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राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021

  • 28 Jul 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डोपिंग, नाडा, वाडा।

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021 के प्रावधान और संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में लोकसभा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021 पारित किया, जो राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के लिये वैधानिक ढाँचा तैयार करने का प्रयास करता है।

  • केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा इसे पहली बार दिसंबर, 2021 में लोकसभा में पेश किया गया था।
  • यह विधेयक खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करेगा क्योंकि यह उन्हें अपना पक्ष रखने के लिये पर्याप्त जगह प्रदान करेगा, खासकर जब वे डोपिंग रोधी आरोपों का सामना कर रहे हों।

विधेयक की मुख्य विशेषताएँ:

  • डोपिंग का निषेध:
    • विधेयक एथलीटों, एथलीट सपोर्ट कर्मियों और अन्य व्यक्तियों को खेल में डोपिंग में शामिल होने से रोकता है।
  • उल्लंघन के परिणाम:
    • डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के परिणामस्वरूप खिलाडी को अयोग्य ठहराया जा सकता है, जिसमें पदक, अंक और पुरस्कार की जब्ती, निर्धारित अवधि के लिये किसी प्रतियोगिता या कार्यक्रम में भाग लेने की अयोग्यता, वित्तीय प्रतिबंध आदि शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी हेतु वैधानिक समर्थन:
    • विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी को वैधानिक निकाय के रूप में गठित करने का प्रावधान करता है।
    • इसकी अध्यक्षता केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त महानिदेशक करेगा। एजेंसी के कार्यों में शामिल हैं:
      • डोपिंग रोधी गतिविधियों की योजना बनाना, उन्हें लागू करना और उनकी निगरानी करना।
      • डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन की जाँच।
      • डोपिंग रोधी अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  • खेल में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी बोर्ड (National Board for Anti-Doping in Sports):
    • डोपिंग रोधी विनियमन और डोपिंग रोधी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुपालन पर सरकार को सिफारिशें करने के लिये विधेयक खेल क्षेत्र में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी बोर्ड की स्थापना करता है।
    • बोर्ड एजेंसी की गतिविधियों की निगरानी करेगा और उसे निर्देश जारी करेगा।
  • डोप परीक्षण प्रयोगशालाएँ:
    • मौजूदा राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला को प्रमुख डोप परीक्षण प्रयोगशाला माना जाएगा।
    • केंद्र सरकार और अधिक राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित कर सकती है।

विधेयक का महत्त्व:

  • डोपिंग से लड़ने में एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के अलावा विधेयक एथलीटों को समयबद्ध न्याय प्राप्त करने का प्रयास करता है।
  • यह खेलों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने हेतु भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने का भी एक प्रयास है।
  • यह विधेयक डोपिंग रोधी निर्णय के लिये एक मज़बूत, स्वतंत्र तंत्र स्थापित करने में मदद करेगा।
  • यह विधेयक नाडा और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) के कामकाज को कानूनी मान्यता देगा।

विधेयक से संबद्ध मुद्दे:

  • महानिदेशक की योग्यता विधेयक में निर्दिष्ट नहीं हैं और नियमों के माध्यम से अधिसूचित करने के लिए छोड़ दी गई हैं।
  • केंद्र सरकार दुर्व्यवहार या अक्षमता या "ऐसे अन्य आधार" पर महानिदेशक को पद से हटा सकती है।
  • इन प्रावधानों को केंद्र सरकार के विवेक पर छोड़ने से महानिदेशक की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
    • यह विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी के अधिदेश के विरुद्ध भी है कि ऐसे निकायों को अपने संचालन में स्वतंत्र होना चाहिये।
  • बिल के तहत बोर्ड के पास अनुशासन पैनल और अपील पैनल के सदस्यों को उन आधारों पर हटाने का अधिकार है जो विनियमों द्वारा निर्दिष्ट किये जाएगे और बिल में निर्दिष्ट नहीं हैं।
  • इसके अलावा उन्हें सुनवाई का अवसर देने की आवश्यकता नहीं है। यह इन पैनलों के स्वतंत्र कामकाज को प्रभावित कर सकता है।

डोपिंग और संबंधित एजेंसियाँ:

  • परिचय:
    • प्रदर्शन बढ़ाने के लिये खिलाडियों द्वारा कुछ निषिद्ध पदार्थों का सेवन।
  • राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA):
    • राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) को भारत में डोप मुक्त खेलों के लिये एक जनादेश के साथ 24 नवंबर, 2005 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में स्थापित किया गया था।
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) कोड के अनुसार डोपिंग रोधी नियमों को लागू करना, डोप नियंत्रण कार्यक्रम को विनियमित करना, शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना तथा डोपिंग एवं इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
    • नाडा के पास इसके लिये आवश्यक अधिकार और ज़िम्मेदारी है:
      • डोपिंग नियंत्रण में योजना, समन्वय, कार्यान्वयन, निगरानी और सुधार की वकालत करना;
      • अन्य प्रासंगिक राष्ट्रीय संगठनों, एजेंसियों और अन्य डोपिंग रोधी संगठनों आदि के साथ सहयोग करना।
  • वाडा:
    • नवंबर 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के तहत विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) की स्थापना की गई थी।
    • खेल में डोपिंग के खिलाफ यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (2005) द्वारा WADA को मान्यता दी गई है।
    • WADA की प्राथमिक भूमिका सभी खेलों और देशों में एंटी-डोपिंग नियमों को विकसित करना, सामंजस्य तथा समन्वय स्थापित करना है।
    • यह विश्व डोपिंग रोधी संहिता (वाडा कोड) और उसके मानकों के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने, डोपिंग की घटनाओं की जाँच करने, डोपिंग पर शोध करने, खिलाड़ियों व संबंधित कर्मियों को डोपिंग रोधी नियमों के बारे में शिक्षित करने का कार्य करता है।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

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