शासन व्यवस्था
राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019
- 01 Mar 2019
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 (National Mineral Policy 2019) को मंज़ूरी दे दी है।
उद्देश्य
- राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 का उद्देश्य अधिक प्रभावी, सार्थक और कार्यान्वयन योग्य नीतियाँ तैयार करना है जो स्थायी खनन प्रथाओं के साथ ही पारदर्शिता, बेहतर विनियमन एवं प्रवर्तन, संतुलित सामाजिक तथा आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती हैं।
लाभ
- नई राष्ट्रीय खनिज नीति अधिक प्रभावी विनियमन सुनिश्चित करेगी।
- यह परियोजना प्रभावित व्यक्तियों विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मुद्दों का समाधान करने के साथ ही भविष्य में सतत् खनन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगी।
खनन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 में शामिल प्रावधान :
- RP/PL धारकों के लिये पहले इनकार करने के अधिकार (Right of First Refusal) को लागू करना।
- निजी क्षेत्रों को अन्वेषण के लिये प्रोत्साहित करना।
- राजस्व शेयर आधार पर समग्र RP (Reconnaissance Permit) सह PL (Prospecting License) सह ML (Mining Lease) के लिये नए क्षेत्रों में नीलामी।
- खनन संस्थाओं के विलय और अधिग्रहण को प्रोत्साहन।
- निजी क्षेत्र के खनन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये खनन पट्टों का हस्तांतरण और समर्पित खनिज गलियारों का निर्माण।
- राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 में निजी क्षेत्रों में खनन के वित्तपोषण को बढ़ावा देने और निजी क्षेत्रों द्वारा अन्य देशों में खनिज संपत्ति के अधिग्रहण के लिये खनन गतिविधियों को उद्योग का दर्जा देने का प्रस्ताव किया गया है।
- इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि खनिज के लिये दीर्घकालिक आयात नीति से निजी क्षेत्र को व्यापार हेतु बेहतर योजना तैयार और व्यापार में स्थिरता लाने में मदद मिलेगी।
- नीति में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को दिये गए आरक्षित क्षेत्रों जिनका उपयोग नहीं किया गया है, को युक्तिसंगत बनाने और इन क्षेत्रों को नीलामी हेतु रखे जाने का भी उल्लेख किया गया है, जिससे निजी क्षेत्र को भागीदारी के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।
- इस नीति में निजी क्षेत्र की सहायता करने के लिये वैश्विक मानदंड के साथ कर, प्रभार और राजस्व के बीच सामंजस्य बनाने के प्रयासों का भी उल्लेख किया गया है।
अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु
- राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 के तहत शुरू किये जाने वाले बदलावों में ‘मेक इन इंडिया’ पहल और लैंगिक संवेदनशीलता (Gender sensitivity) पर ध्यान देना शामिल है।
- खनिजों में विनियमन के लिये ई-गवर्नेंस, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सक्षम प्रणाली, जागरूकता और सूचना अभियान शामिल किये गए हैं।
- NMP 2019 का उद्देश्य प्रोत्साहन के माध्यम से निजी निवेश को आकर्षित करना है जबकि खनिज संसाधनों के डेटाबेस बनाए रखने के लिये प्रयास किये जाएंगे।
- नई नीति, खनिजों की निकासी और परिवहन के लिये तटीय जलमार्गों एवं अंतर्देशीय शिपिंग के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करती है। साथ ही खनिजों के परिवहन को सुविधाजनक बनाने के लिये समर्पित खनिज गलियारों को प्रोत्साहित करने का भी प्रस्ताव करती है।
- परियोजना प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के समान विकास के लिये
- ज़िला खनिज निधि का उपयोग किया जाएगा।
- 2019 नीति पीढ़ीगत समानता (Inter-Generational Equity) की अवधारणा को भी प्रस्तुत करती है जो न केवल वर्तमान पीढ़ी की भलाई के लिये काम करती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों हेतु (खनन क्षेत्र में सतत् विकास सुनिश्चित करने के लिये) तंत्र को संस्थागत बनाने के लिये एक अंतर-मंत्रालयी निकाय का गठन करने का भी प्रस्ताव करती है।
पृष्ठभूमि
- राष्ट्रीय खनिज नीति 2019, मौजूदा राष्ट्रीय खनिज नीति 2008 (NMP 2008) का स्थान लेती है जिसे वर्ष 2008 में घोषित किया गया था।
- NMP 2008 की समीक्षा करने की प्रेरणा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सामान्य कारण बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में एक निर्देश के बाद आई।
- शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में, खान मंत्रालय ने NMP 2008 की समीक्षा करने के लिये खान मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. के. राजेश्वर राव की अध्यक्षता में 14 अगस्त, 2017 को एक समिति गठित की थी।
- समिति की बैठकों और हितधारकों की टिप्पणियों/सुझावों पर विचार-विमर्श के बाद, समिति ने रिपोर्ट तैयार कर खान मंत्रालय को प्रस्तुत की। खान मंत्रालय ने समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर पूर्व विधायी परामर्श नीति (Pre-legislative Consultation Policy-PLCP) प्रक्रिया के हिस्से के रूप में हितधारकों की टिप्पणियों/सुझावों को आमंत्रित किया। PLCP प्रक्रिया में प्राप्त टिप्पणियों/सुझावों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की टिप्पणियों/सुझावों के आधार पर राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 को अंतिम रूप दिया गया।
स्रोत : पी.आई.बी