शासन व्यवस्था
NeSDA की वे फॉरवर्ड रिपोर्ट- 2023
- 22 Feb 2024
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, ई-सेवाएँ, ई-उन्नत (संयुक्त, एकीकृत, सुलभ और पारदर्शी) मेन्स के लिये:NeSDA की वार्षिक वे फॉरवर्ड रिपोर्ट- 2023, विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये सरकारी नीतियाँ एवं हस्तक्षेप तथा उनके डिज़ाइन व कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे |
स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने 'वार्षिक राष्ट्रीय ई-शासन सेवा वितरण मूल्यांकन (NeSDA) वे फॉरवर्ड रिपोर्ट-2023' जारी की है, जिसमें दर्शाया गया है कि NeSDA वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड पर मूल्यांकित की गई 1,117 ई-सेवाओं के साथ जम्मू और कश्मीर का वर्चस्व है।
- यह रिपोर्ट राष्ट्रीय ई-शासन सेवा वितरण मूल्यांकन (National e-Governance Services Delivery Assessment- NeSDA) फ्रेमवर्क पर आधारित है।
- यह ढाँचा ई-सेवाओं के वितरण के संबंध में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों का मूल्यांकन करने के लिये एक बेंचमार्किंग अभ्यास के रूप में कार्य करता है।
वार्षिक NeSDA वे फॉरवर्ड रिपोर्ट-2023 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- कुल मुल्यांकित ई-सेवाएँ:
- दिसंबर 2023 के अंत तक, कुल 16,487 ई-सेवाओं का NeSDA वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड पर मूल्यांकन किया गया, जो विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल सेवा वितरण की सीमा को दर्शाता है।
- ई-सेवा वितरण में, जम्मू और कश्मीर के बाद तमिलनाडु (1,101 ई-सेवाएँ), मध्य प्रदेश (1010 ई-सेवाएँ) तथा केरल (911 ई-सेवाएँ) राज्य हैं।
- मणिपुर के अलावा, निचले चार राज्य/केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप (42), लद्दाख (46), सिक्किम (51) और नगालैंड (64) हैं।
- ई-गवर्नेंस में जम्मू-कश्मीर ने सराहनीय प्रगति की जिसके तहत 1120 ई-सेवाओं के प्रावधान और उनके एकीकृत ई-UNNAT (एकीकृत, एकीकृत, सुलभ और पारदर्शी) प्लेटफॉर्म के माध्यम से 100% सेवा वितरण लक्ष्य प्राप्त किया जिसने मणिपुर में ई-सेवाओं की प्रतिकृति तथा प्रसार के स्रोत के रूप में कार्य किया।
- दिसंबर 2023 के अंत तक, कुल 16,487 ई-सेवाओं का NeSDA वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड पर मूल्यांकन किया गया, जो विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल सेवा वितरण की सीमा को दर्शाता है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 16,487 ई-सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। जम्मू-कश्मीर सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक (1117) ई-सेवाएँ प्रदान करता है।
- अधिकतम ई-सेवाएँ स्थानीय शासन और जनोपयोगी सेवाओं के क्षेत्र में प्रदान की जाती हैं।
- पर्यटन क्षेत्र ने 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से 23 में सभी अनिवार्य ई-सेवाओं के प्रावधान के लिये उच्चतम संतृप्ति हासिल की है। इसके बाद 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में से 20 में पर्यावरण और श्रम एवं रोज़गार क्षेत्र का स्थान है।
- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 16,487 ई-सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। जम्मू-कश्मीर सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक (1117) ई-सेवाएँ प्रदान करता है।
- अनिवार्य सेवा:
- अनिवार्य ई-सेवाओं की संतृप्ति में NeSDA वे फॉरवर्ड (2023) में 76% की वृद्धि हुई जो कि वर्ष 2019 में 48% और वर्ष 2021 में 69% थी।
- ई-सेवा वितरण में चुनौतियाँ:
- राज्यों के बीच वितरण से संबंधित असमानताएँ हैं, मणिपुर को अन्य क्षेत्रों की तुलना में ई-सेवाएँ प्रदान करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जो पिछड़े राज्यों में डिजिटल प्रशासन में सुधार के लिये अधिक व्यापक प्रयासों की आवश्यकता का संकेत देता है।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (NeSDA) क्या है?
- परिचय:
- प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने सात क्षेत्रों को कवर करते हुए एक बेंचमार्किंग अभ्यास के रूप में ई-सेवाओं के वितरण के संबंध में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों का आकलन करने के लिये NeSDA फ्रेमवर्क तैयार किया।
- सात क्षेत्र हैं- स्थानीय शासन और उपयोगिता सेवाएँ, स्वास्थ्य, कृषि, घर तथा सुरक्षा सहित समाज कल्याण, वित्त, श्रम एवं रोज़गार, शिक्षा, पर्यावरण, पर्यटन।
- यह कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
- इस मूल्यांकन में, इस परियोजना में सेवा पोर्टलों का उनके मूल मंत्रालय/पोर्टल विभागों के साथ मूल्यांकन किया गया था।
- प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने सात क्षेत्रों को कवर करते हुए एक बेंचमार्किंग अभ्यास के रूप में ई-सेवाओं के वितरण के संबंध में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों का आकलन करने के लिये NeSDA फ्रेमवर्क तैयार किया।
- पोर्टल का वर्गीकरण:
- मूल्यांकन किये गए सभी सरकारी पोर्टलों को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया था-
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश/केंद्रीय मंत्रालय पोर्टल।
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश/केंद्रीय मंत्रालय सेवा पोर्टल।
- मूल्यांकन किये गए सभी सरकारी पोर्टलों को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया था-
- पैरामीटर:
- मूल्यांकन के चार मुख्य मानक थे:-
- अभिगम्यता।
- सामग्री उपलब्धता।
- उपयोग में आसानी और सूचना सुरक्षा।
- केंद्रीय मंत्रालय पोर्टलों के लिये गोपनीयता।
- केंद्रीय मंत्रालय सेवा पोर्टल के लिये अतिरिक्त तीन मापदंडों का भी उपयोग किया गया-
- अंतिम सेवा वितरण।
- एकीकृत सेवा वितरण।
- स्थिति और अनुरोध ट्रैकिंग।
- मूल्यांकन के चार मुख्य मानक थे:-
एकीकृत सेवा वितरण:
- एक एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल बेहतर प्रशासन और सेवा उपलब्धता प्रदान करने के लिये विभागों में सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करता है।
- इनसे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सभी नागरिक अधिकार क्लाउड पर उपलब्ध हैं, व्यापार करने में सुगमता बढ़ती है और विकास गतिविधियों के लिये कई प्रौद्योगिकियों को एकीकृत किया जाता है।
- सेवाओं की एकीकृत और निर्बाध डिलीवरी NeSDA ढाँचे का मुख्य सिद्धांत है तथा ऐसे पोर्टलों को मज़बूत करने से नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण बढ़ेगा।
भारत में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिये सरकारी पहल क्या हैं?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ योजना का/के उद्देश्य है/हैं? (2018)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |