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शासन व्यवस्था

राष्‍ट्रीय दूरभाष-परामर्श केंद्र (कॉनटेक)

  • 30 Mar 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

कॉनटेक

मेंस के लिये:

COVID-19 से निपटने हेतु भारत सरकार द्वारा किये गए प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) द्वारा ‘राष्‍ट्रीय दूरभाष-परामर्श केंद्र- ‘कॉनटेक’ (National Teleconsultation Centre- CoNTeC) का शुभारंभ किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • ‘कॉनटेक’ परियोजना ‘COVID-19 नेशनल टेलीकंसल्टेशन सेंटर’ (COVID-19 National Teleconsultation Centre) का संक्षिप्त नाम है।
  • यह’ एक टेलीमेडिसिन केंद्र है जिसकी स्थापना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ((All India Institute of Medical Sciences- AIIMS), नई दिल्ली के द्वारा की गई है। 
  • इसे एम्स में इसलिये स्थापित किया गया है ताकि छोटे राज्य भी एम्स के चिकित्सकों के व्‍यापक अनुभवों से लाभ उठा सकें।
  • यहाँ देश भर से विशेषज्ञों के बहु-आयामी सवालों का उत्तर देने के लिये विभिन्न नैदानिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सक 24 घंटे उपलब्ध होंगे।
  • यह एक बहु-मॉडल दूरसंचार केंद्र है जिसके माध्यम से देश के अलावा विश्व के किसी भी हिस्से से दोनों ओर से ऑडियो-वीडियो वार्तालाप के साथ-साथ लिखित संपर्क भी किया जा सकता है।
  • संचार साधनों के रूप में, सरल मोबाइल टेलीफोन के साथ-साथ दोनों और से वीडियो वार्तालापों के लिये व्हाट्सएप, स्काइप और गूगल डुओ का उपयोग किया जाएगा। 
  • ‘कॉनटेक’, लखनऊ के संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ स्थित राष्ट्रीय संसाधन केंद्र के साथ राष्ट्रीय मेडिकल कॉलेज नेटवर्क (National Medical College Network-NMCN) के माध्यम से जुड़े 50 मेडिकल कॉलेजों के बीच वीडियो सम्मेलन (Video Conference) का संचालन करने के लिये पूरी तरह से NMCN के साथ एकीकृत है।

लक्ष्य:

  • इस केंद्र का लक्ष्‍य देश भर के चिकित्सकों को आपस में जोड़ना है ताकि वे एक साथ प्रोटोकॉल पर चर्चा कर सकें और तद्नुसार सर्वोत्तम उपचार प्रदान कर सके।

उद्देश्य:

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं प्रौद्योगिकी की मदद से बड़े पैमाने पर जनता को न केवल COVID-19, बल्कि अन्य बीमारियों के उपचार में भी सहूलियत देना।
    • भारत एक विशाल देश है और गरीबों तक पहुँचने के लिये प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
    • वर्तमान परिस्थिति में गरीबों को भी देश के सर्वोच्च डॉक्टरों की सुविधा मिल सकेगी।
  • प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इस केंद्र को चालू करने का मुख्‍य उद्देश्य देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को सर्वोत्तम उपचार सुलभ कराना है।

आगे कि राह:

  • आने वाले समय में सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और AIIMS को एक साथ जोड़ने की आवश्यकता है ताकि वे स्वास्थ्य क्षेत्र में देश के लिये नीति कार्यान्वयन में और अधिक मदद कर सकें।

स्रोत: PIB

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