नेबरहुड माइनस वन | 05 Oct 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum- WEF) के अंतर्गत भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन (India Economic Summit) में भारत एवं इसके पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग के संदर्भ में नेबरहुड माइनस वन (Neighbourhood Minus One) की बात सामने आई।

संदर्भ:

  • दो दिवसीय भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन का आयोजन विश्व आर्थिक मंच द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से गया था।
  • यहाँ ‘नेबरहूड माइनस वन’ में वन (one) का संदर्भ पाकिस्तान से है।
  • भारत की विदेश नीति में ‘पड़ोसी पहले’ (Neighbourhood First) की नीति एक महत्त्वपूर्ण आयाम है एवं भारत लगातार इस नीति की व्यावहारिक प्रासंगिकता को बढ़ावा देता रहा है।
  • हालाँकि अन्य पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव आते रहे हैं लेकिन पाकिस्तान के साथ रिश्ता ज्यादातर विवादों से ही घिरा रहा है एवं पिछले कुछ समय से यह मूलतः नकारात्मक ही बना हुआ है।

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum)

  • विश्व आर्थिक मंच सार्वजनिक-निजी सहयोग हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व के प्रमुख व्यावसायिक, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अग्रणी लोगों के लिये एक मंच के रूप में काम करना है।
  • यह स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है और इसका मुख्यालय जिनेवा में है।
  • इस फोरम की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम. श्वाब ने की थी।
  • इस संस्था की सदस्यता अनेक स्तरों पर प्रदान की जानी है और ये स्तर संस्था के काम में उनकी सहभागिता पर निर्भर करते हैं।
  • इसके माध्यम से विश्व के समक्ष मौजूद महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।

पृष्ठभूमि:

  • भारत द्वारा उरी, बालाकोट आदि में हुए आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान की संलिप्तता को मानना एवं संदर्भित कार्रवाई, जैसे कि पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (Most Favoured Nation) का दर्जा वापस लेना आदि।
  • अनुच्छेद- 370 के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा किये गए बदलाव एवं जम्मू और कश्मीर का मुद्दा।
  • SAARC (South Asian Association for Regional Cooperation) के मंच पर भारत-पाकिस्तान मतभेद एवं एक-दूसरे का बहिष्कार।
  • पिछले कुछ समय से भारत द्वारा SAARC की अपेक्षा BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) आदि अन्य क्षेत्रीय संगठनों को अधिक तवज्जो दिया जाना।

नेबरहुड माइनस वन की प्रासंगिकता:

  • पक्ष:
    • पाकिस्तान द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद एवं उसके द्वारा भारत में अन्य आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना दोनों देशों के रिश्तों को सर्वाधिक दुष्प्रभावित करता है।
    • यह भारत द्वारा पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की नीति का एक हिस्सा है।
    • पाकिस्तान के भारत-विरोधी रुख को देखते हुए दक्षिण एशिया के देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिये यह व्यावहारिक दृष्टिकोण है।
    • जम्मू और कश्मीर तथा अनुच्छेद- 370 जैसे भारत के आतंरिक मुद्दों पर पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए यह एक आवश्यक कूटनीतिक दृष्टिकोण प्रतीत होता है।
  • विपक्ष:
    • भारत का यह दृष्टिकोण क्षेत्र में गुटबाजी को बढ़ावा दे सकता है।
    • विदेश नीति के तहत यह एक व्यावहारिक तथ्य है कि पड़ोसी का कोई विकल्प नहीं होता।

निष्कर्ष:

अल्पकालिक नीतियों के तहत यह भले ही व्यावहारिक दिखे किंतु दीर्घकालिक रूप से यह धारणीय प्रतीत नहीं होता है। ऐसे में भारत को इस नीति के साथ-साथ स्थिति को सुधारने के अन्य सार्थक विकल्पों का उपयोग करने पर भी बल देना चाहिये।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस