जैव विविधता और पर्यावरण
राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति
- 21 Aug 2019
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चर्चा में क्यों?
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change) ने राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति (National Resource Efficiency Policy ) का प्रारूप जारी किया है।
प्रमुख बिंदु:
- भारत की अर्थव्यवस्था 2.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राकृतिक संसाधनों की खपत वर्ष 1970 में 1.18 बिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2015 में 7 बिलियन टन हो गई है।
- बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के साथ ही बढ़ती आकांक्षाओं ने भी संसाधनों की खपत को और बढ़ा दिया है ।
- इसलिये संसाधन दक्षता को बढ़ावा देने के साथ संधारणीय विकास सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति बनाई जा रही है।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रारूप नीति पर सार्वजनिक / निजी संगठनों, विशेषज्ञों और नागरिकों के सुझावों को आमंत्रित किया है।
- राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति का उद्देश्य आर्थिक विकास के साथ-साथ संसाधन सुरक्षा के माध्यम सेपारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध और जैव विविधता को संरक्षित करना है।
- राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति के सिद्धांत:
- प्राथमिक संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्र के साथ संतुलन के आधार पर सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति।
- संसाधनों के कम प्रयोग से अधिक विकास का प्रयास।
- संसाधनों का न्यूनतम दुरुपयोग।
- संसाधनों के बेहतर प्रयोग के माध्यम से पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करना साथ ही ज्यादा रोजगार के व्यापार मॉडल का विकसित करना।
राष्ट्रीय संसाधन दक्षता नीति, देश के सभी क्षेत्रों में जैविक और अजैविक संसाधनों की दक्षता के लिये एक व्यापक सहयोगात्मक ढाँचा प्रदान करेगी ताकि आर्थिक संवृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान भी प्रदान किया जा सके।