सामाजिक न्याय
यौन हिंसा पर शिकायतों को ट्रैक करने के लिये एनसीआरबी की बैठक
- 22 Aug 2018
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में महिलाओं और बच्चों से जुड़े "यौन हिंसा" वीडियोज़ को रोकने के तरीकों की सिफारिशों पर चर्चा के लिये एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की ।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) क्या है?
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में की गई थी।
- इसके गठन का मुख्य उद्देश्य भारतीय पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान कर समर्थ बनाना था।
- NCRB नीति संबंधी मामलों और अनुसंधान हेतु अपराध, दुर्घटना, आत्महत्या और जेल संबंधी डेटा के प्रामाणिक स्रोत के लिये नोडल एजेंसी है।
- NCRB ‘भारत में अपराध’, ‘दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें और आत्महत्या’, ‘जेल सांख्यिकी’ और फिंगर प्रिंट्स पर 4 वार्षिक प्रकाशन जारी करता है।
- बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों की अंडर- रिपोर्टिंग के चलते वर्ष 2017 से NCRB ने बाल यौन शोषण से संबंधित आँकड़ों को भी एकत्रित करना प्रारंभ किया है।
- NCRB को वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ‘डिजिटल इंडिया अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था।
- भारत में पुलिस बलों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य 1971 में प्रारंभ हुआ।
- NCRB ने वर्ष 1995 में CCIS (Crime and Criminals Information System), वर्ष 2004 में CIPA (Common Integrated Police Application) और अंतिम रूप में वर्ष 2009 में CCTNS प्रारंभ किया ।
बैठक में लिये गए फैसले
- इस बैठक में गृह मंत्री के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा खुफिया ब्यूरो के निदेशक भी शामिल थे।
- इस बैठक में फैसला लिया गया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) प्राप्त शिकायतों की निगरानी के लिये नामित नोडल एजेंसी होगी जो सरकारी पोर्टल पर बाल अश्लीलता और यौन हिंसा संबंधी वीडियोज़ के रिकॉर्ड रखती है।
- एनसीआरबी विभिन्न सेवा प्रदाताओं जैसे- फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप के साथ समन्वय करेगा और उनसे ऐसे दुर्भावनापूर्ण वीडियो और सामग्री के प्रसार को रोकने करने के लिये कहेगा।
- उल्लेखनीय है कि एनसीआरबी वर्तमान में केवल एक अपराध रिकॉर्ड एजेंसी है, इसलिये ऐसे वीडियो के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये इसे सक्षम बनाने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई है।