नेताजी सुभाष चंद्र बोस | 22 Jan 2022

प्रिलिम्स के लिये:

भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस

मेन्स के लिये:

आधुनिक भारतीय इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम, आज़ाद हिंद फौज और सुभाष चंद्र बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने और वर्ष भर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में इंडिया गेट पर उनकी एक भव्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है।

  • अलंकरण समारोह के दौरान वर्ष 2019, वर्ष 2020, वर्ष 2021 और वर्ष 2022 के लिये ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ भी प्रदान किये जाएंगे।

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सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

  • आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा प्रदान किये गए अमूल्य योगदान एवं निस्वार्थ सेवा को पहचानने व सम्मानित करने हेतु वार्षिक ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ की स्थापना की गई है।
  • पुरस्कार की घोषणा प्रतिवर्ष 23 जनवरी को की जाती है।
  • इसमें संस्था के मामले में 51 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र तथा एक व्यक्ति के मामले में 5 लाख रुपए एवं प्रमाण पत्र दिया जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • जन्म:
    • सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस (Prabhavati Dutt Bose) और पिता का नाम जानकीनाथ बोस (Janakinath Bose) था।
  • शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:
    • वर्ष 1919 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवा (ICS) की परीक्षा पास की थी। हालाँकि बाद में बोस ने इस्तीफा दे दिया।
    • वह विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे।
    • उनके राजनीतिक गुरु चितरंजन दास थे।
      • वर्ष 1921 में बोस ने चित्तरंजन दास की स्वराज पार्टी द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र 'फॉरवर्ड' के संपादन का कार्यभार संभाला।
  • कॉन्ग्रेस के साथ संबंध:
    • उन्होंने बिना शर्त स्वराज (Unqualified Swaraj) अर्थात् स्वतंत्रता का समर्थन किया और मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट (Motilal Nehru Report) का विरोध किया जिसमें भारत के लिये डोमिनियन के दर्जे की बात कही गई थी।
    • उन्होंने वर्ष 1930 के नमक सत्याग्रह में सक्रिय रूप से भाग लिया और वर्ष 1931 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के निलंबन तथा गांधी-इरविन समझौते पर हस्ताक्षर करने का विरोध किया।
    • वर्ष 1930 के दशक में वह जवाहरलाल नेहरू और एम.एन. रॉय के साथ कॉन्ग्रेस की वाम राजनीति में संलग्न रहे। 
    • बोस वर्ष 1938 में हरिपुरा में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
    • वर्ष 1939 में त्रिपुरी (Tripuri) में उन्होंने गांधी जी के उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैय्या (Pattabhi Sitaramayya) के खिलाफ फिर से अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।
    • उन्होंने एक नई पार्टी 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की स्थापना की। इसका उद्देश्य अपने गृह राज्य बंगाल में राजनीतिक वामपंथ और प्रमुख समर्थन आधार को मज़बूत करना था।
  • भारतीय राष्ट्रीय सेना:
    • वह जुलाई 1943 में जर्मनी से जापान-नियंत्रित सिंगापुर पहुँचे वहाँ से उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा ‘दिल्ली चलो’ जारी किया और 21 अक्तूबर, 1943 को आज़ाद हिंद सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय सेना के गठन की घोषणा की।
    • भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन पहली बार मोहन सिंह और जापानी मेजर इविची फुजिवारा (Iwaichi Fujiwara) के नेतृत्त्व में किया गया था तथा इसमें मलायन (वर्तमान मलेशिया) अभियान के दौरान सिंगापुर में जापान द्वारा कैद किये गए ब्रिटिश-भारतीय सेना के युद्ध बंदियों को शामिल किया गया था।
    • साथ ही इसमें सिंगापुर की जेल में बंद भारतीय कैदी और दक्षिण-पूर्व एशिया के भारतीय नागरिक भी शामिल थे। इसकी सैन्य संख्या बढ़कर 50,000 हो गई थी।
    • INA ने वर्ष 1944 में इम्फाल और बर्मा में भारत की सीमा के भीतर मित्र देशों की सेनाओं का मुकाबला किया।
    • नवंबर 1945 में ब्रिटिश सरकार द्वारा INA के सदस्यों पर मुकदमा चलाए जाने के तुरंत बाद पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।
  • मृत्यु:
    • वर्ष 1945 में ताइवान में विमान दुर्घटनाग्रस्त में उनकी मृत्यु हो गई। हालाँकि अभी भी उनकी मृत्यु के संबंध में कई राज छिपे हुए हैं।

स्रोत: पी.आई.बी