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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

नाविक का व्यवसायीकरण

  • 04 Nov 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

नाविक के प्रयोग, क्रियाविधि

मेन्स के लिये:

नाविक के प्रयोग, क्रियाविधि तथा संबंधित मुद्दे

संदर्भ:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और उसकी वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड नाविक के व्यवसायीकरण (Commercialised) की ओर अग्रसर है।

  • नाविक के लिये समर्पित हार्डवेयर आधारित सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से एंट्रिक्स (Antrix) ने उद्योगों की पहचान के लिये दो अलग-अलग निविदाएँ (Tenders) जारी की है।
  • एंट्रिक्स वर्तमान में नाविक प्रणाली के उपकरण (Device) और सिस्टम के लिये कुशल निर्माताओं की पहचान कर रही है।
  • इस प्रकार की पहल में दो अलग-अलग निविदाएँ जारी करने का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता और कार्य की उत्कृष्टता सुनिश्चित करना है।

इस क्षेत्र की वर्तमान स्थिति:

  • सेमीकंडक्टर चिप (Semiconductor Chip) की एक प्रमुख उत्पादक कंपनी क्वालकॉम टेक्नोलॉजीज (Qualcomm Technologies) द्वारा नाविक के विकसित एक चिपसेट का सफल परीक्षण किया गया।
  • इस कंपनी के चिप जीपीएस, गैलीलियो (यूरोप), ग्लोनास (रूस) और बीडाउ (चीन) जैसे वैश्विक नौवहन सैटेलाइट प्रणालियों में कार्य कर सकते हैं।

नाविक:

  • नाविक- NavIC (Navigation in Indian Constellation) आठ उपग्रहों की क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह आधारित स्वदेशी प्रणाली है जो अमेरिका के जीपीएस की तरह कार्य करती है।
  • 12 अप्रैल को पीएसएलवी-सी41 (PSLV-C41) के माध्यम से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization-ISRO) द्वारा IRNSS-1 (Indian Regional Navigation Satellite System-1) नौवहन (Navigation) उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया गया था।
  • इसके माध्यम से स्थानीय स्थिति (Indigenous Positioning) या स्थान आधारित सेवा (Location Based Service- LBS) जैसी सुविधाएँ प्रदान की जा रही है। यह भारतीय उपमहाद्वीप पर 1,500 किलोमीटर के दायरे को कवर करता है।

NavIC की कार्यप्रणाली:

  • NavIC के उपग्रह दो माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी बैंड पर सिग्नल देते हैं, जो L5 और S के नाम से जाने जाते हैं।
  • यह स्टैंडर्ड पोज़ीशनिंग सर्विस तथा रिस्ट्रिक्टेड सर्विस की सुविधा प्रदान करता है।
  • इसकी 'रिस्ट्रिक्टेड सर्विस' सेना तथा महत्त्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों के लिये सुविधाएँ प्रदान करने का काम करती है।

उपयोग:

  • इसका प्रयोग परिवहन साधनों में किया जा सकता है ताकि वाहनों को ट्रैक किया जा सके, साथ ही दुर्घटना इत्यादि जैसी अप्रत्याशित घटनाओं का शीध्रता से पता चल सके।
  • इसका उपयोग मछली पकड़ने वाली नौकाओं में भी किया जा रहा है।
  • इसके अतिरिक्त सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले वर्ष आदेश दिया था कि सभी राष्ट्रीय-परमिट वाले वाहनों में ट्रैकिंग उपकरण होने चाहिये।
  • स्थलीय, हवाई और समुद्री नौवहन; आपदा प्रबंधन; मोबाइल फोन के साथ एकीकरण; सटीक समय (एटीएम और पावर ग्रिड के लिये); मैपिंग एंड जियोडेटिक डेटा कैप्चर (Mapping and Geodetic Data Capture) एवं यात्रियों के लिये स्थलीय नौवहन सहायता के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।

एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड

(Antrix Corporation Ltd)

  • यह भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार के पास है।
  • एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सितंबर 1992 में अंतरिक्ष उत्पादों, तकनीकी परामर्श सेवाओं और इसरो द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के वाणिज्यिक दोहन व प्रचार प्रसार के लिये सरकार के स्वामित्व वाली एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था।
  • इसका एक अन्य प्रमुख उद्देश्य भारत में अंतरिक्ष से संबंधित औद्योगिक क्षमताओं के विकास को आगे बढ़ाना है।
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वाणिज्यिक एवं विपणन शाखा के रूप में एंट्रिक्स पूरे विश्व में अपने अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों को अंतरिक्ष उत्पाद और सेवाएँ उपलब्ध करा रही है।

स्रोत: द हिंदू

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