राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति को मंज़ूरी | 02 Mar 2019
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति (National Policy on Software Products-NPSP) को मंज़ूरी दे दी।
उद्देश्य- सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग में 2025 तक 35 लाख रोज़गार सृजन करने के साथ-साथ लगभग 40% तक इस उद्योग की वृद्धि दर को पहुँचने में मदद करना। साथ ही अगले सात वर्षों में नीति के तहत विभिन्न योजनाओं में ₹1500 करोड़ के परिव्यय के साथ 2025 तक 70 से 80 बिलियन डॉलर के व्यापार को सुनिश्चित करना।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
- उभरती हुई प्रौद्योगिकी जैसे- इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, बिग डाटा, रोबोटिक्स को बढ़ावा देना भी इसी नीति के उद्देश्य बताए गए हैं।
- उपरोक्त संदर्भ में ₹1500 करोड़ के एक फंड (सॉफ्टवेयर उत्पाद विकास कोष/Software Products Development Fund) निर्माण को भी मंज़ूरी दी गई है। इसमें सरकारी अंशदान ₹1000 करोड़ का होगा जिससे सॉफ्टवेयर उत्पाद से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया जा सके। ये कोष वित्तीय रूप से एक पेशेवर वित्तीय संस्थान द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
- यह नीति वैश्विक बाज़ार में भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों की हिस्सेदारी को दस गुना तक बढ़ाने पर भी ध्यान देगी। सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग में 10,000 प्रौद्योगिकी स्टार्ट अप (जिसमें 1000 स्टार्ट अप टियर II और III से जुड़े हैं) के वित्तीय पोषण पर भी ध्यान दिया गया है।
- 10 लाख आईटी पेशेवरों के कौशल विकास के साथ-साथ 10,000 नेतृत्व दायक पेशेवरों के विकास पर भी ध्यान दिया गया है।
- इस नीति में सामाजिक चुनौतियों को हल करने के लिये नवाचार प्रोत्साहन एवं बौद्धिक संपदा से जुड़े साफ्टवेयर उत्पादों पर भी ध्यान दिया गया है।
- राष्ट्रीय साफ्टवेयर उत्पाद मिशन (National Software Product Mission ) की भी शुरुआत करने की योजना है जिसमें सरकार के साथ शैक्षणिक संस्थानों और औद्योगिक संस्थानों द्वारा सहयोग किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति की घोषणा राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक्स नीति की घोषणा के अगले ही दिन की गई है।
कुछ रोचक तथ्य
वर्तमान समय में आईटी-आईटीईएस उद्योग का कुल राजस्व 168 बिलियन डॉलर है। इसमें साफ्टवेयर उत्पाद उद्योग से मात्र 7.1 बिलियन डॉलर का ही राजस्व प्राप्त होता है, जबकि 2.3 बिलियन डॉलर का निर्यात होता है।
स्रोत: PIB & PTI