंट ऐसी आणविक बाधाएँ हैं, जिन्हें कैंसर की कोशिकायें स्वयं को प्रतिरक्षा प्रणाली से छिपाने के लिये उत्पन्न करती हैं।
- कुछ मरीजों में नाटकीय प्रतिक्रियाओं के बावजूद, कई अन्य मरीजों ने इम्यूनोथेरेपी के प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई है, जो नए थेरेपी के खोज को प्रेरित करते हैं, जो पूरी तरह से विभिन्न प्रकार के चेकपॉइंट को लक्षित करते हैं जैसा कि इस अध्ययन में ड्रग का उपयोग किया गया था।
- ड्रग सीडी47 को लक्षित करती हैं। सीडी47 एक सेल प्रोटीन है जो कुछ ट्यूमर कोशिकाओं में उत्पन्न होता है।
क्या है सीडी47
- सीडी47 शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं में पाए जाते हैं|
- यह लंबे समय से ज्ञात है कि कई प्रकार की कैंसर कोशिकाएँ स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में सीडी47 को अधिक मात्रा में उत्पादन करती हैं।
- वास्तव में, ट्यूमर में सीडी47 के स्तर जितने अधिक होते हैं, कैंसर का निदान उतना कठिन होता है।