भारतीय अर्थव्यवस्था
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद
- 22 Jan 2020
- 6 min read
प्रीलिम्स के लिये:राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद मेन्स के लिये:राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद को अधिसूचित करने का उद्देश्य तथा लाभ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (National Startup Advisory Council- NSAC) नामक एक परिषद को अधिसूचित किया है।
मुख्य बिंदु:
- इस परिषद की स्थापना सतत आर्थिक विकास की अवधारणा के अंतर्गत की गई है, ताकि भारत को ‘व्यापार सुगमता सूचकांक’ (Ease Of Doing Business) जैसे सूचकांकों में बेहतर स्थिति प्रदान की जा सके।
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की संरचना:
- राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री द्वारा की जाएगी।
- इस परिषद में गैर-आधिकारिक सदस्य भी होंगे जो कि सरकार द्वारा सफल स्टार्टअप्स के संस्थापकों, भारत में कंपनी बनाने और उसे विकसित करने वाले अनुभवी व्यक्तियों, स्टार्टअप्स में निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम व्यक्तियों, इन्क्यूबेटरों (Incubators) एवं उत्प्रेरकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम व्यक्तियों और स्टार्टअप्स के हितधारकों के संघों एवं औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों जैसे विभिन्न वर्गों में से नामांकित किये जाएंगे।
- राष्ट्रीय स्टार्टअप्स सलाहकार परिषद के गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
- संबंधित मंत्रियों/विभागों/संगठनों के नामित व्यक्ति जो भारत सरकार में संयुक्त सचिव के पद से नीचे के न हों, परिषद के पदेन सदस्य (Ex-officio Members) होंगे।
- उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) का संयुक्त सचिव इस परिषद का संयोजक नियुक्त किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के गठन का उद्देश्य:
नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा:
- इस परिषद का उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु सरकार को आवश्यक सुझाव देना है।
- यह परिषद नागरिकों और विशेषतः छात्रों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगी।
- इस परिषद के माध्यम से अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
सतत् आर्थिक विकास को बढ़ावा:
- केंद्र सरकार ने सतत आर्थिक विकास और बड़े स्तर पर रोज़गार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की स्थापना की है।
- यह परिषद उत्पादकता और दक्षता में सुधार लाने के लिये अनुसंधान एवं विकास के साथ-साथ अभिनव विचारों के सृजन में सहायता करेगी।
स्टार्टअप्स को विशेष प्रोत्साहन:
- इससे स्टार्टअप्स के लिये पूंजी की उपलब्धता को आसान बनाया जाएगा तथा स्टार्टअप्स में घरेलू पूंजी के निवेश को प्रोत्सहित किया जाएगा।
- यह परिषद भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश के लिये वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने, मूल प्रमोटरों के साथ स्टार्टअप्स पर नियंत्रण बनाए रखने और भारतीय स्टार्टअप्स के लिये वैश्विक बाज़ार उपलब्ध कराने में भी सहयोग करेगी।
- इस परिषद का उद्देश्य बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देना है।
- इस परिषद का उद्देश्य विनियामक अनुपालन और लागत को कम करते हुए व्यापार शुरू करने, उसे संचालित, विकसित और बंद करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
आगे की राह:
भारत को शिक्षा, अनुसंधान और विकास पर व्यय बढ़ाना चाहिये जिससे नीतियों के लिये बेहतर वातावरण एवं अवसंरचना का विकास किया जा सके। नवाचार क्षमता बढ़ाने हेतु उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों के बीच अधिक समन्वय एवं सहयोग की आवश्यकता है। नवाचार के सभी हितधारक जैसे-शोधकर्त्ताओं और निवेशकों को शामिल करते हुए एक समग्र मंच विकसित किया जाना चाहिये। राज्य स्तर पर भी नवाचार और उद्यमशीलता के वातावरण में सुधार से संबंधित नीतियों का क्रियान्वयन किया जाना चाहिये।