राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार | 23 Dec 2017
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार (National Service Scheme – NSS Awards) 2016-17 प्रदान किये गए।
उद्देश्य
- एन.एस.एस. पुरस्कारों का उद्देश्य विश्वविद्यालयों, सीनियर सेकेंडरी (+2) परिषदों, एन.एस.एस. इकाइयों/कार्यक्रम अधिकारियों और एन.एस.एस. स्वंयसेवकों द्वारा स्वंयसेवी सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में दिये गए उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देना एवं पुरस्कृत करना है, ताकि एन.एस.एस. को आगे और ज़्यादा बढ़ावा दिया जा सके।
- उपर्युक्त पुरस्कारों के अलावा कभी-कभी अत्यन्त सीमित संख्या में नामितों को प्रशस्ति पत्र भी दिये जाते हैं।
राष्ट्रीय सेवा योजना का परिचय
- एन.एस.एस. केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है। इस योजना का शुभारंभ वर्ष 1969 में किया गया था।
- इ योजना का मुख्य उद्देश्य स्वयंसेवी सामुदायिक सेवा के ज़रिये युवा विद्यार्थियों में व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास करना है।
- एन.एस.एस. की वैचारिक अवधारण महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है।
- एन.एस.एस. का आदर्श वाक्य है - ‘मैं नहीं, बल्कि आप’।
कार्यक्रम की संरचना
- एन.एस.एस. को सीनियर सेकेंडरी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में क्रियान्वित किया जाता है।
- एन.एस.एस. की अवधारणा के तहत यह परिकल्पना की गई है कि इस योजना के दायरे में आने वाले प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान में कम से कम एक एन.एस.एस. इकाई होगी, जिसमें सामान्यत: 100 छात्र स्वयंसेवी होंगे।
- इनकी अगुवाई एक शिक्षक करेगा, जिसे कार्यक्रम अधिकारी (पीओ) के रूप में नामित किया जाएगा।
- हर एन.एस.एस. इकाई अपनी गतिविधियों के लिये एक गाँव अथवा एक झुग्गी-बस्ती को गोद लेगी।
प्रत्येक एन.एस.एस. स्वयंसेवक को निम्नलिखित कार्य करने होते हैं :
- नियमित एन.एस.एस. गतिविधि
⇒ प्रत्येक एन.एस.एस. स्वयंसेवक को दो वर्षों के दौरान प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 120 घंटे सामुदायिक सेवा में लगाने पड़ते हैं। इसका अर्थ यह है कि दो वर्षों के दौरान स्वयंसेवक को कुल मिलाकर 240 घंटे सामुदायिक सेवा में लगाने पड़ते हैं।
⇒ यह कार्य एन.एस.एस. इकाई द्वारा गोद लिये गए गाँवों/झुग्गी-बस्तियों अथवा स्कूल/कॉलेज के परिसरों में अध्ययन अवधि के बाद या सप्ताहांत के दौरान किया जाता है। - विशेष शिविर कार्यक्रम
⇒ प्रत्येक एन.एस.एस. इकाई कुछ विशिष्ट परियोजनाओं के साथ छुट्टियों के दौरान गोद लिये गये गाँवों या शहरी झुग्गी-बस्तियों में 7 दिनों का विशेष शिविर लगाती है, जिसमें स्थानीय समुदायों को शामिल किया जाता है।
⇒ प्रत्येक स्वयंसेवक को दो वर्षों की अवधि के दौरान एक बार विशेष शिविर में भाग लेना पड़ता है। - एन.एस.एस. के तहत गतिविधियों का स्वरूप
⇒ एन.एस.एस. के स्वयंसेवक नियमित एवं विशेष शिविर गतिविधियों के ज़रिये सामाजिक प्रासंगिकता से जुड़े मुद्दों पर काम करते हैं, जिनमें समुदाय की ज़रूरतों के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं।
⇒ इन मुद्दों में शामिल हैं :
1. साक्षरता एवंशिक्षा।
2. स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं पोषण।
3. पर्यावरण संरक्षण।
4. सामाजिक सेवा कार्यक्रम।
5. महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े कार्यक्रम।
6. आर्थिक विकास की गतिविधियों से जुड़े कार्यक्रम।
7. आपदाओं के दौरान बचाव एवं राहत कार्य, इत्यादि।