भारतीय सेना के लिये नई रक्षा प्रणाली | 20 Aug 2022

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने सेना की आधुनिकीकरण योजनाओं के एक भाग के रूप में भारतीय सेना को एफ-इंसास, निपुण माइंस, लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) सहित कई नई रक्षा प्रणालियाँ सौंपी हैं।

एफ-इंसास (F-INSAS) प्रणाली:

  • परिचय:
    • F-INSAS का अर्थ फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर एज ए सिस्टम (एक प्रणाली के रूप में भविष्य  के सैनिक) है।
    • यह पैदल सेना के आधुनिकीकरण का एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सैनिक की परिचालन क्षमता को बढ़ाना है।
    • इस परियोजना के तहत, सैनिकों को आधुनिक प्रणालियों से लैस किया जा रहा है जो हल्के, हर मौसम में सभी इलाकों में, लागत प्रभावी और कम रख-रखाव वाली हैं।
    • ये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और आयुध कारखानों के पारिस्थितिकी तंत्र सहित भारतीय संस्थाओं द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किये गए हैं।
  • एफ-इंसास प्रणाली के अंतर्गत शामिल सैन्य-हथियार एवं उपकरण:
    • AK-203 असॉल्ट राइफल:
      • यह रूस की गैस एवं मैगजीन से चलने वाली, सेलेक्ट फायर असॉल्ट राइफल है।
      • इसकी रेंज 300 मीटर है।
    • मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड:
      • इसका उपयोग रक्षात्मक और आक्रामक मोड में किया जा सकता है।
        • रक्षात्मक मोड में, हैंड ग्रेनेड तब फेकें जाते हैं, जब फेंकने वाले  के पास  कवर  मौजूद  होता है।
        • आक्रामक मोड में, हैंड ग्रेनेड फ्रग्मेंट नहीं होते हैं और विरोधी को इसके विस्फोट से हानि पहुँचती है।
    • बैलिस्टिक हेलमेट और बैलिस्टिक गॉगल्स:
      • यह बुलेट-प्रूफ वेस्ट के साथ सैनिकों को छोटे प्रोजेक्टाइल और फ्राग्मेंट्स से सुरक्षा के लिये बैलिस्टिक हेलमेट तथा बैलिस्टिक गॉगल्स प्रदान करता है।
      • हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट एके-47 राइफल से दागी गई 9 एमएम की गोलियों और गोला-बारूद से सैनिक की रक्षा करने में सक्षम हैं।
    • अन्य उपकरण:
      • यह स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाने के लिये कमांड पोस्ट और साथी सैनिकों के साथ सूचनाओं के वास्तविक समय में आदान-प्रदान के लिये हैंड्स-फ्री, सुरक्षित उन्नत संचार सेट के साथ आता है।
  • अन्य देशों के संबंधित सिस्टम:
    • अमेरिका के पास लैंड वॉरियर है, जबकि यूके के पास FIST (फ्यूचर इंटीग्रेटेड सोल्जर टेक्नोलॉजी) है।
    • विश्व भर में 20 से अधिक सेनाएँ ऐसे कार्यक्रमों का अनुपालन कर रही हैं।

निपुण माइंस:

  • निपुण माइंस स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई एंटी-पर्सनल माइंस हैं, जिन्हें DRDO ने 'सॉफ्ट टारगेट ब्लास्ट मूनिशन' कहा है।
    • एंटी-पर्सनल माइंस का इस्तेमाल इंसानों के खिलाफ किया जाता है, जबकि एंटी-टैंक माइंस का इस्तेमाल भारी वाहनों के लिये किया जाता है।
    • रूस के PFM-1 और PFM-1S को आमतौर पर 'बटरफ्लाई माइन' या 'ग्रीन पैरट' के रूप में जाना जाता है। बटरफ्लाई माइन एक अत्यंत संवेदनशील कार्मिक-विरोधी बारूदी सुरंग है।
  • ये माइंस घुसपैठियों और दुश्मन की पैदल सेना के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में कार्य करते हैं।
  • वे आकार में छोटे होते हैं और बड़ी संख्या में तैनात किये जा सकते हैं।
  • वे सीमाओं पर सैनिकों को सुरक्षा प्रदान करते हैं और उनके शस्त्रागार में मौजूदा एंटी-पर्सनल माइंस की तुलना में अधिक शक्तिशाली और प्रभावी हैं।

लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (एलसीए):

  • लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) पैंगोंग त्सो झील में वर्तमान में उपयोग की जाने वाली सीमित क्षमताओं वाली नावों के प्रतिस्थापन के रूप में काम करने के लिये है।
  • इसने पूर्वी लद्दाख में पानी की बाधाओं को पार करने की क्षमता को बढ़ाया है।
  • इसी तरह के जहाज़ पहले से ही भारतीय नौसेना में परिचालन में हैं।

अन्य रक्षा प्रणालियाँ:

  • सौर फोटोवोल्टिक ऊर्जा परियोजना: देश के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाके और परिचालन क्षेत्रों में से एक सियाचिन ग्लेशियर है।
    • विभिन्न उपकरणों को संचालित करने हेतु क्षेत्र में बिजली की पूरी आवश्यकता केवल कैप्टिव जनरेटर आपूर्ति के माध्यम से पूरी की जाती थी। समग्र ऊर्जा आवश्यकताओं में सुधार और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिये सौर फोटो-वोल्टेइक संयंत्र स्थापित किया गया है।
  • रक्षा मंत्रालय ने सेना को टी-90 टैंकों के लिये थर्मल इमेजिंग साइट, हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर और लंबी दूरी पर सामरिक संचार के लिये फ्रीक्वेंसी-हॉपिंग रेडियो रिले भी प्रदान किया।
  • इसके अलावा निगरानी मिशनों में हेलीकॉप्टरों की मदद के लिये रिकॉर्डिंग सुविधा के साथ डाउनलिंक उपकरण भी सौंपे गए।
    • इस प्रणाली का उपयोग करते हुए टोही डेटा रिकॉर्ड किया जाता है और इसे तभी उपयोग किया जा सकता है जब हेलीकॉप्टर बेस पर वापस आ जाए।
  • कुछ अन्य रक्षा प्रणालियों में इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल और मिनी रिमोटली पायलटेड एरियल सिस्टम सर्विलांस, इन्फैंट्री बटालियन और मैकेनाइज़्ड यूनिट स्तर पर डिटेक्शन तथा टोही शामिल हैं।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

मेन्स

प्रश्न. एस-400 वायु रक्षा प्रणाली तकनीकी रूप से दुनिया में वर्तमान में उपलब्ध किसी भी अन्य प्रणाली से कैसे बेहतर है? (मुख्य परीक्षा)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस