राष्ट्रीय दुग्ध दिवस | 26 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय दुग्ध दिवस, भारत की श्वेत क्रांति, ऑपरेशन फ्लड, एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AHIDF), राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, राष्ट्रीय पशुधन मिशन मेन्स के लिये:भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी और पशुधन क्षेत्र की भूमिका, संबंधित मुद्दे और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये की गई पहल। |
चर्चा में क्यों?
पशुपालन विभाग 26 नवंबर, 2022 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मना रहा है।
- राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, 2022 समारोह के दौरान प्रदान किया गया।
- पशु संगरोध प्रमाणन सेवाओं का भी उद्घाटन किया गया है।
- प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस:
- यह दिवस एक व्यक्ति के जीवन में दूध के महत्त्व को रेखांकित करता है और इसका उद्देश्य दुग्ध से संबंधित लाभों को बढ़ावा देना तथा दूध एवं दुग्ध उत्पादों के महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है।
- 26 नवंबर, 2022 को "भारत में श्वेत क्रांति के जनक" डॉ. वर्गीज़ कुरियन की 101वीं जयंती मनाई जा रही है।
- ‘डॉ. वर्गीज़ कुरियन (1921-2012):
- उन्हें 'भारत में श्वेत क्रांति के जनक' के रूप में जाना जाता है।
- वह अपने 'ऑपरेशन फ्लड' के लिये काफी प्रसिद्ध हैं, जिसे दुनिया के सबसे बड़े कृषि कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है।
- उन्होंने विभिन्न किसानों और श्रमिकों द्वारा चलाए जा रहे 30 संस्थानों की स्थापना की।
- उन्होंने ‘अमूल ब्रांड’ की स्थापना और सफलता में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्ही के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत वर्ष 1998 में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया था।
- उन्होंने ‘दिल्ली दूध योजना’ के प्रबंधन में भी मदद की और कीमतों में सुधार किया। उन्होंने भारत को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनने में भी मदद की।
- उन्हें ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ (1963), ‘कृषि रत्न’ (1986) और ‘विश्व खाद्य पुरस्कार’ (1989) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- वह भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्मश्री (1965), पद्मभूषण (1966) और पद्मविभूषण (1999) के प्राप्तकर्त्ता भी हैं।
भारत की श्वेत क्रांति:
- परिचय:
- ऑपरेशन फ्लड 13 जनवरी, 1970 को लॉन्च किया गया था। यह विश्व का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम था।
- 30 वर्षों के भीतर ऑपरेशन फ्लड ने भारत में प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन को दोगुना करने में मदद की, जिससे डेयरी फार्मिंग भारत का सबसे बड़ा आत्मनिर्भर ग्रामीण रोज़गार उत्पन्न करने वाला क्षेत्र बन गया।
- ऑपरेशन फ्लड ने किसानों को उनके द्वारा उत्पन्न संसाधनों पर सीधा नियंत्रण प्रदान किया, जिससे उन्हें अपने स्वयं के विकास को निर्देशित करने में मदद मिली। इससे न केवल बड़े पैमाने पर उत्पादन हुआ, बल्कि इसे अब ‘श्वेत क्रांति’ (White Revolution) के रूप में भी जाना जाता है।
- चरण:
- चरण I (1970-1980): इस चरण को विश्व खाद्य कार्यक्रम के माध्यम से यूरोपीय संघ द्वारा दान किये गए बटर आयल और स्किम्ड मिल्क पाउडर की बिक्री से प्राप्त धन से वित्तपोषित किया गया था।
- चरण II (1981 से 1985): इस चरण के दौरान दुग्धशालाओं की संख्या 18 से बढ़कर 136 हो गई, दूध की दुकानों का विस्तार लगभग 290 शहरी बाज़ारों में किया गया, एक आत्मनिर्भर प्रणाली स्थापित की गई जिसमें 43,000 ग्राम सहकारी समितियों के 42,50,000 दूध उत्पादक शामिल थे।
- चरण III (1985-1996): इस चरण में डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार कर उन्हें सक्षम बनाया गया और कार्यक्रम को अंतिम रूप प्रदान किया गया। इसने दूध की बढ़ती मात्रा की खरीद और बाज़ार के लिये आवश्यक बुनियादी ढांँचे को भी मज़बूत किया।
- उद्देश्य:
- दूध उत्पादन को बढ़ाना।
- ग्रामीण आय में वृद्धि।
- उपभोक्ताओं के लिये उचित मूल्य।
- महत्त्व:
- इसने डेयरी किसानों को स्वयं के विकास के लिये निर्देशित करने में मदद की, उनके संसाधनों पर उन्हें नियंत्रण प्रदान किया।
- इसने भारत को वर्ष 2016-17 में दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बनने में मदद की है।
- वर्तमान में भारत 22% वैश्विक उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है।
- संबंधित पहल:
- पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund- AHIDF)
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन
- राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में स्वतंत्रता के बाद कृषि में हुई विभिन्न प्रकार की क्रांतियों की व्याख्या कीजिये। इन क्रांतियों ने भारत में गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में किस प्रकार मदद की है? (मुख्य परीक्षा, 2017) |