नगालैंड के स्थानीय नागरिकों का रजिस्टर (-RINN) | 01 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
असम सरकार की तर्ज़ पर नगालैंड सरकार ने भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens-NRC) तैयार करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- नगालैंड के गृह आयुक्त ने स्थानीय निवासियों की पहचान के संदर्भ में नगालैंड के स्थानीय नागरिकों का रजिस्टर (Register of Indigenous Inhabitants of Nagaland-RIIN) तैयार करने हेतु एक अधिसूचना जारी की है।
- इसका लक्ष्य जाली निवास पत्रों की जाँच करना एवं भारतीय स्थानीय नागरिकों की पहचान कर एक सूची तैयार करना है।
- इस कार्य के लिये नामित टीम (Designated Teams) 10 जुलाई 2019 से शहरी एवं ग्रामीण वार्डों में सर्वेक्षण प्रारंभ करेगी तथा यह कार्य राज्य के गृह आयुक्त की निगरानी में संपन्न होगा। स्थानीय और गैर-स्थानीय लोगों के बारे में जानकारी एकत्र करने हेतु 60 दिनों की समय सीमा तय की गई है।
- इस सर्वेक्षण में ग्रामीण एवं वार्ड स्तर पर स्थानीय निवासियों संबंधी आधिकारिक रिकॉर्ड के आधार पर सूची तैयार की जाएगी। ग्राम एवं वार्ड स्तर पर इसका पर्यवेक्षण ज़िला प्रशासन द्वारा किया जाएगा।
- राज्य सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों (Deputy Commissioners) को निम्नलिखित आदेश दिये गए हैं-
- अधिसूचना के प्रकाशन के एक सप्ताह के भीतर टीमों का नाम गठित किया जाए।
- टीमों के बारे में सभी जानकारियों को सार्वजनिक किया जाए।
- ग्राम परिषद के अध्यक्षों, ग्राम विकास बोर्ड सचिवों, वार्ड अधिकारियों,जनजातीय होहो (Tribal Hohos), चर्च अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों से संवाद स्थापित किया जाए।
‘होहो ‘प्रत्येक नगा समूह का शीर्ष निकाय है।
- ग्रामीण एवं वार्ड स्तर पर प्रत्येक परिवार के सदस्य को मूल निवास के आधार पर सूचीबद्ध किया जाएगा और परिवार के ऐसे सदस्य, जो किसी अन्य स्थान पर रहते हैं, का उल्लेख भी सूची में किया जाएगा।
- सूची के प्रारूप में ‘स्थायी निवास और वर्तमान निवास’ का उल्लेख अलग-अलग किया जाएगा। अगर कही आधार नंबर उपलब्ध है तो उसे भी दर्ज़ किया जाएगा।
- ज़िला प्रशासन के पर्यवेक्षण में, ग्राम और वार्ड अधिकारियों द्वारा प्रमाणित सूची को संबंधित गाँवों और वार्डों में प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही इस सूची पर शहरी एवं ग्रामीण अधिकारियों के अलावा संबंधित टीम के भी हस्ताक्षर होंगे।
दावे तथा आपत्तियों के लिये समय सीमा
- ये अस्थाई सूचियाँ गाँवों, वार्डों के साथ ही ज़िले और राज्य सरकार की वेबसाइटों पर भी प्रकाशित की जाएंगी। तत्पश्चात किसी भी दावे और आपत्तियों हेतु 10 अक्तूबर तक का समय दिया जाएगा।
- इसके बाद ज़िला प्रशासक आधिकारिक रिकॉर्ड और प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर दावे और आपत्तियों का निपटारा करेंगे। दावेदारों को सुनवाई का अवसर देने के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा एवं प्रत्येक निवासियों को एक विशिष्ट पहचान पत्र दिया जाएगा।
- सरकार के अनुसार, RINN की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद किसी भी स्थानीय निवासी को प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाएगा तथा राज्य के स्थानीय निवासियों से जन्म लेने वाले बच्चों को ही जन्म प्रमाण पत्र के साथ निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर
National Register of Citizens (NRC)
- NRC वह रजिस्टर है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल है। इसे 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था। रजिस्टर में उस जनगणना के दौरान गणना किये गए सभी व्यक्तियों के विवरण शामिल थे।
- इसमें केवल उन भारतीयों के नाम को शामिल किया जा रहा है जो कि 25 मार्च, 1971 के पहले से असम में रह रहे हैं। उसके बाद राज्य में पहुँचने वालों को बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा।
- NRC उन्हीं राज्यों में लागू होती है जहाँ से अन्य देश के नागरिक भारत में प्रवेश करते हैं। एनआरसी की रिपोर्ट ही बताती है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं।