राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन | 11 May 2022

प्रिलिम्स  के लिये:

नमामि गंगे कार्यक्रम, जिला गंगा समितियाँ, स्वच्छ गंगा के लिये  राष्ट्रीय मिशन।

मेन्स के लिये:

गंगा नदी के कायाकल्प में नमामि गंगे कार्यक्रम का महत्त्व, संरक्षण।

चर्चा में क्यों? 

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के अंतर्गत 'इग्नाइटिंग यंग माइंड्स, नदियों का कायाकल्प' पर मासिक 'विश्वविद्यालयी वेबिनार' शृंखला के छठे संस्करण का आयोजन किया गया।  

  •  इस वेबिनार का विषय 'अपशिष्ट जल प्रबंधन' था।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG):

  • परिचय: 
    • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन गंगा नदी के कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय परिषद द्वारा कार्यान्वित किया जाता है जिसे ‘राष्ट्रीय गंगा परिषद’ भी कहा जाता है।  
    • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) राष्ट्रीय गंगा परिषद की कार्यान्वयन शाखा के रूप में कार्य करता है, जिसे अगस्त 2011 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
  • उद्देश्य: 
    • मिशन में मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को पूर्व अवस्था में लाना और बढ़ावा देना तथा सीवेज के प्रवाह की जाँच के लिये रिवरफ्रंट के निकास बिंदुओं पर प्रदूषण को रोकने हेतु तत्काल अल्पकालिक कदम उठाना शामिल हैं।
    • प्राकृतिक मौसम परिवर्तन में बदलाव के बिना जल प्रवाह की निरंतरता बनाए रखना।
    • सतही प्रवाह और भूजल को बढ़ाना तथा उसे बनाए रखना।
    • क्षेत्र की प्राकृतिक वनस्पतियों के पुनर्जीवन और उनका रखरखाव करना।
    • गंगा नदी बेसिन की जलीय जैव विविधता के साथ-साथ तटवर्ती जैव विविधता को संरक्षित और पुनर्जीवित करना।
    • नदी के संरक्षण, कायाकल्प और प्रबंधन की प्रक्रिया में जनता की भागीदारी की अनुमति देना।

संबंधित पहलें:

  • नमामि गंगे कार्यक्रम: नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 'फ्लैगशिप कार्यक्रम' के रूप में अनुमोदित किया गया था ताकि प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण एवं कायाकल्प जैसे दोहरे उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
  • गंगा एक्शन प्लान: यह पहली नदी कार्ययोजना थी जो 1985 में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा लाई गई थी। इसका उद्देश्य जल अवरोधन, डायवर्ज़न व घरेलू सीवेज के उपचार द्वारा पानी की गुणवत्ता में सुधार करना तथा विषाक्त एवं औद्योगिक रासायनिक कचरे (पहचानी गई प्रदूषणकारी इकाइयों से) को नदी में प्रवेश करने से रोकना था।
    • राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना गंगा एक्शन प्लान का ही विस्तार है। इसका उद्देश्य गंगा एक्शन प्लान के फेज-2 के तहत गंगा नदी की सफाई करना है।
  • राष्ट्रीय नदी गंगा बेसिन प्राधिकरण (NRGBA): इसका गठन भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-3 के तहत किया गया था।
    • गंगा नदी को 2008 में भारत की 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किया गया।
  • स्वच्छ गंगा कोष: वर्ष 2014 में इसका गठन गंगा की सफाई, अपशिष्ट उपचार संयंत्रों की स्थापना तथा नदी की जैविक विविधता के संरक्षण के लिये किया गया था।
  • भुवन-गंगा वेब एप: यह गंगा नदी में होने वाले प्रदूषण की निगरानी में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
  • अपशिष्ट निपटान पर प्रतिबंध: वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गंगा नदी में किसी भी प्रकार के कचरे के निपटान पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

गंगा नदी प्रणाली: 

  • यह उत्तराखंड में गोमुख (3,900 मीटर) के पास गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है जहाँ इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है।
  • देवप्रयाग में भागीरथी अलकनंदा से मिलती है; इसके बाद इसे गंगा के रूप में जाना जाता है।
  • गंगा उत्तरी मैदानों में हरिद्वार में प्रवेश करती है।
  • गंगा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है।
  • यमुना और सोन दाहिने किनारे की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं और बाएँ किनारे की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी और महानंदा हैं।
  • यमुना गंगा की सबसे पश्चिमी और सबसे लंबी सहायक नदी है और इसका स्रोत यमुनोत्री ग्लेशियर है।
  • गंगा सागर द्वीप के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है। 

Ganga-River

आगे की राह 

  • कीचड़ और उपचारित पानी का मुद्रीकरण 'अर्थ गंगा' के तहत नमामि गंगे कार्यक्रम के फोकस क्षेत्रों में से एक है, जिसका अर्थ है “ब्रिज ऑफ इकोनॉमिक्स’' या अर्थव्यवस्था रूपी सेतु के माध्यम से लोगों को गंगा से जोड़ना।
  • इस काम में जागरूकता पैदा करना और सामुदायिक नेतृत्व वाले प्रयास की प्रमुखता से ज़रूरत है। गंगा नदी के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व के अलावा हमें नदी से मिलने वाले आर्थिक लाभों पर भी ध्यान देना चाहिये। 
  • नमामि गंगे जैसे कार्यक्रम के लिये युवा पीढ़ी में सामाजिक और व्यावहारिक बदलाव लाना आवश्यक है तथा यह उचित संवाद द्वारा ही लाया जा सकता है।
  • वांछित परिवर्तन लाने के लिये सूचना का लक्षित प्रसार किया जाना चाहिये। स्वच्छता के प्रति पीढ़ी को जागरूक बनाने की ज़रूरत है और बाकी सब स्वतः ही ठीक हो जाएगा।  

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू):

प्रश्न: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013)  

नेशनल पार्क                   - पार्क के माध्यम से बहने वाली नदी

  1. कॉर्बेट नेशनल पार्क         -     गंगा 
  2. काजीरंगा नेशनल पार्क      -     मानस
  3. साइलेंट वैली नेशनल पार्क  -     कावेरी 

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 2  
(b) केवल 3  
(c) केवल 1 और 3  
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं  

उत्तर: (d)   

  • जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क: गंगा नदी की एक सहायक नदी रामगंगा पार्क के लिये पानी का प्राथमिक स्रोत है। रामगंगा की सहायक नदियाँ- खोह, कोल्हू और मंडल नदियाँ हैं। अत: युग्म 1 सुमेलित नहीं है।
  • काजीरंगा नेशनल पार्क: यह विश्व के एक सींग वाले गैंडों के लगभग दो-तिहाई की मेज़बानी करने वाला एक पार्क है और ब्रह्मपुत्र नदी से घिरा है। ब्रह्मपुत्र इसकी उत्तरी और पूर्वी सीमा बनाती है, जबकि मोरा डिफ्लू दक्षिणी सीमा बनाती है। पार्क के भीतर अन्य उल्लेखनीय नदियांँ डिफ्लू, मोरा और धनसिरी हैं। अत: युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है। 
  • साइलेंट वैली नेशनल पार्क:  केरल में स्थित इस पार्क का पूरा क्षेत्र कुंतीपुझा नदी के उत्तर से दक्षिण की ओर जाता है। यह नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है। अत: युग्म 3 सुमेलित नहीं है।
  • अत: विकल्प (d) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.