जैव विविधता और पर्यावरण
राष्ट्रीय राजमार्ग-766
- 11 Nov 2019
- 2 min read
प्रीलिम्स के लिये:
भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग
मेन्स के लिये:
वन्यजीवों की सुरक्षा संबंधी मुद्दे
चर्चा में क्यों?
केरल विधानसभा ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय राजमार्ग-766 (NH-766) पर यात्रा प्रतिबंध हटाने की मांग करते हुए 8 नवंबर, 2019 को एक प्रस्ताव पारित किया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने वाले NH-766 के वन क्षेत्र में रात्रि के समय यात्रा पर वर्ष 2009 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- वर्ष 1989 में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया और NH-212 नाम दिया गया जिसे बाद में बदलकर NH-766 कर दिया गया।
- यह वायनाड के लोगों के लिये एक जीवित मार्ग के रूप में कार्य करता है, क्योंकि इस स्थान पर रेल और पानी की कनेक्टिविटी का अभाव है।
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
- यह परस्पर जंगलों का हिस्सा है जिसमें मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य (तमिलनाडु), वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल) और नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (कर्नाटक) शामिल हैं।
- पेंच टाइगर रिजर्व (मध्य प्रदेश) के बाद भारत में इस स्थान पर बाघों की सबसे अधिक आबादी पाई जाती है।