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भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय संग्रहालय

  • 18 Jan 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?


भारतीय सिनेमा के एक सदी से अधिक पुराने इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुंबई में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय (National Museum of Indian Cinema-NMIC) का निर्माण किया गया है।

प्रमुख बिंदु

NMIC

  • इस संग्रहालय का निर्माण 140.61 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
  • यह संग्रहालय श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में संग्रहालय सलाहकार समिति (Museum Advisory Committee) के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है तथा प्रसून जोशी की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस संग्रहालय को उन्नत बनाने में सहयोग किया है।
  • यह संग्रहालय दो इमारतों- ‘नवीन संग्रहालय भवन’ (New Museum Building) और 19वीं शताब्दी के ऐतिहासिक महल ‘गुलशन महल’ (Gulshan Mahal) में स्थित है। ये दोनों इमारतें मुंबई में फिल्म प्रभाग (Films Division) परिसर में हैं।

नवीन संग्रहालय भवन में चार प्रदर्शनी हॉल मौजूद हैं-

  1. गांधी और सिनेमा (Gandhi & Cinema) :  यहाँ महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्में मौजूद हैं। इसके साथ सिनेमा पर उनके जीवन के गहरे प्रभाव को भी दिखाया गया है।
  2. बाल फिल्म स्टूडियो (Children’s Film Studio):  यहाँ आगुंतकों, विशेष रूप से बच्चों को फिल्म निर्माण के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला को जानने का मौका मिलेगा।
  3. प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और भारतीय सिनेमा (Technology, creativity & Indian cinema): यहाँ भारतीय फिल्मकारों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी मिलेगी। रजत पटल पर फिल्मकारों के सिनेमाई प्रभाव को भी पेश किया गया है।
  4. भारतीय सिनेमा (Cinema across India) :  यहाँ देशभर की सिनेमा संस्कृति को दर्शाया गया है।

गुलशन महल (Gulshan Mahal)

Gulshan Mahal

  • गुलशन महल को मूल रूप से गुलशन आबाद (समृद्धि का बगीचा) के रूप में जाना जाता है। इसका निर्माण 1800 शताब्दी के मध्य में किया गया था। इस पर ‘खोजा मुस्लिम समुदाय’ (Khoja Muslim community) के एक गुजराती व्यापारी’ ‘पीरभॉय खलकदिना’ (Peerbhoy Khalakdina) का स्वामित्त्व था।
  • गुलशन महल ASI ग्रेड – II धरोहर संरचना (ASI Grade-II Heritage Structure) है। NMIC परियोजना के हिस्से के रूप में इसकी मरम्मत की गई है।
  • यहाँ पर भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष से अधिक समय की यात्रा दर्शाई गई है।
  • इसे 9 वर्गों में विभाजित किया गया है, जिनमें शामिल हैं-
  1. सिनेमा की उत्पत्ति (The Origin of Cinema)
  2. भारत में सिनेमा का आगमन (Cinema comes to India)
  3. भारतीय मूक फिल्म (Indian Silent Film)
  4. ध्वनि की शुरूआत (Advent of Sound)
  5. स्टूडियो युग (Studio Era)
  6. द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव (The impact of World War II)
  7. रचनात्मक जीवंतता (Creative Resonance)
  8. नई विचारधारा और उससे आगे/न्यू वेव एंड बियॉन्ड (New Wave and Beyond)
  9. क्षेत्रीय सिनेमा (Regional Cinema)

स्रोत : पी.आई.बी एवं द हिंदू

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