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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021

  • 02 Mar 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन इफेक्ट ’की खोज करने की स्मृति में हर वर्ष 28 फरवरी को  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day- NSD) के रूप में मनाया जाता है। वेंकट रमन को उनके इस कार्य के लिये वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वर्ष 1987 में मनाया गया था।

प्रमुख बिंदु:

  • मूल उद्देश्य: लोगों में विज्ञान के महत्त्व और उसके अनुप्रयोग के संबंध में संदेश का प्रचार करना।
  • थीम: वर्ष 2021 के लिये राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम है- एसटीआई का भविष्य (विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार): शिक्षा, कौशल, कार्य पर प्रभाव (Future of STI (Science, Technology and Innovations): Impacts on Education, Skills, and Work)।
  • आयोजन: इसका आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (National Council for Science & Technology Communication- NCSTC) द्वारा किया जाता है।
  • पुरस्कार वितरण
    • इस अवसर पर नेशनल एसएंडटी कम्युनिकेशन अवार्ड्स, ऑगमेंटिंग राइटिंग स्किल्स फॉर आर्टिकुलेटिंग रिसर्च (AWSAR) अवार्ड्स, एसईआरबी वुमन एक्सीलेंस अवार्ड्स तथा विज्ञान मीडिया और पत्रकारिता में उत्कृष्ट कार्य हेतु राजेंद्र प्रभु मेमोरियल एप्रिसिएशन शील्ड का वितरण किया गया।
    • भारत में एसएंडटी अवार्ड् और विदेश में भारतीय मूल के शिक्षाविदों पर पहली बार राष्ट्रीय एसएंडटी डेटाबेस जारी किया गया।
  • ऑगमेंटिंग राइटिंग स्किल्स फॉर आर्टिकुलेटिंग रिसर्च (AWSAR):
    • AWSAR एक पहल है जिसका उद्देश्य भारतीय अनुसंधान से संबंधित कहानियों को आम जनता के समझने हेतु आसान प्रारूप में प्रसारित करना है।
    • उद्देश्य:
      • अपने शोध कार्य के आधार पर कम-से-कम एक कहानी/लेख प्रस्तुत करने हेतु उच्च अध्ययन करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करना। 
      • लोकप्रिय विज्ञान लेखन के माध्यम से विज्ञान की समझ को बढ़ावा देना और विद्वानों के मध्य विज्ञान संचार/लोकप्रियता की संस्कृति का निर्माण करना।
      • प्राकृतिक, भौतिक, गणितीय और सूचना विज्ञान, व्यावहारिक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं बहु-विषयक विज्ञान के विशिष्ट पहलुओं पर शोधकर्त्ताओं की पहल और आउटपुट की पहचान करना।
      • शोधकर्त्ताओं के लिये प्रारंभिक शोध चरणों (पीएचडी स्कॉलर्स और पीडीएफ) मे  प्रशिक्षण कार्यशालाओं का संचालन करना। 
  • हालिया विकास:
    • नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF): इसे नई शिक्षा नीति (New Education Policy- NEP) 2020 के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया जाना है।
      • यह भारत में 'अनुसंधान की गुणवत्ता' हेतु  वित्तपोषण, सलाह और निर्माण आदि  कार्यों को देखेगा । NRF भारत में विभिन्न विषयों पर कार्य करने वाले शोधकर्ताओं को निधि प्रदान करता  है।
    • राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति (STIP 2020) का मसौदा ।

रमन प्रभाव: 

  • रमन प्रभाव अणुओं द्वारा फोटॉन कणों का लचीला प्रकीर्णन है जो उच्च कंपन या घूर्णी ऊर्जा स्तरों को प्रोत्साहित करते हैं। इसे रमन स्कैटरिंग भी कहा जाता है।
    • सरल शब्दों में यह प्रकाश की तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन है जो प्रकाश की किरणों के अणुओं द्वारा विक्षेपित होने के कारण होता है
    • जब प्रकाश की एक किरण किसी रासायनिक यौगिक के धूल रहित एवं पारदर्शी नमूने से होकर गुज़रती है तो प्रकाश का एक छोटा हिस्सा आपतित किरण की दिशा से भिन्न अन्य दिशाओं में उभरता है।
    • इस प्रकिर्णित प्रकाश के अधिकांश हिस्से का तरंगदैर्ध्य अपरिवर्तित रहता है। हालांँकि प्रकाश का एक छोटा हिस्सा ऐसा भी होता है जिसका तरंगदैर्ध्य आपतित प्रकाश के तरंगदैर्ध्य से भिन्न होता है और इसकी उपस्थिति रमन प्रभाव का परिणाम है।
  • रमन प्रभाव रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का आधार निर्मित करता  है जिसका उपयोग रसायन विज्ञानियों और भौतिकविदों द्वारा सामग्री के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु किया जाता है।
    • स्पेक्ट्रोस्कोपी पदार्थ और विद्युत चुंबकीय विकिरण के मध्य का अध्ययन है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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