शासन व्यवस्था
डेटा पॉइंट: महिलाओं के विरुद्ध अपराध पर NCRB के आँकड़े
- 18 Jan 2020
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संदर्भ:
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau- NCRB) ने वर्ष 2018 के अपराध संबंधी आँकड़े जारी किये।
मुख्य बिंदु:
- इसके अनुसार वर्ष 2018 में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के सर्वाधिक 3.78 लाख मामले दर्ज किये गए।
- हालाँकि पिछले कई वर्षों से इन मामलों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन पुलिस और न्यायालयों द्वारा मामलों के निष्पादन की दर निराशाजनक बनी हुई है।
महिलाओं के विरुद्ध मामले:
- आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 1992 से अपराधों का लिंग आधारित वर्गीकरण प्रारंभ किया गया था तब से लगातार महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
- इस आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2013 में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि देखी गई।
- नीचे दिये गए ग्राफ में दर्शाए गए मामले भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) तथा विशेष तथा स्थानीय कानूनों (Special and Local Laws- S&LL) के तहत दर्ज किये गए हैं।
अपराध के प्रकार:
- महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध के लगभग सभी मामलों जैसे- बलात्कार, शीलभंग के उद्देश्य से यौन हिंसा, अपहरण तथा बंधक बनाने के मामलों में वृद्धि हुई है।
- इनमें शीलभंग के उद्देश्य से यौन हिंसा के मामलों में वर्ष 2013 से तीव्र वृद्धि हुई है।
- इन आँकड़ों के अनुसार, पति या रिश्तेदारों द्वारा प्रताड़ित किये जाने के मामलों में कमी आई है।
- इसके अलावा दहेज़ के कारण होने वाली मौतों के मामलों में कमी हुई है तथा दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) के अंतर्गत दर्ज मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
- इसका आशय है कि दहेज़ के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है तथा दहेज़ के विरुद्ध लोग आवाज़ उठा रहे हैं।
पुलिस की सक्रियता:
- इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में पुलिस द्वारा महिलाओं के विरुद्ध मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की दर (Charge-Sheeting Rate) तथा विचाराधीनता दर (Pendency Rate) निराशाजनक रही।
- चार्जशीट दाखिल करने की दर का अर्थ किसी वर्ष में दाखिल की गई चार्जशीट तथा उस वर्ष दाखिल किये गए नए मामले तथा पिछले वर्ष के मामले के योग का अनुपात है।
- विचाराधीनता दर का अर्थ किसी वर्ष के अंत में पुलिस अन्वेषण हेतु लंबित मामले तथा कुल मामलों का अनुपात है।
न्यायालयों की सक्रियता:
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में न्यायालयों द्वारा महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराध के विभिन्न मामलों पर दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) तथा विचाराधीनता दर (Pendency Rate) दयनीय रही।
- दोषसिद्धि दर का अर्थ किसी वर्ष में न्यायालयों में दोषसिद्ध किये गए मामले तथा नए दाखिल मामले और लंबित मामलों के योग का अनुपात है।
- न्यायालयों के मामले में विचाराधीनता दर का अर्थ न्यायालयों में लंबित मामलों तथा कुल मामलों का अनुपात है।