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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

नौसेना के लिये 24 नई पनडुब्बियाँ बनाने की योजना

  • 30 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

भारतीय नौसेना

मेन्स के लिये

भारत-रूस संबंध, हिंद महासागर

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संसदीय दल के समक्ष नौसेना द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट में नौसेना ने अपनी सैन्य शक्ति में वृद्धि के लिये 24 नई पनडुब्बियों के निर्माण की योजना पर बल दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • हाल के दिनों में हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की गतिविधियाँ बढ़ी हैं जिसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपनी मूलभूत संरचना में कई नए सुधार किये हैं।
  • इसी प्रक्रिया के अंतर्गत नौसेना ने अपनी वर्तमान क्षमता की स्थिति और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा को संसदीय दल के साथ साझा किया।
  • नौसेना द्वारा साझा की गई रिपोर्ट में बताया गया कि पनडुब्बी सिंधुराज के मेजर रिफिट लाइफ सर्टिफिकेशन (Major Refit and Life Certification-MRLC) की प्रक्रिया अभी तक बाधित है, क्योंकि अमेरिकी (USA) प्रतिबंधों के कारण रूस इंटीग्रिटी पैक्ट बैंक गारंटी (Integrity Pact Bank Guarantee) प्रदान करने में असफल रहा है।
    • भारतीय नौसेना की सभी इकाइयाँ एक व्यापक परिचालन-सह-परिशोधन चक्र (comprehensive operational-cum-refit cycle) का पालन करती हैं। MRLC कार्यक्रम, जिसके तहत एक पनडुब्बी को नवीनतम तकनीक और नौसैनिक प्रणालियों के साथ परिष्कृत किया जाता है, एक अत्यंत लंबी और प्रौद्योगिकीय रूप से जटिल प्रक्रिया है। आम तौर पर इसमें लगभग 24-27 महीने लगते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा 1 जनवरी, 2013 के बाद से 50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के रक्षा सौदों में भावी विक्रेताओं/कंपनियों से इंटीग्रिटी पैक्ट बैंक गारंटी पर हस्ताक्षर की अनिवार्यता लागू की गई है।

भारत सरकार ने यह व्यवस्था रक्षा सौदों में बिचौलिओं, धोखाधड़ी और अन्य गड़बड़ियों से बचने के लिये की है।

  • रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, नौसेना के बेड़े (Fleet) में अभी 15 पारंपरिक तथा 2 परमाणु पनडुब्बियाँ हैं, जिनमें से एक INS अरिहंत और दूसरी रूस से अनुबंधित (Leased) INS चक्र है।
  • लेकिन इनमें से ज़्यादातर 25 वर्ष से अधिक पुरानी हैं, इनमें से 13 पनडुब्बियाँ 17 से 32 वर्ष पहले नौसेना में शामिल की गई थीं।
  • नौसेना ने जानकारी दी है कि रक्षा मंत्रालय ने मुंबई के मझगांगाँव बंदरगाह पर प्रोजेक्ट-75 के तहत 6 पनडुब्बियों के निर्माण सहित ऐसी कई अन्य परियोजनाओं में देरी को देखते हुए 6 पुरानी पनडुब्बियों के MRLC की स्वीकृति दे दी है।

Project-75: प्रोजेक्ट 75 रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) मॉडल पर आधारित स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण की एक परियोजना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मझगाँव डॉक्स शिपबिल्डर्स लिमिटेड, महाराष्ट्र में 45 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश कर स्थानीय तथा विदेशी कंपनियों के सहयोग से वर्ष 2030 तक कई पारंपरिक तथा परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की योजना है।

  • रिपोर्ट में नौसेना ने 18 पारंपरिक और 6 परमाणु पनडुब्बियों की योजना को प्रस्तावित किया है।
  • अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के आरोप के कारण तथा हाल ही में CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) के तहत कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
  • रूस ने तीसरी पनडुब्बी सिन्धुरत्न का MRLC प्राप्त करने के लिये भारतीय कंपनी L&T (लार्सन & ट्यूब्रो) को अपने पसंदीदा साझेदार के रूप में चुनने की इच्छा जाहिर की है।

स्रोत: द हिंदू

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